बड़े भ्रष्टाचार की 44 फाइलें EOW में धूल खा रही …!

बड़े भ्रष्टाचार की 44 फाइलें EOW में धूल खा रही:105 आरोपियों में ज्यादातर क्लास वन ऑफिसर, सबूत भी पूरे; लेकिन 5 साल से चार्जशीट तक नहीं
  • टॉप-8 विभाग, जहां सबसे ज्यादा मामले अटके। - Dainik Bhaskar
टॉप-8 विभाग, जहां सबसे ज्यादा मामले अटके ……
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चार महीने पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए। भ्रष्ट अफसरों की लिस्ट बनाएं और उन पर ईओडब्ल्यू से छापा डलवाएं। लेकिन, लगता है कि निर्देश के बावजूद मप्र के सरकारी विभागों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) में बड़े भ्रष्टाचार से जुड़े 44 मामलों की फाइलें धूल खा रही हैं।

जांच एजेंसी इन मामलों में 1 से 5 साल पहले जांच पूरी कर सबूत जुटा चुकी है। इनमें 105 आरोपी हैं, जिनमें ज्यादातर क्लास वन और टू स्तर के अफसर हैं, लेकिन 26 विभाग इन आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शुरू करने की स्वीकृति नहीं दे रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 18 मामले नगरीय विकास एवं आवास विभाग के हैं। 7 केस सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के हैं। अभियोजन की स्वीकृति न मिलने से जांच एजेंसी अदालत में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइनल नहीं कर पा रही है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में 17 आरोपियों के खिलाफ 5 साल से चार्जशीट अटकी हुई है।

  • 26 विभाग इन आरोपियों पर अभियोजन शुरू करने की स्वीकृति नहीं दे रहे हैं।
  • 17 आरोपियों पर अभियोजन स्वीकृति 5 साल से अटकी है।

छापे भी नहीं हो पा रहे, 30 डीएसपी का तबादला किया, कोई नया मिला नहीं

भ्रष्टाचारियों के खिलाफ फिलहाल जांच ठंडे बस्ते में है और छापे जैसी कार्रवाई भी नहीं हो पा रही हैं। वजह ये है कि तीन महीने पहले ईओडब्ल्यू से करीब 30 डीएसपी का तबादला कर दिया गया। इनके एवज में जांच एजेंसी को कोई नया डीएसपी नहीं मिला। अकेले भोपाल संभाग की बात करें तो यहां 150 केस और करीब अलग-अलग तरह की 900 जांच चल रही हैं। इनके लिए केवल 13 इन्वेस्टिगेटर बचे हैं, क्योंकि पीसी एक्ट का इन्वेस्टिगेशन डीएसपी ही कर सकते हैं। सरकार से मिली अनुमति के बाद कार्यवाहक डीएसपी से भी जांच करवाई जा रही हैं, जो नाकाफी हैं।

भ्रष्टाचार की 5000 शिकायतें मिलीं

ईओडब्ल्यू के पास 2022 में भ्रष्टाचार की 5000 से ज्यादा शिकायतें थीं। ये 2021 की तुलना में 10% ज्यादा थीं। इनमें ईओडब्ल्यू ने 103 एफआईआर दर्ज कर ली हैं। स्क्रूटनी के बाद जांच एजेंसी ने 402 आवेदन को जांच में लिया। साल 2021 में ऐसी 289 शिकायतों की जांच की गई। बाकी आवेदन संबंधित विभागों के पास जांच के लिए भेज दिए गए।

विभागों को हर तीन महीने में भेजते हैं पत्र

ज्यादातर मामले वर्ष 2021-22 से लंबित हैं। हम अभियोजन स्वीकृति के लिए हर तीन महीने में पत्र संबंधित विभाग प्रमुख को भेजते हैं। उम्मीद है कि जल्द ही अनुमति मिल जाएगी।
– अजय शर्मा, डीजी ईओडब्ल्यू

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