Gwalior Amrit Yojana 2022 … असंतोष से बचने अमृत-2 में जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेंगे अफसर
अमृत पार्ट-1 में हुए कार्यो से जनप्रतिनिधि असंतुष्ट हैं, इसलिए इस बार यह पहल की गई है ….
अमृत योजना पार्ट-2 की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाई की जा रही है। तैयार होने के बाद इस डीपीआर को पूर्व पार्षद व जनप्रतिनिधि आदि को दिखाया जाएगा। साथ ही जनप्रतिनिधियों द्वारा जो कार्य बताए जाएंगे उन्हें भी शामिल किया जाएगा, ताकि गड़बड़ी की आशंका न रहे। अमृत पार्ट-1 में हुए कार्यो से जनप्रतिनिधि असंतुष्ट हैं, इसलिए इस बार यह पहल की गई है।अमृत पार्ट-1 में करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं पानी की लाइनें बिछाने के साथ पानी की टंकियां बनाई गई हैं। जनप्रतिनिधि पार्ट-1 में किए गए कामों में कई कमी बताते हैं। इसमें करीब 30 प्रतिशत शहर को पानी सप्लाई किया जा रहा है, जबकि 70 प्रतिशत हिस्से में पानी की लाइनें डाली जाना शेष हैं। इनमें छह ग्रामीण वार्ड भी शामिल हैं।
बीते दिनों जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक में अधिकारियों ने सांसद को बताया था कि पार्ट-1 में 210 डीएमए बनाए गए हैं, जिनमें से 119 का काम लगभग पूर्ण हो गया है। बाकी का कार्य भी जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा, लेकिन अभी तक यह कार्य पूर्ण नहीं हो पाए हैं। इन कामों को पूरा करने के लिए अब अमृत पार्ट-2 के तहत डीपीआर तैयार की जा रही है। इस बार नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल ने डीपीआर को जनप्रतिनिधियों के सामने रखने का निर्णय लिया है। इस पर चर्चा एवं संशोधन होने के बाद ही काम शुरू किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने बीते दिनों हुई दिशा की बैठक में निर्देश दिए थे कि 30 अप्रैल तक पांच हजार घरों का माडल बनाकर, वहां 24 घंटे सातों दिन पानी की सप्लाई की जाए। इस आदेश पर चार मई तक भी अमल नहीं हो पाया है।
पार्ट-1 में यह रही कमियांः अमृत योजना के तहत उन क्षेत्रों में भी पानी की लाइनें बिछा दी गईं, जहां पर पहले 100 करोड़ रुपये की एडीबी योजना के तहत पानी की लाइनें डाली गई थीं। साथ ही यूआइडीएसएसएमटी के तहत पानी की लाइनें बिछाई गई थीं। इस कारण कई क्षेत्र में तीन से चार लाइनें बिछी हुई हैं। वहीं दूसरी ओर कई क्षेत्रों में लाइन बिछाकर अधूरा छोड़ दिया गया है। इसमें दाल बाजार से हुजरात पुल चौराहे तक बिछाई गई पानी की लाइन शामिल है।
वर्जन-
अमृत योजना पार्ट-1 में जो कमियां रह गई थीं और जो आरोप लगते रहे हैं, इसके चलते पार्ट 2 की डीपीआर को सभी जनप्रतिनिधियों को दिखाया जाएगा। उनके द्वारा बताए गए संशोधनों को उसमें जोड़ा जाएगा, ताकि एक बार में ठीक से कार्य पूर्ण हो सके। जल्द ही 24 घंटे सातों दिन पानी देने का ट्रायल किया जाएगा। अन्य आरोपों की जांच भी कराई जाएगी।
किशोर कान्याल, नगर निगम आयुक्त
वर्जन-
अमृत योजना में डीएमए पूर्ण करने एवं पायलेट प्रोजेक्ट के तहत पांच हजार घरों में पानी की सप्लाई करने के निर्देश दिशा की बैठक में दिए थे। मेरे निर्देश में जो तिथि तय की गई थी, अब वह निकल चुकी है। दिशा की आगामी बैठक में संबंधियों अधिकारियों से कारण पूछा जाएगा और यदि लापरवाही सामने आएगी तो कार्रवाई भी करेंगे।
विवेक नारायण शेजवलकर, सांसद