खेलो इंडिया का मैनेजमेंट…?

खेलो इंडिया का मैनेजमेंट:देशभर के 6000 खिलाड़ियों को मैनेज कर रहे आईआईएसएम के 36 स्टूडेंट, ये ही बताते हैं- किसका मैच कब; और कहां है ….

पूरे देश के खिलाड़ियों को कोऑर्डिनेट करना कठिन था, इन्होंने बनाया आसान …

मप्र में खेलो इंडिया के तहत देशभर के करीब 6 हजार खिलाड़ी खेल रहे रहे हैं। इन खिलाड़ियों का कमांडिंग सेंटर है भोपाल का टीटीनगर स्टेडियम। इनकी व्यवस्था मैनेज करने का सिस्टम संभाल रहे हैं इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, मुंबई (आईआईएसएम) के 36 स्टूडेंट। इन स्टूडेंट के पास खिलाड़ियों का लाइव डेटा एक क्लिक पर मौजूद है।

ये कभी भी बता सकते हैं कि कौन सा खिलाड़ी अभी कहां है? किस राज्य का खिलाड़ी सिलेक्ट हुआ है? उसका कब टिकट हुआ है? कितने बजे आएगा, कहां-कैसे रुकेगा, कहां खेलेगा? उसने खाने-रहने का इंतजाम क्या है? इन स्टूडेंट को लीड कर रहे हैं नार्थ-ईस्ट में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के रीजनल डायरेक्टर रहे सुभाष बासुमतारी। बासुमतारी कहते हैं कि एथलीट को कोऑर्डिनेट करना कठिन था, लेकिन स्टूडेंट्स की टीम ने आसान बना दिया।

ऐसे काम करती है पूरी टीम

  • राज्य सरकार, ऑर्गनाइजिंग कमेटी और एथलीट के बीच ये 36 स्टेट लाइजनिंग ऑफिसर (एसएलओ) एक कड़ी की तरह काम करते हैं। एक राज्य से एक एसएलओ कॉर्डिनेट करता है। 6 एसएलओ पर एक प्रभारी नियुक्त हैं। इन 6 प्रभारियों पर 2 डिप्टी ऑफिसर हैं जो बासुमतारी को रिपोर्ट करते हैं।
  • एसएलओ नॉमिनेट खिलाड़ियों की जानकारी संबंधित राज्य सरकार और टीम मैनेजर को देते हैं। उन्हें बताते हैं कि कब टिकट करवाना है और कहां पहुंचना है। इसके बाद किस राज्य के खिलाड़ी का कब टिकट हुआ है? इसकी जानकारी राज्य सरकार से लेकर ऑर्गनाइजिंग कमेटी को दी जाती है।
  • खिलाड़ी को किस शहर में खेलना है और ठहरने से लेकर उसके ट्रांसपोर्टेशन के इंतजाम की जानकारी संबंधित राज्य के टीम मैनेजर को दी जाती है। ऐसी सारी व्यवस्था को टीम कोऑर्डिनेट करती है। अगर कोई अव्यवस्था होती है तो उसे ठीक करने की जिम्मेदारी भी इन्हें ही निभानी है।

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