निर्यात में देश के टॉप 3 प्रदेश में होगा मप्र ..?

निर्यात में देश के टॉप 3 प्रदेश में होगा मप्र:2030 में 4.06 लाख करोड़ तक पहुंचेगा मप्र का निर्यात फार्मा के साथ डिफेंस, एयरो स्पेस, टरबाइन सेक्टर देंगे ग्रोथ

नए निवेश और औद्योगिक गतिवििधयों को तेजी से बढ़ाने के बाद अब प्रदेश के निर्यात को पंख लगाने की तैयारी की जा रही है। वर्तमान में यहां से 200 देशों में अलग-अलग उत्पादों का निर्यात हो रहा है। इस वित्तीय वर्ष में 8 बिलियन डॉलर (करीब 64,982 करोड़ रुपए) का एक्सपोर्ट किया गया।

2030 तक इसके 50 बिलियन डॉलर (करीब 4.06 लाख करोड़ रुपए) प्रति वर्ष तक पहुंचने का अनुमान है। फार्मा के अलावा डिफेंस, एयरोस्पेस, ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट, टर्बाइन, गियर बॉक्सेस, इलेक्ट्राॅनिक उपकरण, इंजीनियरिंग, सोयाबीन, मसाले, कॉटन यार्न सेक्टर में मप्र बड़ा निर्यातक बनेगा। इसके लिए फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फिओ) ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश सरकार को रोडमैप दिया है।

  • 200 देशों में किया जा रहा है मध्यप्रदेश से एक्सपोर्ट
  • 08 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट कर चुके हैं इस वित्तीय वर्ष में
  • 70% एक्सपोर्ट होता है मप्र के सिर्फ पांच जिलों से

2% से बढ़ाकर 5% का लक्ष्य

फिओ के डायरेक्टर जनरल और सीईओ डॉ. अजय सहाय ने बताया, वर्तमान में देश से होने वाले निर्यात का 2 फीसदी मप्र से होता है, जिसे 5 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया, प्रदेश के एक्सपोर्ट का 70 फीसदी सिर्फ पांच जिलो (इंदौर, धार, रायसेन, सिंगरोली और भोपाल) से है।

रॉ मटेरियल के स्थान पर फाइनल प्रोडक्ट पर फोकस करना होगा : सारंगी

डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड के अतिरिक्त सचिव संतोष सारंगी का कहना है, मध्यप्रदेश भविष्य में भारत के टॉप-3 एक्सपोर्ट स्टेट में शामिल होगा। प्रदेश से पिछले साल की अपेक्षाकृत इस बार ज्यादा एक्सपोर्ट हुआ है। आने वाले समय में प्रदेश के इलेक्ट्रानिक उपकरण, इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल, सोया, मसाला, कॉटन यार्न एवं अन्य क्षेत्रों में निर्यात के बेहतर अवसर होंगे।

मध्यप्रदेश के एक्सपोर्ट में रेवेन्यू बढ़ाने के लिए रॉ मटेरियल के स्थान पर फाइनल प्रोडक्ट पर फोकस करना होगा। कॉटन यार्न के स्थान पर फैब्रिक और अपेरल, सोयाबीन के स्थान पर सोयाबीन उत्पाद, मसाले, होम फर्निशिंग प्रोडक्ट और जेम्स और ज्वेलरी प्रदेश के एक्सपोर्ट में अहम भूमिका अदा करेंगे। मध्यप्रदेश से अमेरिका, बांग्लादेश और चीन में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट किया जाता है। व्यापार को संवर्धित करने के लिये 3-P-परफाॅर्मेंस, पॉलिसी और परसेप्शन पर काम करना होगा।

एक्सपोर्ट बास्केट ही छोटी, 8500 में से 4000 उत्पाद ही प्रदेश से
सहाय ने बताया, ग्लोबल लेवल पर करीब 8500 उत्पादों का निर्यात भारत से होता है। सूची में मप्र से 4000 उत्पाद ही हैं। एक्सपोर्ट बास्केट बड़ी करना होगी। जिला स्तर पर एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम चलाना होगी।

इनलैंड कंटेनर डिपो हरियाणा में 11 और मध्यप्रदेश में महज पांच

रिपोर्ट के मुताबिक देश के सेंटर होने के मप्र में काफी संभावनाएं है, लेकिन रेलवे कनेक्टिविटी कमजोर होने से पीछे हैं। हरियाणा जैसे छोटे प्रदेश में एक्सपोर्ट करने वाले 11 आईसीडी (इनलैंड कंटेनर डिपो) हैं, जबकि मप्र में सिर्फ पांच हैं।

सोयाबीन में हम देश में नंबर-1, सप्लाय चेन ठीक करना जरूरी
सोयाबीन एक्सपोर्ट में हम देश में पहले स्थान पर हैं। वहीं फार्मा में चौथे और कॉटन में तीसरे स्थान पर। यदि हमें अन्य सेक्टर में तेजी से विकास करना है तो सप्लाय चेन को ठीक करना होगा।

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