इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए …?

इंश्योरेंस लेने के 13 दिन बाद मौत:कंपनी का क्लेम से इनकार, एजेंट के बहकावे में नहीं; जरूरत चेक कर खरीदें पॉलिसी

बीमा यानी इंश्योरेंस कराने के 13 दिन बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस पर कंपनी ने क्लेम देने से बचने के लिए प्रीमियम वापस दे दिया। कंपनी ने कहा कि इंश्योरेंस हुआ ही नहीं।

कंपनी के खिलाफ मृतक की पत्नी ने कोर्ट में पिटिशन यानी याचिका डाली। सुप्रीम कोर्ट ने बीमा कंपनी से क्लेम दिलाया। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस ऋषिकेश राय की बेंच ने कहा कि कंपनी ने क्लेम देने से बचने के लिए अनएथिकल यानी अनैतिक रास्ता अपनाया है।

आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना फायदेमंद है या नहीं जैसी जरूरी बातें…

सवाल: इंश्योरेंस आखिर है क्या?
जवाब: इंश्योरेंस रिस्क मैनेज करने का एक तरीका है। भविष्य में अचानक होने वाले फाइनेंशियल लॉस के लिए इंश्योरेंस कराया जाता है। जब आप इंश्योरेंस खरीदते हैं तो कंपनी को रेगुलर बेसिस पर कुछ पैसा देते हैं जिसे प्रीमियम कहा जाता है। इसके बाद जब भी आप किसी तरह की फाइनेंशियल प्रॉब्लम में होते हैं तो कंपनी आपको पॉलिसी के हिसाब से पैसा देती है।

सवाल: इंश्योरेंस कितने तरह के होते हैं?
जवाब: इंश्योरेंस 2 तरह के होते हैं:

  • लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance)
  • जनरल इंश्योरेंस (General Insurance)

सवाल: लाइफ इंश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस में क्या अंतर है?
जवाब: लाइफ इंश्योरेंस खरीदने वाले व्यक्ति की असमय मृत्यु होने पर उसके परिवार को इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से मुआवजा (पैसा) मिलता है, ताकि परिवार को फाइनेंशियल हेल्प मिल सके।

जनरल इंश्योरेंस में गाड़ी, घर, जानवर, फसल और हेल्थ का इंश्योरेंस शामिल होता है। मान लीजिए, आपने घर का जनरल इंश्योरेंस ले लिया। अब अगर आपके घर को किसी भी तरह का नुकसान होता है, जैसे चोरी या बाढ़ या भूकंप की वजह से छत टूटना आदि तब उसकी भरपाई का पैसा इंश्योरेंस कंपनी देती है।

सवाल: इंश्योरेंस पॉलिसी में इंवेस्ट करने का क्या फायदा है, यह दूसरे इंवेस्टमेंट से कैसे अलग है?
जवाब: इंश्योरेंस पॉलिसी में इंवेस्ट करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस पर मार्केट की कंडीशन का कोई फर्क नहीं पड़ता है। साथ ही इंश्योरेंस की प्रीमियम पर टैक्स की छूट भी मिलती है। वहीं स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड और दूसरे इंवेस्टमेंट में ऐसा नहीं है।

सवाल: इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त एक आम व्यक्ति क्या भूल करता है?
जवाब: दरअसल इंश्योरेंस कंपनी अपने एडवर्टाइजमेंट में इमोशनल अपील कर उन्हें आश्वस्त करती हैं कि बुरे वक्त में कंपनी ही आपकी मदद करेगी। इससे आम लोग आसानी से फंस जाते हैं।

सवाल: इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने कस्टमर हक में क्यों फैसला किया?
जवाब: इंश्योरेंस कंपनी ने बेक डेट यानी पिछली तारीख का लेटर जारी कर क्लेम देने से मना कर दिया था। जो एक कस्टमर के साथ धोखा और कानूनन गलत था। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने कस्टमर के हक में फैसला दिया।

हर कामकाजी व्यक्ति के पास होनी चाहिए ये 5 इंश्योरेंस पॉलिसी

  • टर्म/लाइफ
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • साइबर
  • होम

सवाल: पॉलिसी सिलेक्ट करते वक्त किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
जवाब: पॉलिसी खरीदने से पहले इन 8 बातों का ख्याल रखना चाहिए…

  • अलग-अलग कंपनियों की पॉलिसी देखें और समझें। अगर किसी पॉलिसी को ठीक से समझना है तो एजेंट से संपर्क करें। वहीं अलग-अलग कंपनियों की पॉलिसी समझने के लिए इंश्योरेंस ब्रोकर से बात कर सकते हैं।
  • खुद से कुछ जरूरी सवाल भी करें कि आप पॉलिसी क्यों और किसके लिए खरीदना चाहते हैं। साथ ही अपना बजट देखें और तय कर लें कि कितने समय के लिए कवर चाहते हैं।
  • पहले जरूरी इंश्योरेंस जैसे हेल्थ, लाइफ, कार लें। इसके बाद ही दूसरे इंश्योरेंस पर खर्चा करें।
  • इंश्योरेंस कंपनी से ये जरूर पूछें कि किन कंडीशन्स में कवर क्लेम नहीं कर सकते हैं। इन्हें एक्सक्लूजन्स कहा जाता है।
  • अगर पहले से कोई पॉलिसी ली है तो उसी कंपनी से दूसरी पॉलिसी लेने पर विचार करें। ऐसे में कंपनियां मल्टी-पॉलिसी डिस्काउंट और लॉयल्टी प्रोग्राम के तहत कई दूसरे बेनिफिट्स दे सकती हैं।
  • इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी जरूरतों को हर साल रिव्यू करें।
  • पेमेंट टाले नहीं। इसे एक बैड रिस्क माना जाता है। अगर पॉलिसी रिन्यू नहीं कराना चाहते तो कंपनी को पहले से ही इन्फॉर्म कर दें।
  • पॉलिसी से जुड़ी दूसरी सर्विसेज के बारे में भी पहले से ही सारी जानकारी हासिल कर लें।

सवाल: क्या कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना फायदेमंद है?
जवाब: हां, कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना फायदेमंद होता है क्योंकि…

  • कम उम्र में पॉलिसी सस्ती मिल जाती है। जैसे- 5 लाख रुपए की कवरेज के प्लान के लिए 25 साल की उम्र में 5000 रुपए प्रीमियम, 35 की उम्र में 6000 रुपए का प्रीमियम और 45 की उम्र में 8000 रुपए का प्रीमियम देना होगा।
  • आजकल ज्यादातर कंपनियां अपने एम्पलॉय को इंश्योरेंस देती है। यह सोचकर यंगस्टर्स अलग से इश्योरेंस नहीं लेते हैं। याद रखें कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ेगी बीमार पड़ने की आशंका बढ़ेगी, जिसके खर्चे एम्पलॉयर इंश्योरेंस से पूरे नहीं हो पाएंगे। इसलिए अलग से मेडिकल इश्योरेंस जरूर लें।
  • खराब लाइफस्टाइल की वजह से कम उम्र में ही दिल, लंग्स, किडनी से जुड़ी बीमारियां होने लगी हैं। साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में रेगुलर हेल्थ चेकअप, काउंसलिंग, स्क्रीनिंग और जरूरी वैक्सीनेशन करा सकते हैं।
  • जल्दी हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग कम उम्र में ही बेहतर हो जाती है।

सवाल: इंश्योरेंस कंपनी अगर फ्रॉड करे या उसकी पॉलिसी में कोई गड़बड़ी है, तो उसके खिलाफ कैसे और कहां शिकायत की जा सकती है?
जवाब: अगर किसी कंपनी से इंश्योरेंस खरीदा है और उससे जुड़ी कोई परेशानी आ रही है और कंपनी सुनने को तैयार नहीं है, तो ऐसे उसकी शिकायत इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI में कर सकते हैं।

सबसे पहले कंपनी के ग्रीवांस रिड्रेसल ऑफिसर के पास शिकायत लिखित में दर्ज कराएं। इसमें जरूरी डॉक्युमेंट्स अटैच करें।

शिकायत करने पर डेट के साथ रिसीविंग भी लें।

इंश्योरेंस कंपनी अगर 15 दिनों के अंदर कोई हल नहीं निकालती है तो IRDAI से संपर्क करें।

IRDAI के कंज्यूमर मामलों के डिपार्टमेंट में ग्रीवांस रिड्रेसल सेल से संपर्क करें।

टोल फ्री नंबर: 155255 या 18004254732 पर कॉल करें।
मेल करें: complaints@irda.gov.in

इसके अलावा

IRDAI की ऑफिशियल वेबसाइट से अपनी शिकायत फॉर्म डाउनलोड कर लें। फॉर्म भरकर और जरूरी डॉक्यूमेंट्स अटैच करके डाक और कोरियर के जरिए इस पते पर भेजें-

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई),

उपभोक्ता मामले विभाग – शिकायत निवारण कक्ष,

सर्वे नं. – 115/1, फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट,नानकरामगुडा,

गच्चिबावली, हैदराबाद- 500032.

सवाल: अगर मैं शराब पीता हूं, मगर इंश्योरेंस कराते हुए झूठ बोला है कि नहीं पीता तो क्या नुकसान हो सकता है?
जवाब:
 यह गलत है। जब भी हम किसी इंश्योरेंस कंपनी से पॉलिसी खरीदते हैं तो एक कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें यह बात भी लिखी होती है कि अगर कस्टमर द्वारा दी गई जानकारी गलत निकली तो कंपनी के पास अधिकार होता है कि उसके लिए क्लेम न दें।

इसी तरह अगर आपको अस्थमा, हार्ट रिलेटेड कोई बीमारी है और आपने पॉलिसी लेते वक्त इसे नहीं बताया तो कंपनी को कहीं से पता चल गया तो क्लेम देने मना कर सकती है।

सवाल: अगर मुझे कोई बीमारी है तो क्या हेल्थ इंश्योरेंस के लिए ज्यादा प्रीमियम देना होगा?
जवाब: अगर ब्लड शुगर, हाईपर टेंशन जैसी कोई बीमारी है तो जाहिर सी बात है कि इसमें रिस्क ज्यादा है। ऐसे में थोड़े पैसे बढ़ जाते हैं।

सवाल: मार्च-अप्रैल -2023 में टैक्स भरने से पहले अगर इंश्योरेंस करा लूं तो क्या उसका मुझे कोई फायदा मिलेगा?
जवाब: अगर आपने पूरे फाइनेंशियल ईयर में कोई पॉलिसी ली है तो आपको उसका बेनिफिट मिलेगा। यह फायदा इनकम टैक्स के नियम के अनुसार मिलेगा।आप म्युच्युअल फंड भी इसके लिए ले सकते हैं।

सवाल: पैसों के लिए क्लेम करने से पहले किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
जवाब: क्लेम करने से पहले आपको नीचे लिखे रूल्स को फॉलो करना होगा…

  • सभी डॉक्युमेंट्स, जरूरी रिकॉर्ड और रसीदों को संभाल कर रखें।
  • सभी रिकॉर्ड्स, रसीद और डॉक्युमेंट्स की हार्ड और सॉफ्ट कॉपी दोनों रखें।
  • बारिश से हुए सभी प्रकार के नुकसान को लिखकर रखें।
  • आप फोटो और वीडियो भी बना सकते हैं।
  • घर के सभी सामानों की एक लिस्ट जरूर बनाएं।
  • क्लेम फाइल करते वक्त घर के सामान की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
  • इस बात का ख्याल भी रखें कि क्लेम निर्धारित समय सीमा के अंदर करना है।
  • इंश्योरेंस से रिलेटेड सभी नियम और अपडेट्स की रेगुलर जांच करें।

चलते-चलते
Term insurance और Endowment policy में क्या बेहतर है?
दोनों में से क्या बेहतर है ये समझने के लिए पहले Term insurance और Endowment policy को ठीक से समझ लेते हैं।

Term insurance: टर्म इंश्योरेंस लेने वाले की अगर अचानक मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को फाइनेंशियल प्रोटेक्शन मिलता है। इसमें आप तय कर सकते हैं कि कितने समय के लिए लाइफ कवर चाहिए।

इंश्योरेंस खरीदते हुए ही मृत्यु के बाद मिलने वाला अमाउंट भी तय कर लिया जाता है। अगर निर्धारित समय के बाद भी इंश्योरेंस लेने वाला जीवित रहता है तो कोई फायदा नहीं मिलता। इसमें कम प्रीमियम पर ज्यादा कवर मिल सकता है।

Endowment policy: इसमें इंश्योरेंस और इंवेस्टमेंट दोनों का फायदा मिलता है। एक निर्धारित समय के लिए नियमित रूप से कुछ पैसा सेव किया जाता है। इसके बाद पॉलिसी मैच्योर होने पर अगर खरीदने वाला जीवित रहता तो उसे सेव किया हुआ पूरा पैसा एकसाथ मिल जाता है। वहीं अगर पॉलिसी खरीदने वाले की मृत्यु पॉलिसी टर्म पूरा होने से पहले हो जाती है, तो उसके पैसे के साथ-साथ एक बोनस अमाउंट भी दिया जाता है। फाइनेंशियल इमर्जेंसी आने पर पॉलिसी में लगा कुछ पैसा निकाल भी सकते हैं। इसके प्रीमियम महंगे होते हैं।

ऐसे तय करें कि दोनों में से आपके लिए क्या बेहतर है…

  • हर इंसान के लिए इंश्योरेंस खरीदने की वजह अलग होती है। आप समझें कि आपको सिर्फ इंश्योरेंस चाहिए या उसके साथ इन्वेस्टमेंट भी चाहिए।
  • अपने बजट का भी ध्यान रखें। Term insurance का प्रीमियम सस्ता है और Endowment policy का महंगा।

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