चंबल पुल के पिलर की बेयरिंग का लॉक टूटा:थम सकता है ट्रैफिक, स्थानीय इंजीनियर नहीं बदल पाए टूटा लॉक, मुंबई से बुलाई टीम
नेशनल हाईवे- 719 की भिंड-इटावा रोड पर बरही के निकट स्थित चंबल पुल के छठवें नंबर के पिलर की बेयरिंग का लॉक टूट गया है। यूपी पीडब्लूडी के राष्ट्रीय मार्ग खंड के इंजीनियर दो दिन से पिलर की बेयरिंग का लॉक बदलने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन वह बदल नहीं पा रहे हैं। ऐसे में अब मुंबई से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है।
अगर पुल की बेयरिंग लॉक बदलने में देरी होती है तो पुल पर भारी वाहनों के निकलने पर प्रतिबंध भी लग सकता है। बता दें कि मप्र और उप्र की सीमा को जोड़ने वाली भिंड-इटावा रोड स्थित चंबल नदी के पुल का निर्माण वर्ष 1976 में हुआ था।
45 साल में यह पुल ओवरलोड वाहनों के भारी दबाव के चलते दम तोड़ने लगा है। यूपी पीडब्लूडी के अफसर पुल के कभी भी धराशायी होने का अंदेशा बता चुके हैं। बावजूद यूपी पुलिस के द्वारा चंबल पुल के समीप खनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच किए जाने से पुल पर दबाव बढ़ जाता है। एक साथ रेत, गिट्टी से भरे कई वाहनों के पुल पर खड़े होने की वजह से उसका दम निकल रहा है।
दो दिन पहले यूपी पीडब्लूडी के राष्ट्रीय मार्ग खंड के इंजीनियरों पर पुल पर पड़ी लोहे की स्लैब की वेल्डिंग खुल जाने पर उसकी मरम्मत कराई थी। तब पता चला कि छठवें पिलर की बेयरिंग का लॉक टूट गया है। स्लैब की मरम्मत कराए जाने के बाद पीडब्लूडी के इंजीनियरों ने पुल के बेयरिंग बदलने का भी प्रयास किया।
लेकिन जेक छोटा होने की वजह से वे इसमें सफल नहीं हो सके। हालांकि पीडब्लूडी के इंजीनियर ने बेयरिंग बदलने के लिए मुंबई से टीम बुलाई है। एक-दो दिन में टीम के आने के बाद बेयरिंग बदलने कार्य शुरू होगा।
7 माह में दूसरी बार पुल क्षतिग्रस्त, वजह सिर्फ एक… रेत के वाहनों की ओवरलोडिंग
7 माह पहले चौथे पिलर का टूटा था लॉक
चंबल नदी का पुल ओवरलोडिंग की वजह से बार- बार खराब हो रहा है। 7 महीने पहले भी पुल की बेयरिंग का लॉक टूट गया था। तब चौथे पिलर की बेयरिंग का लॉक टूटा था। इस बार छठवें नंबर के पिलर का टूटा है। छठवें नंबर के पिलर की बेयरिंग पिछले पांच साल में कई बार टूटी है। इंजीनियरों की मानें तो बेयरिंग का लॉक ओवरलोड वजन की वजह से टूटता है।
जैक छोटा होने की वजह से आई दिक्कत
- चंबल पुल के छठवें पिलर की बेयरिंग का लॉक टूट गया है। उसे बदलने का प्रयास किया गया था। लेकिन जैक छोटा होने की वजह से बदला नहीं जा सका। अब बाहर से जैक मंगवाया जाएगा। इसके साथ ही मुंबई से भी टीम को बुलवाया गया है, जिसकी देखरेख में बेयरिंग के लॉक को बदला जाएगा। – सुभाष चंद्र शर्मा, एई पीडब्लूडी राष्ट्रीय राजमार्ग खंड, इटावा