अब डॉक्टर्स की हड़ताल ..? चरमरा सकती है स्वास्थ्य व्यवस्था …
डॉक्टर्स की हड़ताल: MP में इस दिन से करेंगे कामबंद हड़ताल, चरमरा सकती है स्वास्थ्य व्यवस्था
मध्यप्रदेश में यह साल 2023 चुनावी साल होने के चलते हर संगठन अपनी मांगों को सरकार से मनवाना चाहता है। ऐसे में जहां पहले संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल शुरु की वहीं इसके बाद लैब टैक्निशियन भी इनसे जुड़ गए। जिसके बाद बिजली कर्मचारी और अब इसी कड़ी में अब डॉक्टर्स ने भी एक बड़ा आदोलन सरकार के खिलाफ खड़ा कर दिया है। जिसकी शुरूआत ग्वालियर से हो गई है।
डॉक्टर्स ने आंदोलन का नाम “चिकित्सा बचाओ–चिकित्सक बचाओ” दिया है। यह आंदोलन पूरे मध्य प्रदेश में सरकारी स्वशासी डॉक्टर्स की मांगों और सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्थाओं के लिए शुरू किया है। अब यह प्रदेश के 13 मेडिकल को जोड़ते हुए 38 जिलों से होकर भोपाल पहुंचेगा।
ज्ञात हो कि प्रदेशभर के करीब 8 हजार डॉक्टर्स ने शुक्रवार से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इसके तहत ग्वालियर से पद यात्रा की शुरूआत की गयी, जिसमें करीब 400 डॉक्टर्स शामिल हुए। अब यह यात्रा 5 फरवरी को भोपाल आकर खत्म होंगी, जिसके बाद 6 फरवरी से सभी डॉक्टर्स कामबंद हड़ताल पर चले जाएंगे। यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में प्रदेश के डॉक्टर्स एक साथ मिलकर आंदोलन कर रहे है।
इस आंदोलन में प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसियेशन MP, मेडिकल ऑफिसर्स एसोसियेशन, ESI डॉक्टर्स एसोसियेशन, एसोसिएट ऑफ मेडिकल ऑफिसर्स मेडिकल एजुकेशन, मेडिकल ऑफिसर GAS RAAHAT एमपी, मेडिकल ऑफिसर होम डिपार्टमेंट एमपी और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन एमपी शामिल हैं।
यहां-यहां से गुजरेगी यात्रा
एमटीए यानि मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के बनैर पर शुरू हुई यात्रा ग्वालियर, मुरैना, अम्बाह, भिंड, दतिया, शिवपुरी, ओरछा, निवाडी, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, कटनी, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, इंदौर, ब्यावरा, विदिशा, सागर, दमोह, रायसेन होते हुए मध्य प्रदेश के 38 जिलों के सीएचसी, पीएचसी, जिला अस्पतलों और 13 मेडिकल कॉलेजों से गुजरते हुए 7 फरवरी को भोपाल पहुंचेगी। डॉक्टर्स के इन संगठनों को प्रदेश स्तरीय इस यात्रा से जोड़ा गया है।
इस आंदोलन को लेकर अभी चिकित्सा शिक्षा विभाग या दूसरे किसी भी विभाग ने डॉक्टर्स से बातचीत की पहल नहीं की है। हालांकि इस बारे में चिकित्सा शिक्षा मंत्री का कहना है, कि हमारी सरकार संवाद स्थापित करने वाली सरकार है। मेडिकल टीचर्स की जो भी मांगें हैं, उन्हें लेकर जल्द ही अधिकारी उनसे बात करेंगे।
ये है मांग
ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार की DACP नीति लागू करने, पुरानी पेंशन बहाली और मेडिकल वर्क में प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी को लेकर यह आंदोलन शुरू किया गया है। जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग,ईएसआई,गृह विभाग,गैस राहत विभाग के डॉक्टर्स शामिल है। यह आंदोलन डॉक्टर्स के 7 संगठनों को मिलाकर बनाएं गए महासंघ के बैनर तले किया जा रहा है।
आंदोलन करने वाले डॉक्टर्स का कहना है कि मध्य प्रदेश के चिकित्सा स्तर का देश की सूची में लगातार निचले पायदान में आना, लगातार चिकित्सकों का शासकीय अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों से नौकरी छोड़ना, हर स्तर पर विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी, उचित इलाज से वंचित प्रदेश की जनता, पिछले 20 वर्षों से कार्य स्थल में उचित चिकित्सीय आधारभूत संसाधनों की कमी है। जिसको लेकर वह निकले हुए हैं। सबसे खास मांग DACP और पुरानी पेंशन लागू करने की उठाई गई है।
एमटीए करेगी स्वास्थ्य सेवाओं का रिलायटी चैक
इससे पहले शुक्रवार को ग्वालियर गजरा राजा मेडिकल कॉलेज की एमटीए यानि मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। एमटीए पूरे प्रदेश में मेडिकल कॉलेज से लेकर, सरकारी अस्पतालों ओर डिस्पेंसरी में स्वास्थ्य सेवाओं का रिलायटी चैक करेगी। साथ ही डॉक्टर्स की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ अपना समर्थन मांगेगी। इसकी शुरूआत ग्वालियर से कर दी गई है। जिसमें डॉक्टर्स के एसोसिएशन एमटीए के पदाधिकारियों के साथ-साथ सात संगठनों के साथ बड़ी बैठक की है, बताया जाता है कि इसमें प्रदेश भर के डॉक्टर शामिल हुए हैं।