ग्वालियर : सिक्किम बॉर्डर पर पदस्थ जवान कलेक्टर, एसएसपी से बोला- किससे लड़ें, दुश्मन या माफिया…

भू-माफिया के चंगुल में फंसा फौजी …

लद्दाख-सिक्किम बॉर्डर पर देश की सीमा की रक्षा में तैनात फौजी भू-माफियाओं के चंगुल में फंस गया है। फौजी ने ग्वालियर कलेक्टर, एसएसपी के सामने अपना दर्द बयां किया। फौजी ने शिकायत करते हुए कहा कि उसे समझ नहीं आ रहा है कि वह देश की सीमा पर दुश्मन से लड़े या यहां माफिया से…।

फौजी ने शिकायत की है कि एक BJP नेता के भतीजे ने उसे प्लॉट दिलाया। रजिस्ट्री एक किसान ने की, लेकिन अब दबंग उस पर कब्जा जमाए बैठा है। न तो उसका रुपया वापस मिल रहा है, न ही प्लॉट दिया जा रहा है। धमकाया जा रहा है। उसे बार-बार बॉर्डर ड्यूटी से छुट्‌टी लेकर यहां तक आना पड़ता है। पर कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। फौजी के समर्थन में IVO (इंडियन वेटरन्स ऑर्गेनाइजेशन ) भी आ गया है।

राजस्थान के धौलपुर निवासी विजय सिंह परमार सेना में बतौर नायब सूूबेदार पदस्थ हैं। इस समय उनकी पदस्थापना लद्दाख-सिक्किम बॉर्डर पर है। विजय सिंह अभी ग्वालियर के आर्मी कैंट एरिया के पास बड़ागांव में रहते हैं। सेना का पूरा माहौल और सुविधा होने पर उन्होंने ग्वालियर में ही प्लॉट खरीदकर अपना आशियाना बनाने का सपना देखा था। पर इस सपने को पूरा करने के चक्कर में वह भू माफिया के चक्कर में फंस गए। नायब सूबेदार विजय सिंह मंगलवार को इंडियन वेटरन्स ऑर्गेनाइजेशन के सदस्यों के साथ कलेक्टर ग्वालियर व एसएसपी ग्वालियर से मिले और न्याय की गुहार लगाई है।

उन्होंने शिकयत में बताया कि दिसंबर 2020 मंे उन्हों एक दोस्त के परिचय से रवि कुशवाह मिला था। रवि कुशवाह एक BJP नेता व बीज निगम के उपाध्यक्ष राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त्ह डॉ. राजकुमार कुशवाह का भतीजा बताया जाता है। मुरार के बेहटा पुल के पास एक प्लॉट 17 लाख रुपए में फौजी को दिलाया था। उस समय पूरा पैसा दे दिया था। बस कब्जा लेना शेष था। इसके बाद जवान ड्यूटी पर चला गया।

बिल्डर ने किया कब्जा, न प्लॉट दे रहा न ही रुपए
रवि कुशवाह ने प्लॉट किसान भारत मंडेलिया से खरीदवा दिए, लेकिन जब कब्जा लेने की बारी आई तो वहां पर बिल्डर विशाल यादव प्लॉट पर कब्जा कर लिया। जब उन्होंने अपने प्लॉट पर कब्जा लेना चाहा, तो विशाल यादव ने दबंगई दिखाते हुए प्लॉट पर कब्जा देने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि अब यह कॉलोनी फार्म-4 कॉलोनी में आ गई है। कब्जा से पहले 9 लाख रुपए और जमा करने होंगे। फौजी इस पर भी तैयार था। फिर दबंग बिल्डर ने ऑफर दिया कि वह उसे ही 27 लाख रुपए में यह प्लॉट बेच दे। फौजी इस पर भी तैयार हो गया, लेकिन बिल्डर न तो प्लॉट दे रहा है न ही रुपए लौटा रहा है।

सर, माफिया ने मानसिक रूप से परेशान कर दिया है
कलेक्टर, एसएसपी का कहना है कि मामले की जांच कर आरोपियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी और सैनिक को उसके प्लॉट का कब्जा दिलाया जाएगा। फौजी विजय सिंह ने कहा कि सीमा पर ड्यूटी कर रुपए जोड़कर यह प्लॉट खरीदा था, लेकिन कब्जा होने के कारण वह और उसका परिवार मानसिक रूप से काफी परेशान है, इसलिए उन्हें जनसुनवाई में आकर ऑर्गनाइजेशन का सहारा लेना पड़ा। सैनिक ने बताया कि वह घर परिवार से दूर देशवासियों की रक्षा के लिए ड्यूटी पर तैनात हैं, लेकिन इस तरह से उनके प्लॉट पर दबंगों ने कब्जा किया है, जिससे वे काफी परेशान हैं और उन्हें न्याय चाहिए।

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