नगरीय प्रशासन : 295 पेंशन खातों से 7.50 करोड़ निकाले, चाची-चाचा, दोस्त, पड़ोसी को दिए; फिर सट्टे में उड़ाए
नगरीय प्रशासन के गैम्बलर क्लर्क की कहानी ….
ये फिल्म की कहानी नहीं, हकीकत है। तस्वीर में दिख रहा शख्स है रामसिंह रायपुरिया। संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास में सहायक ग्रेड-3 पर बाबू है। अभी पुलिस गिरफ्त में है। ग्रेजुएट है और हर महीने 31 हजार रुपए तनख्वाह पाता है। इसे 22 दिसंबर 2022 को पेंशन खातों में हेरफेर को लेकर गिरफ्तार किया गया। जांच में जब रामसिंह के कारनामों की परतें खुलीं तो पुलिस भी हैरान रह गई। पता चला रामसिंह 2018 से 2022 तक 295 पेंशन खातों में सेंधमारी कर 7.50 करोड़ रुपए निकाल चुका है।
उसने चाचा-चाची, पिता, दोस्त, पड़ोसियों और रिश्तेदारों के बैंक अकाउंट नंबर पहले से ही ले रखे थे। वो पेंशन शाखा में रहते हर महीने पेंशनर्स की लिस्ट बदलता था। इसमें पेंशनर्स के अकाउंट नंबर की जगह रिश्तेदारों के खाता नंबर लिख देता और आईएफसी कोड भी बदल देता था। हालांकि लिस्ट में वो अपना ही मोबाइल नंबर लिखता था, ताकि पैसों के लेन-देन के मैसेज मिलते रहें। खातों में पेंशन राशि ट्रांसफर करने के लिए उसने हर महीने फर्जी नोटशीट बनाई।
अफसर के फर्जी साइन किए और छह नंबर स्थित एसबीआई की ब्रांच में पहुंचकर लिस्ट जमा भी कराई। पेंशन और बैंक का काम वो ही देख रहा था, इसलिए बैंक अफसरों को भी उस पर शक नहीं हुआ। बैंक ने भी बिना खातों और मोबाइल नंबर को वेरिफाई किए पेंशन लिस्ट में दिए खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए। उसने सेंधमारी का ज्यादातर अमाउंट क्रिकेट के सट्टे में खर्च भी कर दिया है। फिलहाल पुलिस 295 खातों की जांच कर रही है। जिनके पेंशन के पैसे निकाले गए, उन्हें पैसा वापस करया जा रहा है।
5 सवाल… जिनके घेरे में संचालनालय के अफसर और बैंक
1. जिन खातों से पैसे निकाले गए, उन 295 लोगों ने कोई शिकायत क्यों नहीं की?
2. क्या ये खातेदार अब दुनिया में नहीं है? यदि नहीं हैं तो बैंक इन्हें पैसे कैसे ट्रांसफर कर रही थी?
3. पेंशन शाखा के अपर संचालक अनिल गौड़ ने इस गड़बड़ी को क्यों नहीं पकड़ा? ऑडिट में भी ये पकड़ में क्यों नहीं आई?
4. बैंक ने अकाउंट, उसके होल्डर, खाता संख्या को वेरिफाई क्यों नहीं किया? क्या बैंक अफसर भी इसमें शामिल थे?
दो कमेटियां कर रहीं जांच… संचालनालय आयुक्त भरत यादव के मुताबिक जांच के लिए 2 कमेटी बनाई हैं। पहली गबन की जांच चुकी है। दूसरी उन खामियों की जांच करेगी, जो पहली कमेटी नहीं ढूंढ पाई। इसमें वरिष्ठ अफसर हैं। दूसरी कमेटी मामले में वरिष्ठ अफसरों की मिलीभगत भी जांचेगी।
कैसे-कैसे बहाने – मेरा अकाउंट बंद हो गया है…
पुलिस के मुताबिक उसके रिश्तेदारों ने बताया रामसिंह बैंक खाते के लिए हर महीने नए बहाने बनाता था। कभी कहता उसका खाता बंद कर दिया गया है। कभी कहता- उसका सरकारी खाता है, इसलिए तुम्हारे खाते में पैसे भेज रहा हूं। कुछ राशि लेकर तुम भी रख लेना।