चूनाभट्‌टी-कोलार रोड…:5.3 किमी सड़क पर 8 साल में 25 करोड़ खर्च, फिर भी गड्‌ढे इतने कि 10 मिनट के सफर में लगते हैं 45 मिनट

कोलार थाने से कोलार गेस्ट हाउस तक 5.3 किमी की सड़क के मेंटेनेंस पर 8 साल में 25 करोड़ खर्च कर दिए, फिर भी इसकी हालत नहीं सुधरी। पूरी सड़क पर बड़े-बड़े गड्‌ढे होने से 10 मिनट के सफर में बारिश के मौसम में 40 से 45 मिनट लग जाते हैं। फिसलने से कई वाहन चालक दुर्घटना का शिकार भी हो रहे हैं।

जरा सी बारिश में पूरा पानी सड़क के बीच में से ऐसे बहता है जैसे कोई नाला हो। कोलार गेस्ट हाउस से गोल तिराहे तक 11 किमी की कोलार रोड 5 साल से अपने दोबारा निर्माण का इंतजार कर रही है। 2017 में जब सड़क पर डामरीकरण हो रहा था, तब केरवा, कोलार और सीवेज तीन प्रोजेक्ट के लिए खुदाई चल रही थी। पूरे उपनगर को शहर से जोड़ने वाली इस एकमात्र सड़क की आज हालत यह है कि चूनाभट्टी से शुरू होकर कोलार के गोल तिराहे तक की सड़क को यदि आप शहर की सबसे खराब सड़क भी कहें तो गलत नहीं होगा।

कोलार रोड की इस हालत के लिए निगम और पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर जिम्मेदार
कोलार रोड की इस हालत के लिए नगर निगम व पीडब्ल्यूडी दोनों एजेंसियों के इंजीनियर जिम्मेदार हैं। करीब 5 साल पहले जब यहां पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन एक्जीक्युटिव इंजीनियर एके रघुवंशी डामरीकरण करा रहे थे, तब निगम के जलकार्य प्रभारी एआर पवार ने पाइपलाइन की खुदाई चालू करा दी। बाद में यहां निगम के ही सीवेज प्रभारी संतोष गुप्ता ने सीवेज लाइन के लिए सड़क को खोद दिया। उस समय दोनों एजेंसियों के संयुक्त दौरे में यह तय हुआ था कि सड़क को निगम जस की तस बनाकर देगा।

फाइल में ही दबी रह गई योजना
2016 से 2018 के बीच सड़क के सुधार के लिए पीडब्ल्यूडी ने पहले 87 करोड़ और फिर 200 करोड़ रुपए की योजना बनाई, लेकिन दोनों ही फाइलों से बाहर नहीं निकल पाई। आज की स्थिति में यहां बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए अंडरपास और फ्लाईओवर आदि निर्माण की जरूरत महसूस की जा रही है।

बारिश थमते ही होगा काम
यह सही है कि कोलार रोड के सुधार की जरूरत है। बारिश थमते ही हम सबसे पहले यहां डामरीकरण करके पैचवर्क करेंगे। इसके बाद नए सिरे से डामरीकरण करेंगे। इस पर लगभग 6 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सड़क को सिक्सलेन करने के प्रस्ताव पर भी विचार चल रहा है। -अवनींद्र सिंह, ईई, पीडब्ल्यूडी

  • 2013 में 20 करोड़ से चौड़ीकरण हुआ। 2016 तक सड़क पर गड्ढे हो गए।
  • 2017 में 5 करोड़ से फिर डामरीकरण हुआ। तब 3 प्रोजेक्ट के लिए खुदाई चल रही थी।
  • 11 किमी की कोलार रोड पिछले 5 साल से दोबारा निर्माण का इंतजार कर रही है।

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