ग्वालियर – PhD: अंग्रेजी-हिंदी में सबसे अधिक शोधार्थी, दर्शनशास्त्र में रुझान कम
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय से पीएचडी करने वाले शोधार्थियों का सबसे अधिक रुझान अंग्रेजी और हिंदी विषय में दिख रहा है। वहीं सैन्य विज्ञान, दर्शनशास्त्र और मनोविज्ञान ऐसे विषय हैं जिनसे बहुत ही कम छात्र पीएचडी कर रहे हैं। जीवाजी विवि के सबसे बड़े शोध केंद्र एमएलबी कालेज से मिले पंजीकृत शोधार्थियों के आंकड़ों से यह समाने आया है। आंकड़े बताते हैं कि जीवाजी विवि से पीएचडी करने वाले छात्र किन विषयों में रुचि दिखा रहे हैं और किन में नहीं। बता दें कि एमएलबी कालेज में 14 विषयों में पीएचडी का शोध कार्य करवाने के लिए 51 निदेशक (रिसर्च गाइड) हैं। वहीं शोधार्थियों की बात करें तो 465 शोधार्थी वर्तमान में एमएलबी से शोध कार्य कर रहे हैं।
प्रवेश प्रक्रिया लंबित:
गौरतलब है कि जीवाजी विवि में वर्तमान में प्रवेश प्रक्रिया लंबित है। नवंबर 2022 तक जो प्रवेश परीक्षा हो जानी चाहिए थी वह वर्तमान समय तक नहीं हो सकी है। पहले प्रवेश प्रक्रिया का होना दिसंबर 2022 तक प्रस्तावित था। जिसके बाद प्रवेश प्रक्रिया बढ़ते-बढ़ते फरवरी में होना तय हुआ। वर्तमान समय में जीवाजी विवि के अधिकारी नैक निरीक्षण के बाद यानी मार्च के पहले हफ्ते के बाद होना संभावित बता रहे हैं, हालांकि कोई तिथि तय नहीं है।
यह कहते हैं विशेषज्ञ:
एमएलबी कालेज के समाजशास्त्री प्रो. अयूब खान के अनुसार जिन विषयों में पीएचडी अधिक हो रही है उनमें अधिकतर भाषाई विषय है। इसका सीधा सा कारण है कि शहर के जिन कालेजों में स्नातकोत्तर के लिए जिन भाषाई विषयों की अधिक उपलब्धता है, छात्र उन्हीं में पीएचडी करना अधिक पसंद कर रहे हैं। इससे शिक्षा के क्षेत्र में अधिक मौके मिलते हैं।
शोध केंद्र पर विषयवार शोधार्थी :
अंग्रेजी – 72
हिंदी – 62
राजनीति विज्ञान- 57
इतिहास – 57
समाजशास्त्र – 46
वाणिज्य – 42
विधि – 32
भूगोल – 22
अर्थशास्त्र – 19
पुस्तकालय विज्ञान- 17
संस्कृत – 14
मनोविज्ञान – 11
सेन्यविज्ञान – 9
दर्शनशास्त्र – 5