भोपाल । शहर में रेत का ओवरलोड डंपरों से अवैध परिवहन धड़ल्ले से किया जा रहा है। खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई ठप कर देने खनन माफिया मनमर्जी से रेत का परिवहन करवा रहे हैं। एक ट्रिप में हजार फीट तक रेत भरकर लाने के लिए उन्होंने डंपर का आकार भी उतना ही करवा लिया है। यह सभी डंपर रात के समय नर्मदापुरम और सीहोर जिले के विभिन्न मार्गों से होते हुए भोपाल के बायपास मार्गों पर पहुंचते हैं। इसके बाद सुबह होते ही इन डंपरों से मनमर्जी के दाम पर रेत की बिक्री शुरू हो जाती है। इसके बावजूद भी जिम्मेदार खनिज विभाग के अधिकारी कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
बता दें कि भोपाल में हर दिन रेत, गिट्टी के लगभग 500 डंपर/ट्रक आते हैं। मुख्य रास्तों के अलावा संकरे रास्ते से भी यह शहर में पहुंचते हैं। डंपर में लोड की सीमा से अधिक रेत भरी जा रही है। ये न केवल शहर में प्रवेश कर रहे हैं बल्कि कई सड़कें भी खराब कर चुके हैं। उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद भी इस पर रोक नहीं लगाई जा सकी है।
बायपास मार्ग पर कई जगह बने हैं ठिकाने
रेत का अवैध परिवहन करने वाले खनन माफियाओं ने इसे बेचने के लिए भोपाल बायपास पर कई जगह अपने ठिकाने बना लिए हैं। इनमें सबसे प्रमुख ठिकाना बैरसिया रोड पर बने फ्लायओवर के पास है। यहां सुबह से ही रेत के ओवलोड डंपरों का जमावड़ा लग जाता है। जो कि दिन के 11-12 बजे तक यहीं से रेत की बिक्री कर वापस लौट जाते हैं। इसके अलावा 11 मील भोजपुर जोड़, विदिशा रोड जोड़, बिलखिरिया रोड जोड़ सहित अन्य जगह भी रेत के ओवरलोड डंपरों द्वारा परिवहन किया जाता है। बता दें कि यह उसे वहीं एक जगह एकत्र कर देते हैं और बाद में फुटकर भी बेचते हैं। इस तरह सीधे रेत बेचने से शासन को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। वर्तमान में रेत का भाव 30 से 35 हजार रुपय चल रहा है।
चोरी पर रोक लगाने बनाई है सिर्फ एक चौकी
पूर्व में संभागायुक्त द्वारा रेत चोरी रोकने के मामले में निर्देश जारी किए थे लेकिन इसका कोई पालन नहीं किया गया है। हालात यह है कि शहर के अंदर आने वाले रास्तों पर चोरी रोकने के लिए केवल चौकी है। जांच में कमी के कारण अवैध परिवहन को बढ़ावा मिल रहा है। पहले चार खनिज चौकियां बनाई गईं थीं। जहां पर ईटीपी, रायल्टी और ओवर लोडिंग की जांच की जाती थी। बिलखिरिया थाने के आगे रायसेन रोड, रातीबड़ थाने के पास जांच नाका और गोल जोड़ वनविभाग चौकी कोलार रोड पर इन्हें बनाया गया था। कोविड के दौरान इनमें से कई जगह से कर्मचारियों को विभागों ने वापस बुला लिया था। इससे यह अब तक नहीं लौटे हैं, इसी कारण अब डंपरों की जांच पूरी तरह ठप हो गई है।
रेत के अवैध परिवहन पर कार्रवाई और जुर्माने का प्रविधान
खनिजों के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर कार्रवाई के लिए 2022 नियम पांच अप्रैल से लागू किए गए हैं। इसके तहत यदि कोई भी व्यक्ति अवैध उत्खनन एवं उसका परिवहन करते पकड़ाया तो उसे रायल्टी का 15 गुना अधिक जुर्माना भरना होगा। इसके अलावा इतनी ही राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति की भी वसूली जाएगी। यदि कोई अवैध उत्खनन कारोबारी यह राशि जमा नहीं करेगा तो उसके वाहन राजसात किए जाएंगे और इस राशि से जुर्माना वसूला जाएगा।
डंपर एवं छह पहिया वाहन – एक लाख रुपये
10 पहिया वाहन – दो लाख रुपये
दस पहिया से अधिक वाहन – चार से छह लाख रुपये
जेसीबी मशीन – दो लाख रुपये
पोकलेन मशीन- चार लाख रुपये
ट्रेक्टर ट्राली – 25 हजार रुपये
इनका कहना है –
शहर में डंपरों के द्वार रेत का परिवहन करने की अनुमति खनिज विभाग द्वारा दी जाती है। उनके पास सभी अनुमति प्राप्त रेत कारोबारियों का लेखा-जोखा है। यदि रेत कारोबारी क्षमता से अधिक डंपर में रेत लोड करवा कर ला रहे हैं और शहर के आसपास बेच रहे हैं तो इसकी जांच करवाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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