ग्वालियर : 429 में से 110 कॉलोनियां हो चुकी हैं वैध …!

429 में से 110 कॉलोनियां हो चुकी हैं वैध:100 नई अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कवायद शुरू, दूसरी सूची इसी माह; अब फिर से प्रक्रिया तेज
शहर की 429 अवैध कॉलाेनियों में से 110 अवैध कॉलोनियों को वैध करने के बाद अब शेष में से 100 नई अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

शहर की 429 अवैध कॉलाेनियों में से 110 अवैध कॉलोनियों को वैध करने के बाद अब शेष में से 100 नई अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के भवन अधिकारी, भवन निरीक्षक और पटवारी मौका मुआयना कर प्रकरण तैयार कर रहे हैं। प्रक्रिया को इस माह के अंत तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इसके साथ ही 100 अवैध कॉलोनियां और वैध हो जाएंगी।

पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने प्रदेश की सभी अवैध कॉलोनियों को वैध करने के आदेश दिए थे। शर्त यह थी कि वैध होने वाली अवैध कॉलोनी 31 दिसंबर 2016 के पहले बसी हो। साथ ही एक निर्धारित प्रतिशत में यहां बसावट भी हो गई हो, लेकिन कानूनी पेंच में फंसने के कारण यह मामला लटक गया। उस समय निगम ने साढ़े छह सौ से अधिक अवैध कॉलोनियों पर काम किया था। इनमें से 429 कॉलोनियां ही वैध होने के दायरे में पाई गईं। हाल ही में निगम ने 110 अवैध कॉलोनियों को वैध किया है। प्रदेश के बड़े नगरीय निकाय भी इस मामले में पहल नहीं कर पाए हैं।

विधानसभा वार…नई सूची में शामिल होंगी ये कॉलोनियां

  • पूर्व विधानसभा क्षेत्र: सूरी नगर, मेहरा कॉलोनी, सुरक्षा विहार के साथ हुरावली और मेहरा-सिरौल क्षेत्र की कुछ कॉलोनियां।
  • दक्षिण विधानसभा क्षेत्र: आंग्रे कॉलोनी, लेले कॉलोनी, अयोध्या नगरी, समाधिया कॉलोनी के पीछे हिस्से में बनीं नई कॉलोनियां, न्यू श्रीकृष्ण नगर सहित हारकोटा सीर और सिकंदर कंपू क्षेत्र की कुछ कॉलोनियां।
  • ग्वालियर विस क्षेत्र: जगनापुरा के साथ ही मोतीझील पहाड़ी और सागरताल क्षेत्र में स्थित कॉलोनियां।
  • ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र: शांति नगर, सरस्वती नगर, खुरैरी कॉलोनी सहित खुरैरी, बड़ागांव और सिकंदर कंपू क्षेत्र की कुछ कॉलोनियां।

विकास शुल्क का होगा निर्धारण

अवैध कॉलोनियों को वैध करने से पहले निगम के अधिकारी सबसे पहले उन कॉलोनियों को सूची में शामिल करते हैं, जिनमें सड़क, सीवर, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों। इसके बाद शेष सुविधाओं के लिए एस्टीमेट बनाकर विकास शुल्क का निर्धारण किया जाता है। यह विकास शुल्क इन कॉलोनियों के रहवासियों से भवन निर्माण मंजूरी के दौरान वसूल किया जाता है। साथ ही जो मकान बन चुके हैं, उनके समझौता शुल्क के साथ उक्त शुल्क की वसूली की जाती है।

कॉलोनियों को वैध करने की दूसरी सूची जल्द जारी करेंगे

“सरकार की मंशा के अनुरूप हमने अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए तेजी से काम करते हुए पहली सूची जारी कर दी है। इसके साथ ही दूसरी सूची पर काम शुरू हो गया है। हम जल्द ही दूसरी सूची भी जारी करेंगे। हमारा प्रयास है कि हम तीन माह में वैध करने योग्य सभी कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया पूरी कर दें।”

आयुक्त नगर निगम

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