देश की सरहद की सुरक्षा करने प्रदेश में सबसे आगे हम …!
देश की सरहद की सुरक्षा करने प्रदेश में सबसे आगे हम, 1.62 लाख युवा यहां सेवारत
युवाओं की मानें तो सेना में भर्ती होने के पीछे इस क्षेत्र के युवाओं का मानना है कि यह सेवा वीरता और शौर्य का अहसास देती है……
ग्वालियर, भिण्ड तथा मुरैना जिलों से करीब 1.62 लाख युवा यहां सेवारत हैं।इनमें से लगभग 61 हजार युवा आर्मी में हैं जबकि एक लाख एक हजार युवा अर्द्धसैनिक बल में सेवारत हैं.जबकि क्षेत्र के करीब 50 हजार से ज्यादा युवा सेना में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
दरअसल क्षेत्र के युवाओं की मानें तो सेना में भर्ती होने के पीछे इस क्षेत्र के युवाओं का मानना है कि यह सेवा वीरता और शौर्य का अहसास देती है। लिहाजा सेना में भर्ती होने के बाद खुद को बेहद गर्व महसूस होता है। दूसरी नौकरियों में देश भक्ति का भाव नहीं आता। दूसरी नौकरियों की बड़ी पगार और ग्लैमर के मुकाबले इस क्षेत्र के युवाओं की देशभक्ति परस्त सोच भारी पड़ रही है।
-1.62 लाख युवा ग्वालियर, मुरैना व भिण्ड से हैं सेना में …..
–61 हजार युवा आर्मी में हैं सेवारत
-1.1 लाख युवा अर्द्धसैनिक बल में दे रहे सेवाएं
-50 हजार युवा प्रति वर्ष कर रहे तैया
-54 हजार युवा मुरैना जिले से हैं सेना और अर्द्धसैनिक बल में
-53 हजार युवा भिण्ड जिले से आर्मी और अर्द्धसैनिक बल में
-55 हजार युवा ग्वालियर जिले से हैं आर्मी और अर्द्धसैनिक बल में
किस जिले में कितने युवा हैं सेना में सेवारत
अखिल भारतीय पूर्व सेना परिषद जिलाध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह सिकरवार के अनुसार उनके संगठन द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक मुरैना जिले में करीब 22000 युवा सेना में हैं जबकि लगभग 32000 युवा विभिन्न अर्द्धसैनिक बल में सेवारत हैं। वहीं जिले भर में प्रति वर्ष 18 हजार युवा सेना और अर्द्धसैनिक बल में भर्ती के लिए तैयारी करते आ रहे हैं। पूर्व सैनिक संघ जिला सचिव रामानंद सोनी के मुताबिक भिण्ड जिले से 18000 युवा आर्मी में सेवारत हैं जबकि 35000 युवा अर्द्धसैनिक बल में सेवाएं दे रहे हैं। लगभग 17 हजार युवा सेना भर्ती की तैयारी कर रहे हैं। इसी प्रकार ग्वालियर जिले से 21000 युवा आर्मी में और करीब 34000 युवा अर्द्धसैनिक बल में हैं। जबकि लगभग 15000 युवा भर्ती तैयारी कर रहे हैं।
वीरता और पराक्रम दिखाने का अवसर मिलता है
अंकित भदौरिया, जामपुरा भिण्ड का कहना है कि सेना में रहकर वीरता और पराक्रम दिखाने का अवसर मिलता है। ऐसा दूसरी नौकरियों में नहीं। देश पर जान न्यौछावर करने का अवसर भी मिलने की उम्मीद बनी रहती है। इसलिए सेना की नौकरी सबसे पहली प्राथमिकता है।
देश सेवा सर्वोपरि, भर्ती की है ख्वाहिश
स्थानीय युवाओ कहना हे ! कि देश की सेवा सबसे पहले है। इसलिए सेना में भर्ती होने की ज्यादा ख्वाहिश है। इसके लिए दो साल से तैयारी भी कर रहे हैं। सेना में जांबाजी दिखाने का मौका मिलता है। इस सेवा में वीरता की फीलिंग होती है। इसलिए अर्मी या अर्द्धसैनिक बल की नौकरी पहली पसंद है।