ग्वालियर : 5.50 करोड़ की पब्लिक बाइक शेयरिंग योजना ने तोड़ा दम

5.50 करोड़ की पब्लिक बाइक शेयरिंग योजना ने तोड़ा दम, ना ही साइकिल बचीं और ना ही ट्रैक बचा

शहर के लोगों को फिट रखने और प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से स्मार्ट सिटी द्वारा 5.50 करोड़ रुपए खर्च कर शुरू की गई पब्लिक बाइक शेयङ्क्षरग योजना अब पूरी तरह दम...

5.50 करोड़ की पब्लिक बाइक शेयरिंग योजना ने तोड़ा दम, ना ही साइकिल बचीं और ना ही ट्रैक बचा
ग्वालियर. शहर के लोगों को फिट रखने और प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से स्मार्ट सिटी द्वारा 5.50 करोड़ रुपए खर्च कर शुरू की गई पब्लिक बाइक शेयरिंग योजना अब पूरी तरह दम तोड़ चुकी है। अधिकारियों की अनदेखी के कारण साइकिलें जर्जर हो गईं, इससे लोगों की रुचि भी साइकिल चलाने में नहीं बची। इस वजह से साइकिलें डॉङ्क्षकग स्टेशन पर कबाड़ हो रही हैं। साथ ही साइकिल चलाने के लिए नगर निगम द्वारा शहर में बनवाए गए साइकिल ट्रैक भी पूरी तरह बदहाल हैं। इनमें जगह-जगह करीब 50 से अधिक कट लगे हुए हैं। ट्रैक पर गंदगी पसरी है। कई जगह ठेले वालों व फुटपाथी दुकानदारों ने ट्रैक पर अतिक्रमण कर लिया है और सब्जी, फल बेचे जा रहे हैं।
2012 में निगम द्वारा शहर में कुछ स्थानों पर साइकिल ट्रैक बनाया गया था। इसके बाद 2017 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत साइकिल ट्रैक तैयार किए गए। करीब 6 साल पूर्व स्मार्ट सिटी व निगम ने मिलकर 10 किमी का साइकिल ट्रैक तैयार कराया गया और स्मार्ट सिटी के माध्यम से 500 साइकिल खरीदी गईं। इन पर करीब 5.50 करोड़ रुपए खर्च किए गए। लेकिन अब इन पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कंपनी को धनराशि के साथ दी थी जगह
शहर में स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर कर्नाटक की स्मार्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को टेंडर दिया गया था। स्मार्ट सिटी ने कपंनी को साइकिल खरीदने के लिए 2 करोड़ 40 लाख रुपए का अनुदान और हर महीने मेंटेनेंस के लिए 12 लाख 90 हजार रुपए के साथ मुफ्त में जगह दी।

ट्रैक पर साइकिङ्क्षलग मुश्किल
साइकिल ट्रैक पर करीब 50 ऐसे कट हैं जो साइकिङ्क्षलग पर ब्रेक लगाते हैं। ट्रैक से होकर कॉलोनियों से हाईवे को जोडऩे वाले रास्ते भी हैं। लेकिन इन रास्तों पर लोगों का आना-जाना बना रहता है। कोई भी बिना ब्रेक के साइकिङ्क्षलग नहीं कर सकता है, क्योंकि ट्रैक का रास्ता कई जगह आड़ा तिरछा है, तो कई जगह यह जर्जर व टूटे पड़े हैं।

50 स्टैंड बदहाल, साइकिलें भी खराब
वर्तमान में साइकिल के लिए शहर में बनाए गए 50 स्टैंड (डॉङ्क्षकग स्टेशन )बदहाल पड़े हैं। जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से साइकिल में जंग लगने के साथ उनकी सीट सहित अन्य सामान भी खराब हो चुके हैं।
10 किलोमीटर में बना था ट्रैक
नगर निगम की ओर से करीब 5.5 करोड़ रुपए खर्च कर गांधी रोड, जीवाजी विश्वविद्यालय रोड, थाटीपुर रोड, फूलबाग, सेवानगर, हजीरा रोड, कांच मिल सहित कई जगह पर 10 किलोमीटर का साइकिल ट्रैक बनवाया गया था। लेकिन अनदेखी किए जाने के कारण ट्रैक पूरी तरह खराब हो गया।
यहां हैं ट्रैक
– थाटीपुर चौराहा से मानङ्क्षसह चौराहा।
– तानसेन चौराहा से राजमाता ङ्क्षसधिया चौराहा।
– राजमाता ङ्क्षसधिया चौराहा पुल से विवेक नगर तक।
– गोङ्क्षवदपुरी चौराहा से अशोक ङ्क्षसह के बंगले के पास।
– मंगलम गार्डन से कलेक्ट्रेट तक।
साइकिल की स्थिति
– साइकिल के लिए ऐप डाउनलोड हुए करीब- 82 हजार
– साइकिल चलाई गई- 3.30 लाख किमी
– प्रदूषण बचाया गया लगभग- 98246 किलो
– शहर में साइकिल हैं- 500
– साइकिल ट्रैक पर कुल खर्च -5.5 करोड
– साइकिल ट्रैक बना है-10 किमी

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