इंदौर : NRI कहीं मिलें तो कहकर जाए कि इंदौर फिर आऊंगा

रातोरात धुलेंगे सड़क-डिवाइडर, सिक्योरिटी में TI लेवल के अफसर तैनात:लोगों से अपील …

प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए ब्रांडिंग से पब्लिक बॉन्डिंग तक इंदौर तैयार है। इंतजार है मेहमानों का..। मालवा की झलक को दिलोजहन में बैठाने के लिए शहर के चप्पे-चप्पे को ऐसा सजाया जा रहा है कि जहां जाए रुक जाए, जिससे मिले, तो कह उठे कि इंदौर तो फिर से आऊंगा..।

सुरक्षा के लिए चौबीस घंटे टीआई लेवल के अफसरों की ड्यूटी लगाई है तो होटल को अस्पतालों से अटैच कर दिया है। एम्बुलेंस रिजर्व रखी गई है। महापौर ने तो चिट्‌ठी लिख दी है कि लोग जब उनसे मिलें तो ऐसा व्यवहार करें कि वे याद संजोकर ले जाएं।

वो 4 बड़ी बातें, जो सिर्फ देश में इंदौर के पास है…

  • सफाई में देश में नंबर एक है, आज से नहीं छह साल से..।
  • कचरे से बायो सीएनजी बनाने वाला एशिया का सबसे बड़ा प्लांट सिर्फ यहीं है।
  • जब G20 की अध्यक्षता भारत को मिली, उसके बाद पहला सम्मेलन यहीं हो रहा है।
  • उन चुनिंदा शहरों में से एक, जिसके दाएं और बाएं दोनों तरफ मात्र 30 मिनट की दूरी पर इंडस्ट्रियल एरियाज हैं।

दुनिया की तमाम हस्तियों को जो नजारे सिर्फ मेट्रो सिटीज या PM मोदी के शहर वाराणसी ने दिखाए, वो इस बार टियर-2 सिटी भी दिखाएगी। 17 साल से चले आ रहे सम्मेलन के लिए केरल, यूपी के बाद मध्य प्रदेश ऐसा पहला शहर होगा जहां प्रदेश की राजधानी के बजाय किसी और शहर को चुना गया है।

10 पॉइंट्स और तस्वीरों में बताते हैं ब्रांड इंदौर कैसे जीतेगा प्रवासियों का दिल…

सफाई का चैलेंज.. आइल पेंट से डिवाइडर रंगे, बार-बार पोंछे जा रहे, धोएंगे भी

स्वच्छता के मामले में इंदौर ने शनिवार को एक और इतिहास रच दिया। स्वच्छता के मामले में इंदौर ने लगातार छठी बार देश में अपना परचम लहरा दिया। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 के अवार्ड समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने यह अवार्ड प्रदान किया। खास बात यह कि इंदौर ने लगातार छह सालों तक स्वच्छ सर्वेक्षण में न सिर्फ नं. 1 रैंक बरकरार रखी, बल्कि नए-नए प्रयोग कर वेस्ट टू वेल्थ के सस्टेनेबल मॉडल को स्थापित किया।
स्वच्छता के मामले में इंदौर ने शनिवार को एक और इतिहास रच दिया। स्वच्छता के मामले में इंदौर ने लगातार छठी बार देश में अपना परचम लहरा दिया। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 के अवार्ड समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने यह अवार्ड प्रदान किया। खास बात यह कि इंदौर ने लगातार छह सालों तक स्वच्छ सर्वेक्षण में न सिर्फ नं. 1 रैंक बरकरार रखी, बल्कि नए-नए प्रयोग कर वेस्ट टू वेल्थ के सस्टेनेबल मॉडल को स्थापित किया।

17 साल में सात बार प्रवासी सम्मेलन की मेजबानी कर चुका नई दिल्ली शहर भी आज कूड़े-करकट और उसके पहाड़ से जूझ रहा है पर इंदौर उलट बात कर रहा है। उसने होर्डिंग्स लगाए हैं कि स्वच्छता का आनंद लीजिए, आप इंदौर में हैं। इसे दिखाने के लिए सड़कें रात, दिन साफ की जा रही हैं। ऑइल पेंट से डिवाइडर्स पोते गए हैं। इन्हें बार-बार पोंछा जा रहा है। सम्मेलन से ठीक पहले इसे धोया भी जाएगा। किनारों की धूल खत्म करने के लिए पैबर्स ब्लॉक रंगे जा रहे हैं।

रंगपंचमी की गेर से बताएंगे इंदौरियों का जोश

कोरोना के कारण दो साल मार्च 2022 में बाद रंगपंचमी पर जब शहर में गेर निकली, तो इसके रंग में रंगने के लिए पूरा शहर ही राजवाड़ा पहुंच गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गेर में पांच लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए। ऐसे में मल्हारगंज से लेकर राजवाड़ा तक कुछ ही घंटों में गेर के पूरे मार्ग को साफ करना बड़ी चुनौती था, लेकिन निगम की टीम ने रिकॉर्ड दो घंटे से भी कम समय में पूरे गेर मार्ग को साफ कर दिया, और दिखा दिया कि इंदौर यूं ही स्वच्छता में नंबर वन शहर नहीं बनता।
कोरोना के कारण दो साल मार्च 2022 में बाद रंगपंचमी पर जब शहर में गेर निकली, तो इसके रंग में रंगने के लिए पूरा शहर ही राजवाड़ा पहुंच गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गेर में पांच लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए। ऐसे में मल्हारगंज से लेकर राजवाड़ा तक कुछ ही घंटों में गेर के पूरे मार्ग को साफ करना बड़ी चुनौती था, लेकिन निगम की टीम ने रिकॉर्ड दो घंटे से भी कम समय में पूरे गेर मार्ग को साफ कर दिया, और दिखा दिया कि इंदौर यूं ही स्वच्छता में नंबर वन शहर नहीं बनता।

जिस बड़े से हॉल में कारोबारी दिग्गज, NRI और इन्वेस्टर्स बैठाए जाएंगे, वहां उनके सामने हमारी इंडस्ट्रीज, आईटी पार्क जैसे डेवलपमेंट की तस्वीरों के बीच एक अलग फोटो होगी- इंदौर की रंगपंचमी की गेर की। यह बताने के लिए कि, दुनिया में बरसों में कोई फुटबॉल-क्रिकेट वर्ल्ड जीतने का जश्न होता है, उससे बड़ी तस्वीर तो इंदौर अपनी रंगपंचमी पर हर साल उकेरता है। लिहाजा, रंगपंचमी की राजबाड़ा आने वाली गेर की भव्य तस्वीर भी सबको दिखाई जाएगी। वैसे ये आइडिया इंदौर के स्थानीय लोगों ने दिया था।

एशिया का सबसे बड़ा CNG प्लांट.. कचरे से कंचन और कमाई तक का आइडिया

एशिया का सबसे बड़ा 550 टन प्रतिदिन की क्षमता के बायो सीएनजी प्लांट स्थापित कर 2.52 करोड़ की सालाना आय भी शुरू की। दूसरे शहर जहां कचरे की प्रोसेसिंग में करोड़ों खर्च कर रहे हैं वहीं, हमारा शहर कार्बन क्रेडिट सहित कचरे के उत्पादों से 12 करोड़ रुपए सालाना कमा रहा है। इंदौर इकलौता शहर है, जिसने कचरे के कलेक्शन और ट्रांसपोर्टेशन पर

बॉयो सीएनजी प्लांट के जरिए इंदौर की आधुनिकतम सोच को बिल्ट किया जाएगा। इसे भी सभी प्रवासियों के बीच शेयर किया जाएगा। 17 हजार किलो ग्राम सीएनजी कैसे रोज बनाई जा रही है, उसे कचरे से कंचन थीम पर बताएंगे। यह पहला होगा जब एशिया के सबसे बड़े प्लांट की थीम, वर्किंग और हर महीने की चार करोड़ की कमाई का पूरी ताकत से जंचाया, बताया जाएगा। इसका दौरा भी करेंगे दोनों मुख्य अतिथि करेंगे।

4. कनेक्टिविटी का कोलोब्रेशन.. महाकाल के अलावा मांडू, महेश्वर टूरिस्ट प्लेस भी नजदीक

महाकाल के आंगन को 856 करोड़ रुपए की लागत से 2 फेज में डेवलप किया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद 2.8 हेक्टेयर में फैले महाकाल का पूरा एरिया 47 हेक्टेयर का हो जाएगा। पूरे महाकाल लोक (फर्स्ट फेज) में 15 हजार टन राजस्थानी पत्थर लगाया गया है। महाकाल लोक पहले चरण में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से 4 गुना बड़ा है। दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद यह 9 गुना बड़ा हो जाएगा। पूरे कैंपस को घूमने और दर्शन के लिए 4 से 5 घंटे का वक्त लगेगा। 946 मीटर लंबे कॉरिडोर पर चलते हुए भक्त महाकाल मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचेंगे। कॉरिडोर पर चलते हुए उन्हें बाबा महाकाल के अद्भुत रूपों के दर्शन तो होंगे ही, शिव महिमा और शिव-पार्वती विवाह की भी गाथा देखने-सुनने को मिलेगी।

इंदौर की कनेक्टिविटी पीथमपुर, देवास जैसे पुराने इंडस्ट्रियल एरियाज से ही नहीं है। कालों के काल महाकाल भी बस एक घंटे की दूरी पर हैं तो टूरिज्म स्पॉट मांडू का रूपमति का महल भी बस एक घंटे दूर है। यह भी बताया जाएगा कि खूबसूरत टापू हनुमंतिया हो या दूसरा ज्योर्तिलिंग ओंकारेश्वर और साड़ियों वाला महेश्वर.. सब यहीं से घंटेभर की दूरी पर है।

5. इंदौरी सत्कार.. पधारो म्हारा घर का आइडिया

मेहमाननवाजी में इंदौर का कोई सानी नहीं। यही वजह है कि 100 से ज्यादा लोगों ने एनआरआई को रहने के लिए अपना घर उपलब्ध कराने की पहल की है। इंदौर के कुछ होस्ट तो एनआरआई के लिए खुद ही ड्राईवर बनने को तैयार है। उनका कहना है कि इससे वे जहां एनआरआई से बेहतर तरीके से कनेक्ट हो सकेंगे साथ ही वे उन्हें शहर के बारे में भी बता सकेंगे और शहर घूमाने में भी आसानी होगी। कम्युनिकेशन में भी दिक्कत नहीं आएगी।
मेहमाननवाजी में इंदौर का कोई सानी नहीं। यही वजह है कि 100 से ज्यादा लोगों ने एनआरआई को रहने के लिए अपना घर उपलब्ध कराने की पहल की है। इंदौर के कुछ होस्ट तो एनआरआई के लिए खुद ही ड्राईवर बनने को तैयार है। उनका कहना है कि इससे वे जहां एनआरआई से बेहतर तरीके से कनेक्ट हो सकेंगे साथ ही वे उन्हें शहर के बारे में भी बता सकेंगे और शहर घूमाने में भी आसानी होगी। कम्युनिकेशन में भी दिक्कत नहीं आएगी।

पहली बार प्रवासी भारतीयों को होटल्स में रुकने के बजाय आम लोगों के घर में रुकने का ऑप्शन मिल रहा है। इसकी वजह है कि वे लोगों को समझें, लोग उनको..। इसके लिए 87 घरों को चुन लिया गया है। कई लोगों ने तो प्रवासियों को इंदौर घुमाने के लिए अपने तीन दिन का कीमती वक्त छोड़कर उनके ड्राइवर बनने की सहमति दे दी है ताकि वे अनकंफर्टेबल फिल ना करे।

5. महापौर की पाती- ठीक से मिलिएगा, ताकि हमेशा याद करें

"माता अहिल्याबाई के आशीर्वाद से हमारा इंदौर शहर देश ही नहीं अपितु विश्व में अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है। बात चाहे स्वच्छता की हो, संस्कृति की हो या स्वाद की, हमारा इंदौर शहर सदैव इन प्रतिमानों के लिए उत्कृष्ट रहा है, किन्तु इन सभी प्रतिमानों से भी ऊपर अगर हमारा इंदौर उत्कृष्ट माना जाता है तो वह है अपने अतिथि सत्कार के लिए...। जी हाँ! हमारे इंदौर शहर के लिए मेहमान भगवान का रूप हैं, और हम सभी पूर्ण निष्ठा, सेवा और समर्पण से हमारे अतिथियों का स्वागत-अभिनंदन करने के लिए जाने जाते हैं। इसीलिए हमारे क्षेत्र में यह कहा जाता है कि “ईश्वर होते है जिन पर मेहरबान, उन्हीं के दरवाज़े आते है मेहमान”। आपका मित्र - पुष्यमित्र भार्गव, महापौर,इंदौर।
“माता अहिल्याबाई के आशीर्वाद से हमारा इंदौर शहर देश ही नहीं अपितु विश्व में अपनी एक विशिष्ट पहचान रखता है। बात चाहे स्वच्छता की हो, संस्कृति की हो या स्वाद की, हमारा इंदौर शहर सदैव इन प्रतिमानों के लिए उत्कृष्ट रहा है, किन्तु इन सभी प्रतिमानों से भी ऊपर अगर हमारा इंदौर उत्कृष्ट माना जाता है तो वह है अपने अतिथि सत्कार के लिए…। जी हाँ! हमारे इंदौर शहर के लिए मेहमान भगवान का रूप हैं, और हम सभी पूर्ण निष्ठा, सेवा और समर्पण से हमारे अतिथियों का स्वागत-अभिनंदन करने के लिए जाने जाते हैं। इसीलिए हमारे क्षेत्र में यह कहा जाता है कि “ईश्वर होते है जिन पर मेहरबान, उन्हीं के दरवाज़े आते है मेहमान”। आपका मित्र – पुष्यमित्र भार्गव, महापौर,इंदौर।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव चिट्‌ठी इसमें एक और दिलचस्प बात जोड़ रही है। उन्होंने इंदौर के नाम पत्र जारी कर कहा है कि यह सिर्फ सरकार का आयोजन नहीं है, इंदौर का है। इस लिहाज से हमें ब्रांड और इमेज पर ज्यादा ध्यान देना है। आप में से किसी न किसी ने प्रवासी भारतीय मिलेंगे, रुकेंगे, बात करेंगे। आपसे जब वे मिलें तो उन्हें यह कहकर जाना पड़े कि मैं फिर से जरूर इंदौर आऊंगा…।

6. एयरपोर्ट से लेकर मंदिर से गुरुद्वारा तक में खास तैयारी

इंदौर और मध्यप्रदेश की ब्रांडिंग लाइन अलग-अलग तैयार की जा रही है। इंदौर की ब्रांडिंग पूरी तरह से सफाई में नंबर 1 शहर पर की गई है। इसके लिए लाइन दी गई है- स्वच्छता का आनंद लीजिए, आप इंदौर में हैं…। जबकि मध्यप्रदेश की ब्रांडिंग इंडस्ट्रीज और टूरिज्म से जोड़कर दिखाई है। इसमें लिखा है कि MP, द फ्यूचर रेडी स्टेट यानी मध्यप्रदेश, भविष्य के लिए है तैयार..।
इंदौर और मध्यप्रदेश की ब्रांडिंग लाइन अलग-अलग तैयार की जा रही है। इंदौर की ब्रांडिंग पूरी तरह से सफाई में नंबर 1 शहर पर की गई है। इसके लिए लाइन दी गई है- स्वच्छता का आनंद लीजिए, आप इंदौर में हैं…। जबकि मध्यप्रदेश की ब्रांडिंग इंडस्ट्रीज और टूरिज्म से जोड़कर दिखाई है। इसमें लिखा है कि MP, द फ्यूचर रेडी स्टेट यानी मध्यप्रदेश, भविष्य के लिए है तैयार..।

इंदौर में मंदिरों से लेकर गुरुद्वारा तक प्रवासी सम्मेलन के लिए खास तैयारी दिख रही है। यहां इनके लिए प्रसादी के साथ में खास इंतजाम देखने को मिलेंगे। इतना ही नहीं, एयरपोर्ट के प्रबंधक प्रचालन इंदौर के अमोल ठाकुर ने बताया कि पहली बार एयरपोर्ट साइट पर मालवी नृत्य होगा। गुयाना के राष्ट्रपति डॉ.मोहम्मद इरफान अली और सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद के अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत मालवी नृत्य के साथ करेंगे।

7. इकलौता शहर जहां आईआईटी, आईआईएम दोनों हैं

इंदौर भारत का एकमात्र स्थान है जहां आईआईटी और आईआईएम दोनों स्थित हैं। आईआईएम इंदौर देश के 4800 शहरों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगा। इन शहरों के अफसरों व जनप्रतिनिधियों समेत डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को पांच वर्षों से लगातार सफाई में नंबर वन इंदौर का मॉडल समझाया जाएगा। यह प्रक्रिया तीन वर्ष तक जारी रहेगी। इसके लिए केंद्र सरकार आईआईएम को 20 करोड़ रुपए उपलब्ध कराएगी। यह पहला मौका है, जब केंद्र सरकार किसी आईआईएम को इस तरह स्टडी सेंटर के लिए फंड दे रही है। सफाई के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस का यह मॉडल आईआईएम इंदौर ने ही तैयार किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण में शामिल होने वाले देश के सभी नगरीय निकायों को यह ट्रेनिंग दी जाएगी।
इंदौर भारत का एकमात्र स्थान है जहां आईआईटी और आईआईएम दोनों स्थित हैं। आईआईएम इंदौर देश के 4800 शहरों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगा। इन शहरों के अफसरों व जनप्रतिनिधियों समेत डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को पांच वर्षों से लगातार सफाई में नंबर वन इंदौर का मॉडल समझाया जाएगा। यह प्रक्रिया तीन वर्ष तक जारी रहेगी। इसके लिए केंद्र सरकार आईआईएम को 20 करोड़ रुपए उपलब्ध कराएगी। यह पहला मौका है, जब केंद्र सरकार किसी आईआईएम को इस तरह स्टडी सेंटर के लिए फंड दे रही है। सफाई के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस का यह मॉडल आईआईएम इंदौर ने ही तैयार किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण में शामिल होने वाले देश के सभी नगरीय निकायों को यह ट्रेनिंग दी जाएगी।

ब्रांडिंग में इंडस्ट्रियल, जनता की सोच ही नहीं, एजुकेशन लेवल को भी जोड़ा जा रहा है। यह बताया जाएगा कि इंदौर भारत का इकलौता शहर है जहां आईटीआई और आईआईएम दोनों हैं।

9. इंदौर की जान है कपड़ा बाजार, 2000 करोड़ से ज्यादा सालाना टर्नओवर

महाराजा तुकोजीराव होलकर द्वितीय (1844-1866) ने इंदौर में कपड़ा मिल स्थापित करने का निर्णय लिया। एमपी में कुल 16 मिलें खुलीं जिनमें से इंदौर में स्थापित की गईं राजकुमार, होप टेक्सटाइल्स, हुकुमचंद, स्वदेशी, इंदौर मालवा मिल और कल्याण मिल। उस वक्त करीब 14 हजार प्रत्यक्ष और 20 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार लोगों को मिलता था। इतनी सारी कपड़ा मिलें थीं इसलिए इंदौर को एमपी का मेनचेस्टर कहा जाने लगा। इस वक्त इंदौर में कपड़ों का 2 हजार करोड़ का कारोबार है। ये प्रदेश में सबसे बड़ा है।
महाराजा तुकोजीराव होलकर द्वितीय (1844-1866) ने इंदौर में कपड़ा मिल स्थापित करने का निर्णय लिया। एमपी में कुल 16 मिलें खुलीं जिनमें से इंदौर में स्थापित की गईं राजकुमार, होप टेक्सटाइल्स, हुकुमचंद, स्वदेशी, इंदौर मालवा मिल और कल्याण मिल। उस वक्त करीब 14 हजार प्रत्यक्ष और 20 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार लोगों को मिलता था। इतनी सारी कपड़ा मिलें थीं इसलिए इंदौर को एमपी का मेनचेस्टर कहा जाने लगा। इस वक्त इंदौर में कपड़ों का 2 हजार करोड़ का कारोबार है। ये प्रदेश में सबसे बड़ा है।

मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में डेढ़ सौ साल पुरानी परंपरा का आज भी पूरी तरह पालन हो रहा है। अति प्राचीन महाराजा तुकोजी राव क्लॉथ मार्केट की शान आज भी बरकरार है। इसका सालाना टर्नओवर दो हजार करोड़ है। इंदौर की कपड़ा मंडी भारत ही नहीं अरब देशों में भी चर्चित रही है। देश की आजादी के पहले कई प्रमुख कपड़ा मिल इंदौर में स्थापित हुई।

10. आरआरकेट और मिलिट्री हेडक्वार्टर ऑफ वॉर (महू) भी यहां

राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआर कैट) ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है, जिसके द्वारा चीन से आयात की जाने वाली कांच की लेजर ट्यूब को सुधारकर गैस रिफिल की जा सके। इससे लेजर का जीवन तो बढ़ेगा ही, चीन पर हमारी निर्भरता भी कम होगी। हमें वर्तमान में दो लाख लेजर का आयात करना पड़ रहा है। देश में हर प्रकार की कटिंग के लिए चीन की इसी लेजर का उपयोग हो रहा है। आरआर कैट का सेना और रक्षा क्षेत्र में विशेष योगदान है। यहां पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन स्व. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी प्रोजेक्ट पर काम करने आ चुके हैं।
राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआर कैट) ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है, जिसके द्वारा चीन से आयात की जाने वाली कांच की लेजर ट्यूब को सुधारकर गैस रिफिल की जा सके। इससे लेजर का जीवन तो बढ़ेगा ही, चीन पर हमारी निर्भरता भी कम होगी। हमें वर्तमान में दो लाख लेजर का आयात करना पड़ रहा है। देश में हर प्रकार की कटिंग के लिए चीन की इसी लेजर का उपयोग हो रहा है। आरआर कैट का सेना और रक्षा क्षेत्र में विशेष योगदान है। यहां पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन स्व. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी प्रोजेक्ट पर काम करने आ चुके हैं।

एयरपोर्ट से बाहर निकलने के बाद सड़क के किनारे अलग-अलग ब्रांडिंग की गई है, जिसमें मिलिट्री हेडक्वार्टर ऑफ वॉर यानी महू का भी जिक्र है। इंफ्रैंट्री स्कूल महू के बारे में भी दर्शाया गया है। संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अंबेडकर की जन्म स्थली महू इंदौर से करीब 38 किमी दूर है। वहीं राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र भी इंदौर में है। यह परमाणु ऊर्जा विभाग की एक इकाई है। जो लेजर, कण त्वरक तथा संबंधित प्रौद्योगिकियों के गैर नाभिकीय अग्रणी क्षेत्रों में हो रहे अनुसंधान तथा विकास में कार्यरत है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम भी यहां आ चुके हैं।

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