फैक्ट्री लगाने के लिए रीको से मिली सस्ती जमीन पर 800 अवैध वेयरहाउस

अफसर बोले – खबर मत छापो, पैसे ले लो:फैक्ट्री लगाने के लिए रीको से मिली सस्ती जमीन पर 800 अवैध वेयरहाउस

महेंद्र सिंह। - Dainik Bhaskar

महेंद्र सिंह।

राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन (रीको) की ओर से उद्योग लगाने के लिए सस्ती दर पर दी गई जमीन पर अवैध वेयरहाउस चल रहे हैं। जयपुर के विश्वकर्मा, सीतापुरा व बगरू इंडस्ट्रियल एरिया में पिछले 15 साल में 800 से ज्यादा वेयरहाउस बन चुके हैं। साइज व लोकेशन के हिसाब से एक वेयरहाउस का महीने का किराया 50 हजार सेे 20 लाख के बीच है। इसका औसत 2 लाख भी मान लें तो किराए से हर साल लगभग 200 करोड़ रुपए की कमाई हो रही है।

रीको के एमडी व एडवाइजर ने अवैध माना, पर कार्रवाई नहीं

भास्कर ने जब रीको के एडवाइजर (इंफ्रा) अरुण गर्ग से बात की उन्होंने माना कि ऐसा हो रहा है, लेकिन एमडी ही इसके बारे में ज्यादा बता पाएंगे। एमडी शिवप्रकाश नकाते से अब तक हुई कार्रवाई के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ज्यादा वेयरहाउस विश्वकर्मा में हैं। वहां के यूनिट हेड सीनियर डीजीएम महेंद्र सिंह को कह देता हूं आपको बता देंगे। महेंद्र का कॉल आया तो उन्होंने मिलकर बात करने को कहा। गुरुवार को ऑफिस बुलाया। बात शुरू होते ही कहा कि अवैध वेयरहाउस के बारे में जो कह रहे हो वो सब सही है मगर खबर मत छापना, मुझे दिक्कत हो जाएगी। आप तो आदेश करो, हिंट दो… 46 मिनट की बातचीत के अंत में उन्होंने खबर रोकने के लिए 10 हजार रुपए का ऑफर दिया।

कंपनियां चला रहीं गोदाम, एनओसी उद्योग के नाम पर
कंपनियां चला रहीं गोदाम, एनओसी उद्योग के नाम पर

बड़ी कंपनियां अवैध प्रॉपर्टी को लीज पर नहीं लेतीं। इससे निपटने के लिए रीको की चिट्‌ठी से खेल हो रहा है। वेयरहाउस मालिक रीको से ‘औद्योगिक प्रयोजनार्थ’ किराए पर देने के लिए अनुमति मांगते हैं। जवाब में रीको लिखता है कि इसके लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है। इस चिट्‌ठी को ऐसे पेश किया जाता है कि वेयरहाउस वैध हैं, जबकि रीको इन्हें अवैध मानता है। रीको की ओर से कभी-कभार नोटिस दिए जाते हैं, लेकिन कार्रवाई एक के खिलाफ भी नहीं हुई है। 15 साल में रीको में कई अधिकारी आए मगर किसी ने अवैध वेयरहाउस के खिलाफ मुहिम नहीं छेड़ी। शेष | पेज 8 उल्टी मांग- वेयरहाउस को भी उद्योग की श्रेणी में शामिल करे रीको तीनों इंडस्ट्रियल एरिया की एसोसिएशन की लंबे समय से मांग है कि वेयरहाउस को उद्योग की श्रेणी में शामिल किया जाए। इस मांग में यूनाइटेड काउंसिल ऑफ राजस्थान इंडस्ट्रीज (यूकोरी) भी साथ है। काउंसिल के महासचिव नीलेश अग्रवाल ने बताया कि नगरीय विकास विभाग वेयरहाउस को उद्योग मानता है, लेकिन रीको नहीं मानता। जेडीए वन टाइम लीज मनी लेकर वेयरहाउस के लिए फ्री होल्ड पट्‌टे दे रहा है, रीको भी ऐसा करे।

खबर से दिक्कत हो जाएगी -सीनियर डीजीएम


बड़ी संख्या में वेयरहाउस बने हुए हैं, येे वैध हैं या अवैध?

बने तो खूब सारे हुए हैं। आज के बने हुए नहीं हैं, कई साल से बन रहे हैं। रीको इन्हें इंडस्ट्री नहीं मानता इसलिए हैं तो गलत ही। पर क्या कर सकते हैं… चल रहे हैं।

आपने अब तक कितने वेयरहाउस को नोटिस दिए?
आप इस बात को छोड़िए। आप खबर करेंगे तो मुझे दिक्कत हो जाएगी। आप तो आदेश करो। क्यों मेरे लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हो। आदेश करो आप तो।

आप तो अपना पक्ष बता दो, मैं क्या आदेश कर सकता हूं?
नहीं, खबर नहीं! आप तो आदेश करो, कोई हिंट दो… मैं ये (कागज पर 10 हजार लिखकर) आपको कर दूंगा, आप खबर छोड़ो।

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