भिंड के सपाड़ ग्राम के निवासी राजीव दैपुरिया बने IES …यूपीएससी इंजीनियरिंग

यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम में पहले स्थान पर रहे ….

भिंड के राजीव दैयपुरिया ने यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विस एग्जाम को क्वालीफाई कर देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। अब वो भारतीय इंजीनियरिंग सर्विसेज में अपनी सेवाएं देंगे। इनकी यह उपलब्धि को लेकर भिंड नहीं पूरे बल्कि चंबल अंचल के लोगों में हर्ष बना हुआ है। देश अलग-अलग प्रांतों से भी राजीव को सोशल मीडिया और फोन कॉल के माध्यम से बधाइयां मिल रही हैं।

यूपीएससी की इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकॉम इंजीनियरिंग परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए है। मध्य प्रदेश भिंड जिले के राजीव दैपुरिया ने देशभर में पहला स्थान प्राप्त कर टॉप किया है। दरअसल, युवक का नाम राजीव दैपुरिया है। और इनके पिता का नाम रघुराज देपुरिया हैं जो सपाड़ फूफ ग्राम भिंड के निवासी हैं।

प्राथमिक शिक्षा हिंदी मीडियम से

भिंड के कुशवाहा कॉलोनी में रहने वाले राजीव दैयपुरिया के पिता रघुराज जल संसाधन विभाग में रिटायर्ड है। माता मुन्नी देवी घरेलू महिला है। तीन भाई और एक बहन में सबसे छोटे राजीव बचपन से ही पढ़ने लिखने का शौक था। उनकी प्राथमिक शिक्षा हिंदी मीडियम स्कूल से हुई। इसके बाद मिडिल और हाईस्कूल की पढ़ाई के दौरान राजीव बताते हैं कि उनको भी अंग्रेजी विषय काफी कठिन लगता था। अंग्रेजी को समझने के लिए डिक्शनरी साथ में रखे थे। कड़ी मेहनत और लगन के साथ उन्होंने 10वीं और 12वीं में अव्वल अंक हासिल किए थे।

जनवरी 2022 में एनटीपीसी में एज्युकेटिव इंजीनियर बने

आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए उन्होंने इंजीनियर की और जनवरी 2022 में एनटीपीसी में कार्यपालन के पद पर पदस्थ हैं। जॉब के साथ-साथ राजीव ने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए दिन-रात पढ़ाई की और मार्च महीने में उन्होंने यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विसेज का एग्जाम दिया था जिस का फाइनल रिजल्ट बीते रोज आया। रिजल्ट आते ही उन्होंने अपना स्थान देखा तो देश में प्रथम स्थान पर था। भारतीय इंजीनियरिंग सर्विसेज (IES) में अपनी सेवाएं देंगे।

बेटे कि सफलता की खुशी में लड्डू खिलाकर बधाई देती हुई राजीव दैयपुरिया की मां मुन्नी देवी।
बेटे कि सफलता की खुशी में लड्डू खिलाकर बधाई देती हुई राजीव दैयपुरिया की मां मुन्नी देवी।

सबसे पहले भैया को फ़ोन किया

उन्होंने बताया रिजल्ट आने के बाद सबसे पहले मैंने अपने मझले भैया आलोक दैयपुरिया को बताया। जब पहले तो उन्होंने मेरी बात पर विश्वास नहीं किया जब उन्होंने स्वयं देखा तब उन्होंने मेरी बात मां से कराई। इसके बाद जैसे ही लोगों को इस बात की जानकारी लगी तो लोगों ने बधाई देना शुरू कर दिया। घर में पहले स्थान पर रहने पर अब राजस्थान दिल्ली नोएडा समेत कई शहरों के लोग फोन पर सोशल मीडिया पर बधाई दे रहे हैं।

मां-पिता के विश्वास से मिली सफलता

राजीव बताते हैं कि मैं परिवार में सबसे छोटा हूं। बड़े भाई अमित दैयपुरिया पेशे से शिक्षक है। छोटे भाई आलोक दैयपुरिया सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। हम तीन भाई और एक बहन है। सभी सबसे बड़ी बहन संयमा है जोकि शिक्षिका है। मेरी सफलता के पीछे मेरे परिवार का सबसे बड़ा हाथ है। मेरी तैयारी में मेरे दो भाइयों का पूरा सहयोग रहा। माता पिता को मुझ पर पूरा विश्वास था इस कारण से सफल हो सका।

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