भोपाल । मध्‍य प्रदेश में चल रहे निजी पैथोलाजी केंद्रों के सैंपल कलेक्शन सेंटर के लिए सरकार नियम बनाने जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी प्रारंभिक तैयारी कर ली है। इसमें कलेक्शन सेंटर के लिए पंजीयन अनिवार्य किया जाएगा। साथ ही यहां काम करने वाले कर्मचारी के लिए योग्यता निर्धारित की जाएगी। अभी इसका कोई मापदंड नहीं है। इस कारण मनमानी होती है।

ज्यादातर कलेक्शन सेंटर में बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान भी प्रदूषण नियंत्रण मंडल के निर्धारित मापदंड के अनुसार नहीं हो रहा है। इनके विरुद्ध लंबे समय से तरह तरह की शिकायतें मिलती रही हैं।

कई बार नियम बनाने पर विचार हुआ, लेकिन अमल नहीं हो पाया। अभी कोई नियम नहीं होने की वजह से शिकायत होने पर भी स्वास्थ्य विभाग इनके विरुद्ध ठोस कार्रवाई नहीं कर पाता।

बता दें कि बड़े पैथोलाजी केंद्रों ने अपने सैंपल संग्रहण केंद्र गली-गली में खोलें हैं। उन्होंने इसकी फ्रेंचाइजी दी है। इसके बदले में 15 से 20 प्रतिशत तक कमीशन लेते हैं, लेकिन उन्होंने भी फ्रेंचाइजी देने के लिए कोई मापदंड नहीं बनाया है।

कई केंद्रों में तो सैंपल लेने वाले कर्मचारी न तो लैब टेक्नीशियन है न ही नर्सिंग कर्मचारी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में भी इनका पंजीयन नहीं होता है। कलेक्शन सेंटर लोगों की सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजते हैं।