बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर काशीविश्वनाथ और महाकाल जैसा होगा भव्य …?
5 एकड़ जमीन पर खर्च होंगे 250 करोड़; सर्वे रिपोर्ट 2 दिन बाद सौंपी जाएगी …
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के 5 एकड़ के क्षेत्र में कॉरिडोर का निर्माण होना है। कॉरिडोर की भव्यता काशी विश्वनाथ और उज्जैन महाकाल की तर्ज पर होगी। डीएम पुलकित खरे ने नगर आयुक्त अनिल झा की अध्यक्षता में 8 सदस्य समिति का गठन किया गया है। यह समिति कॉरिडोर क्षेत्र का चिह्नांकन करेगी। इसके अलावा भक्तों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की योजना भी बना कर प्रस्तुत करेगी। इससे जल्द ही बांके बिहारी के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी।
कॉरिडोर क्षेत्र में आएंगे 300 भवन
5 एकड़ में बनने वाले बांके बिहारी जी कॉरिडोर क्षेत्र में 307 भवन आएंगे। इनमें कुछ घर हैं,कुछ धर्मशाला तो कुछ पुरानी कुंज। इसके अलावा 14 गलियां रहेंगी। इस कॉरिडोर से बांके बिहारी जी मंदिर के समीप मौजूद प्राचीन राधा बल्लभ मंदिर और मदन मोहन को दूर रखा जाएगा। लेकिन करीब 8 छोटे मंदिर इस दायरे में आ सकते हैं।
आठ सदस्यीय समिति ने सर्वे का काम शुरू किया
जिलाधिकारी की ओर से बनाई गई कमेटी में 8 अधिकारी नामित किए गए हैं। जिसमें अपर जिला अधिकारी वित्त एवम राजस्व,विकास प्राधिकरण सचिव,एसडीएम सदर,विशेष भू अध्यापित अधिकारी, एआईजी स्टांप, एक्सीएन लोक निर्माण विभाग के अलावा सीओ सदर को शामिल किया गया है।
आठ सदस्यीय कमेटी ने मंगलवार को सुबह विद्यापीठ चौराहे पर बने एक होटल में मीटिंग की। उसके बाद टीम के सदस्य परिक्रमा मार्ग स्थित जुगल घाट पर पहुंचे। यहां से टीम ने भवनों का चिह्नांकन करते हुए उन पर नंबर डालना शुरू कर दिया। टीम जुगल घाट होते हुए रंगीली कुंज,जंगल कट्टी होते हुए हरगुलाल की हवेली पहुंची। रास्तों में पड़े भवनों की जानकारी की और चिह्नांकन करते हुए वहां पर भी नंबर डाले।
3 तरफ से बनाए जाएंगे रास्ते
बांके बिहारी मंदिर में बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार काशी कॉरिडोर और विंध्याचल कॉरिडोर की तरह कॉरिडोर बनाना चाहती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए टीम ने 3 रास्तों को प्रवेश और निकास के लिए चिह्नित किया। इनमें पहला रास्ता विद्यापीठ चौराहा से होगा जबकि दूसरा जुगल घाट से और तीसरा वीआईपी रोड।
25 से 30 मीटर हो सकते हैं रास्ते
बांके बिहारी जी मंदिर के लिए बनाए जाने वाले कॉरिडोर के रास्ते 25 से 30 मीटर चौड़े हो सकते हैं। अभी यह रास्ते कहीं 20 फीट तो कहीं 30 फीट हैं। कॉरिडोर बनने के बाद यह रास्ते 75 फीट से 90 फीट तक हो जायेंगे। जानकारी के अनुसार विद्यापीठ से लेकर जुगल घाट तक कॉरिडोर तक बनने वाला रोड 25 मीटर तक चौड़ा होगा।
शनिवार तक टीम सौंपेगी रिपोर्ट
भवनों के चिह्नांकन और मूल्यांकन के लिए बनाई गई टीम शनिवार तक अपनी रिपोर्ट जिला अधिकारी को सौंप सकती है। टीम के अध्यक्ष नगर आयुक्त अनुनय झा ने बताया कि 3 से 4 दिन में रिपोर्ट तैयार की जायेगी। इसके बाद यह रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। जिलाधिकारी भवनों के चिह्नांकन और मूल्यांकन के साथ बनाई गई रिपोर्ट 17 जनवरी को हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान प्रस्तुत करेंगे।
250 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान
बांके बिहारी मंदिर के लिए बनने वाले कॉरिडोर में लागत कितनी आएगी यह तो किसी अधिकारी ने नहीं बताया लेकिन सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार जमीन से संबंधित कार्य में करीब 250 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। इसमें जमीन के चिह्नांकन,मुआवजा शामिल है।
बता दें कि बांके बिहारी मंदिर कॉरीडोर की कार्ययोजना हाईकोर्ट में पेश की जानी है। इसके लिए एक दिन पहले ही जिलाधिकारी पुलकित खरे ने नगर आयुक्त अनुनय झा के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम बनाई थी। कार्ययोजना में मंदिर पहुंच मार्ग, सड़क चौड़ीकरण, दुकानों की व्यवस्था, जूते चप्पल रखने के स्थान, सीसीटीवी कैमरे, बैरियर, जन सुविधाएं, परिक्रमा पथ, यात्री सुविधा केंद्र, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपज हॉल जैसी सुविधाओं की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है।