ग्वालियर : अतिक्रमण कर अवैध रूप से बसाई कॉलोनियां …!

अवैध रूप से अतिक्रमण कर बसाई गई कॉलोनियों में नगर निगम की ओर से नगरीय सुविधाएं तब तक नहीं मिल सकेंगी जब तक कॉलोनियों को विधिवत वैध नहीं किया…

नगरीय सुविधाओं से वंचित रहेंगी अतिक्रमण कर अवैध रूप से बसाई कॉलोनियां
ग्वालियर. अवैध रूप से अतिक्रमण कर बसाई गई कॉलोनियों में नगर निगम की ओर से नगरीय सुविधाएं तब तक नहीं मिल सकेंगी जब तक कॉलोनियों को विधिवत वैध नहीं किया जाता। वैधता के दायरे में लाने के लिए संबंधित भवन स्वामी को उक्त भूमि की लीज लेनी होगी। इसके लिए एक निर्धारित धनराशि सरकारी कोष में जमा करानी होगी।
शहर में वार्ड क्रमांक 59 अंतर्गत बाराघाटा, कोठीगांव तथा केदारपुर क्षेत्र में डेढ़ दर्जन सरकारी सर्वे नंबर पर अवैध रूप से कॉलोनियां बन गई हैं। वहीं मुरैना रोड वायपास किनारे अलग-अलग छह सरकारी सर्वे नंबरों पर भू-माफिया ने अवैध कॉलोनी बसा दी है। ऐसे में उपरोक्त कॉलोनियों में अब सड़क, बिजली, पानी तथा अन्य प्रकार की नगरीय सुविधाएं बंद रहेंगी। दरअसल उपरोक्त कॉलोनियों के अवैध होने के बावजूद लोगों को जमीन तथा भवन से बेदखल किए जाने के बजाय उन्हें उक्त जमीन लीज पर देकर जायज तरीके से रहने का अवसर प्रशासनिक स्तर पर प्रदान किया जा रहा है।
लीज शुल्क जमा करने के लिए भी आगे नहीं आ रहे अतिक्रामक
सरकारी जमीन पर भवन बनाकर रह रहे अतिक्रामक लीज शुल्क भी जमा करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। अतिक्रामकों का कहना है कि उन्होंने उक्त जमीन की विधिवत कीमत चुकाई है हालांकि इसके ऐवज में रजिस्ट्री होने के बजाय भू-माफिया ने नोटरी थमा दी है। ऐसे में वह एक ही भूमि का दो बार भुगतान करने की स्थिति में नजर नहीं आ रहे हैं।
नामजद होने के बावजूद भू-माफिया पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा प्रशासन
अवैध कॉलोनाइजर्स के खिलाफ कार्रवाई करने में प्रशासन को पसीने छूट रहे हैं। ऐसा नहीं है कि भू-माफिया अज्ञात हैं। जिन कॉलोनाइजर्स ने अवैध कॉलोनियां बसाईं हैं उनके नाम कब्जाधारक अतिक्रमकों को दी गई नोटरियों के जरिए जाहिर हैं। बावजूद इसके एक भी माफिया पर प्रशासन कानूनी कार्रवाई नहीं कर पाया है। सरकारी भूखंड पर भवन बनाकर रह रहे लोगों का कहना है कि उन्होंने तो रुपए देकर जमीन क्रय की है। जिसने जमीन का विक्रय किया उसके खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करे।
अवैध कॉलोनियों को हटाने के दो बार के प्रयास हुए विफल
प्रशासन की ओर से 28 नवंबर 2022 एवं 5 दिसंबर 2022 को अवैध कॉलोनियां हटाने की रणनीति तैयार की गई थी। दोनों ही बार राजनीतिक शख्सियतों की दखलअंदाजी के चलते अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाई। लिहाजा सरकारी स्तर पर आई गाइडलाइन के तहत अब प्रशासन उपरोक्त अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए भवनों के स्वामियों को लीज शुल्क अदा करना होगा।
लीज शुल्क जमा ना हो इसके लिए भी ला रहे राजनीतिक सिफारिशें
अवैध कॉलोनियों को वैधता प्रदान करने के लिए लीज शुल्क जमा कराए जाने की प्रक्रिया शुरू कराई गई है। लेकिन उसे भी जमा नहीं करना पड़े इसके लिए राजनीतिक शख्सियतों के जरिए सिफारिशें जरिए सिफारिशें आ रही हैं। हम शुल्क जमा करने के लिए शिविर लगाएंगे जिसमें स्थानीय पार्षद व अन्य जनप्रतिनिधियों का सहयोग भी लेंगे।
किशोर कान्याल, आयुक्त नगर निगम ग्वालियर

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