मुरैना में नए एसपी की साख दांव पर:शराब व रेत माफियाओं पर नकेल कसना टेढ़ी खीर साबित हो रहा, पांच महीने मे ही बदल गए थे सुनील पांडे

  • अगर कार्रवाई करते हैं तो, राजनेता लोग टिकने नहीं देते और अगर नहीं करते तो असफल दिखते हैं

जिले के नवागत एसपी ललित शाक्यवार ने आमद दर्ज करा दी है। अब उनके सामने खुद को कसौटी पर खरा उतारने की परीक्षा शुरू हो गई है। उनसे पहले रहे एसपी सनील कुमार पांडे को मात्र पांच महीने बाद ही जाना पड़ गया था।

ललित शाक्यवार के आने के बाद जिले के शराब माफियाओं के हौसले कम नहीं हुए हैं। विगत दो दिनों में दो थाना पुलिस ने शराब पकड़ी है। दो दिन पहले कोतवाली थाना पुलिस ने शराब पकड़ी थी। बुधवार को देवगढ़ थाने ने शराब की 12 पेटियां पकड़ी थीं। शराब माफिया नवागत एसपी को खुला चैलेंज दे रहे हैं।

नवागत एसपी के सामने फिलहाल कई चुनौतियां हैं। पहले उन्हें शराब माफियाओं पर कार्रवाई चालू रखना होंगी। इसके बाद राजनैतिक सपोर्ट भी चाहिए। अगर ऐसी नहीं होता है, तो उनका जाना लगभग तय है। सवाल यह है, एक तरफ शराब माफियाओं पर अंकुश लगाना व दूसरी तरफ राजनीतिक आकाओं के बीच बैलेंस रखना होगा।

थाना प्रभारियों की बढ़ी चिंता
नवागत एसपी के आने के बाद जिले के थाना प्रभारियों की चिंता बढ़ गई है। जो थाना प्रभारी मनमाफिक थानों पर जमे हैं। उन्हें चिंता सताने लगी है कि कहीं उनका थाना छिन न जाए। दूसरी तरफ वह थाना प्रभारी जो लंबे समय से अच्छे व कमाऊ थाने की चाहत में प्रयासरत थे, वह अब नवागत एसपी से नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। फिलहाल, नवागत एसपी को आमद दर्ज कराए अभी सप्ताह भी नहीं बीता है।

रेत माफियाओं पर लगा अंकुश
विगत एक माह से रेत माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्रवाई वन विभाग द्वारा की जा रही है। इस दौरान कई बार रेत माफियाओं ने वन अमले पर हमला भी किया। उन पर गोलियां चलाईं, लेकिन वह पीछे नहीं हटीं।

परिणाम कि रेत माफिया अब सीधे खनन करने के बजाय डंप किए रेत का परिवहन करने लगे। इस पर भी गत दिवस एसडीओ श्रद्धा पांढरे ने उनके डंप रेत को भी पकड़ लिया। कार्रवाई की वजह से रेत माफियाओं के हौसले लगभग पस्त हो चुके हैं।

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