Budget 2023 : पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक, राहुल समेत विपक्षी बोले- युवाओं के लिए कुछ नहीं

Budget 2023: टैक्स स्लैब में बदलाव के साथ हुई ये घोषणा…पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक, राहुल समेत विपक्षी बोले- युवाओं के लिए कुछ नहीं | 10 बड़ी बातें
Union Budget 2023: वित्त मंत्री ने बुधवार को आम बजट पेश करते हुए व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा बढ़ा दी, छोटी बचत पर रियायतें दीं और पिछले एक दशक में पूंजीगत खर्च में सबसे बड़ी वृद्धि की घोषणा की.

1. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बजट पेश करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की आय सात लाख रुपये है, उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा. अबतक यह सीमा पांच लाख रुपये है. साथ ही कर ‘स्लैब’ को सात से घटाकर पांच किया गया है. साथ ही अधिभार की दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने के बाद कर की अधिकतम दर 42.7 प्रतिशत से घटकर लगभग 39 प्रतिशत रह जाएगी.

2. वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को भी राहत दी है. इसके तहत वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत जमा सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी गयी है. वहीं मासिक आय योजना के तहत जमा सीमा बढ़ाकर नौ लाख रुपये की गयी है. महिलाओं के लिये अलग से नई बचत योजना- महिला सम्मान बचत पत्र की घोषणा की गयी. इसमें दो वर्ष के लिये दो लाख रुपये तक की बचत पर 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा.

3. वित्त मंत्री ने अपना पांचवां पूर्ण बजट ऐसे समय पेश किया जब वैश्विक चुनौतियों के कारण अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ रही है और सामाजिक क्षेत्रों पर खर्च बढ़ाने के साथ स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को प्रोत्साहन बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने मोबाइल फोन कल-पुर्जों और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये लीथियम बैटरी और अन्य ऐसे सामान के लिये सीमा शुल्क में कटौती की भी घोषणा की.

4. सीतारामन ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस बजट में पिछली बजट में रखी गई नींव पर सतत निर्माण करते हुए ‘भारत ऐट 100’ के लिये खींची गई रेखा पर आगे बढ़ते रहने की उम्मीद की गई है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था चमकता सितारा है. चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का अनुमान है जो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है. सीतारामन ने कहा कि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक नरमी के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर है.

5. राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा है. यह चालू वित्त वर्ष के 6.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है. इसका मतलब है कि सरकार को कुल 15.43 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेना पड़ेगा. सीतारामन ने कहा कि 2023-24 के बजट में सात प्राथमिकताएं रखी गयी हैं. ये हैं समावेशी विकास, अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, सक्षमता को सामने लाना, हरित वृद्धि, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र. बजट में पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन पर जोर के साथ कृषि कर्ज का लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है.

6. मझोले और छोटे उद्यमों के लिये कर्ज गारंटी को लेकर 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. रेलवे के लिये 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है. यह अबतक का सबसे अधिक पूंजीगत व्यय है. साथ ही 2013-14 में किये गये व्यय के मुकाबले करीब नौ गुना अधिक है. बजट में ऊर्जा बदलाव यानी स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से कदम बढ़ाने और शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिये 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. सस्ते मकान उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत व्यय को 66 प्रतिशत बढ़कर 79,000 करोड़ रुपये किया गया है.

7. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि ‘‘अमृत काल’’ के पहले बजट ने विकसित भारत के संकल्प और गरीबों एवं मध्यम वर्ग सहित आकांक्षी समाज के सपनों को पूरा करने के लिए एक मजबूत आधार स्थापित किया है. पीएम मोदी ने कहा कि मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने पिछले वर्षों में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिससे जीवन की सुगमता सुनिश्चित हुई है. कर की दर को कम किया है और कर प्रक्रिया को आसान बनाया है. हमेशा मध्यम वर्ग के साथ खड़ी रहने वाली हमारी सरकार ने मध्यम वर्ग को कर में बड़ी राहत दी है.

8. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बजट को ‘मित्र काल बजट’ करार देते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण की कोई रूपरेखा नहीं है. उन्होंने ट्वीट किया कि मित्र काल बजट में रोजगार सृजन को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है, महंगाई से निपटने के लिए कोई योजना नहीं है और असमानता दूर करने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा कि एक प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के पास 40 प्रतिशत संपत्ति है, 50 प्रतिशत गरीब लोग 64 प्रतिशत जीएसटी देते हैं, 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं. इसके बाद भी प्रधानमंत्री को कोई परवाह नहीं है. बजट से साबित हुआ कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण के लिए कोई रूपरेखा नहीं है.

9. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इसमें गरीबों का ध्यान नहीं रखा गया और ये जनविरोधी बजट है. आयकर स्लैब में बदलाव से किसी की मदद नहीं होगी. ये बजट केवल एक वर्ग के लोगों को लाभान्वित करेगा. ये बजट देश की बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में मदद नहीं करेगा. इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.

10. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि पिछले साल 1.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आयकर चुकाने के बावजूद दिल्ली को केंद्रीय बजट 2023-24 में केवल 325 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. केंद्र पर राष्ट्रीय राजधानी के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बजट (Union Budget 2023) में महंगाई और बेरोजगारी की दोहरी समस्याओं से कोई राहत नहीं मिली है. दिल्ली के लोगों के साथ एक बार फिर सौतेला व्यवहार किया गया.

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