अपराधियों ने लोगों को मारने के लिए ऐसे हथियारों का किया उपयोग …?
अपराधियों ने लोगों को मारने के लिए ऐसे हथियारों का किया उपयोग, आप भी रह जाऐंगे हैरान
कत्ल का खेल, 12 महीने में 53 को मौत के घाट उतारा. हत्या के आकंड़े पिछले सालों की गिनती में कम. देहात में कुल्हाड़ी, डंडा, शहर में तमंचा और चाकू का खुलकर इस्तेमाल
ग्वालियर. @पुनीत श्रीवास्तव. नफरत और वर्चस्व साबित करने में इस साल 53 लोगों की जान चली गई। खूनी वारदातों का खेल शहर के अलावा देहात में भी चला है। इन वारदातों में हत्यारों ने दो नंबर के हथियारों का खुलकर इस्तेमाल किया है। हत्या के आकंड़े पिछले सालों की गिनती में कम हैं। पुलिस की दलील है अपराधियों को सिर उठाने का ज्यादा मौका नहीं मिला है। लॉकडाउन में जब लोगों की घर से बाहर निकलने पर पांबदी थी तब हत्याओं का ग्राफ ज्यादा था। पुलिस अधिकारी कहते हैं कई वारदातों की जड़ मरने वालों के बिगड़े बोल और नशा रहा है।
अंचल में बोली पर गोली चलाने की कहावत नहीं थमी है। इस साल शहर और देहात में हत्यारों ने 51 लोगों का कत्ल कर पुलिस को चैलेंज दिया है। सबसे ज्यादा वारदातें शहर में हुई हैं। इनमें 30 से ज्यादा वारदातों में दुश्मनी वजह रही है, जबकि बाकी अपराधों में नशा, वर्चस्व और हत्यारों ने अपने गुनाह को छिपाने के लिए बेकसूरों की जान ली है। इनमें 12 महिलाएं और नादान भी शामिल हैं। इन अपराधों की इंवेस्टीगेशन कर रहे पुलिस अधिकारी कहते हैं संगीन अपराधों के बढ़ने की अहम वजह नशा और सोशल मीडिया है। जघन्य अपराधों में दबोचे गए अपराधियों में ज्यादातर नशे के आदी हैं। पूछताछ में इनमें कई ने सोशल मीडिया से अपराध करने और पुलिस को चकमा देने के तरीके सीखने के चौकाने वाले खुलासे भी किए हैं।
इन हथियारों का इस्तेमाल
शहर में हत्यारों ने तमंचे, पिस्टल और धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया है। पुलिस ने हत्यारोपियों को तो गिरफ्तार किया लेकिन अवैध हथियार हासिल कराने वालों का खुलासा नहीं कर पाई। देहात में हत्यारों ने ज्यादातर वारदातों में पत्थरों से कुचलकर, सरिया और कुल्हाड़ी मारकर लोगों की जान ली।
हजीरा में रहने वाली 9 साल की नादान को नाना कल्लू राठौर आइक्रीम का लालच देकर ले गया। नादान को कल्लू हजीरा से गुजरने वाली रेल पटरियों के पास ले गया। वहां उसके साथ रेप किया और पत्थर से कुचल कर हत्या की। पुलिस के हाथ में आने पर वहशी ने खुलासा किया नशे में उसने नातिन से रेप किया। फिर इस गुनाह को छिपाने के लिए पत्थर से कुचल कर उसकी जान ली। उसे डर था बच्ची जिंदा घर लौट गई तो वह पकड़ा जाएगा।
हत्याओं का ग्राफ
साल हत्याएं
2021 81
2020 75
2019 62
2018 72
साल 2022 में 7 दिसंबर तक पुलिस के खाते में हत्या की 51 वारदातें आ चुकी हैं। जबकि पिछले 4 साल में हत्या की 290 वारदात पुलिस ने दर्ज की हैं।
अमित सांघी, एसएसपी ग्वालियर