GWALIOR इंजेक्शन से सुसाइड करने वाले डॉक्टर की दास्तां

मैं जीना तो बहुत चाहता था, इन सब ने मुश्किल कर दिया; कड़ी सजा मिले, जिससे किसी मां को अपना बेटा न खोना पड़े

ग्वालियर के एक हॉस्पिटल में इंजेक्शन लगाकर डॉक्टर गौरव गुप्ता के खुदकुशी के मामले में नया खुलासा हुआ है। डॉक्टर ने सुकोल नाम के इंजेक्शन का हैवी डोज लिया था। डॉक्टर और उसकी पत्नी में मनमुटाव चल रहा था। ससुर और साली उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे। डॉक्टर ने मौत चुनने से पहले तसल्ली से 4 पेज का सुसाइड नोट लिखा है। उसने शादी से लेकर अभी तक की एक-एक बात का जिक्र सुसाइड नोट में किया है।

डॉ. गुप्ता की शादी को साढ़े आठ साल होने के बाद भी कोई बच्चा नहीं था। इसके लिए भी ससुर डॉक्टर को ही जिम्मेदार बताते थे। उन्होंने चार पेज में 20 बार लिखा है कि पत्नी शैली के लिए सब बर्दाश्त करता रहा। चौथे पेज की आखिरी चंद लाइन दिल को झकझोर देने वाली हैं। मौत से पहले वह लिख रहा था, मैं जीना तो बहुत चाहता था, लेकिन इन सब ने जीना मुश्किल कर दिया।

मुझे जान देने पर मजबूर कर दिया है। इन्हें कड़ी सजा दी जाए। इससे किसी मां को अपना बेटा, भाई को अपना भाई न खोना पड़े। पुलिस ने सुसाइड नोट को जब्त कर लिया है। स्पॉट से सुकोल (sucol) नामक इंजेक्शन को जब्त कर लिया है। पुलिस ने पूरे मामले की जांच हाई लेवल पर शुरू कर दी है।

यह वह इंजेक्शन है जिसकी हाई डोज लेकर डॉक्टर ने इस जिंदगी को अलविदा कहा
यह वह इंजेक्शन है जिसकी हाई डोज लेकर डॉक्टर ने इस जिंदगी को अलविदा कहा

यह है पूरी घटना
ग्वालियर के सिटी सेंटर पटेल नगर निवासी डॉ. गौरव कुमार गुप्ता रेलवे में बतौर डॉक्टर तैनात थे। सोमवार रात अपने दोस्त डॉक्टर महेंद्र के नर्सिंग होम पर पहुंचे। महेंद्र उन्हें एक कमरे में रुकवाकर चले गए। डॉ. गौरव रात में रुके और खुद को इंजेक्शन लागकर जान दे दी। अगले दिन मंगलवार को जब डॉक्टर महेंद्र पहुंचे तो वे मृत मिले।

डॉक्टर का लिखा सुसाइड नोट
डॉक्टर का लिखा सुसाइड नोट

समझे डॉक्टर की सुसाइड की पूरी दास्तां

रात-रात भर सो नहीं पा रहा था डॉक्टर
डॉ. एमएल गुप्ता आपने मेरा जीवन इतना मुश्किल कर दिया है, जिसकी सीमा नहीं है। आपने मुझे इतना तड़पाया है, जिसकी कोई सीमा नहीं है। मैं आपसे हाथ जोड़कर पैर छूकर मिन्नतें करता रहा पर आप मुझे टॉर्चर पर टॉर्चर करते रहे। आप ने मेरी हालत पागलों जैसी कर दी। मेरा सुख चैन खाना पीना यहां तक की नींद तक हराम कर दी। मेरा वजन 12 किलो कम हो गया है। मुझे रात रात भर नींद नहीं आती है। आप ने दहेज और मारपीट का झूठा केस लगवाने की धमकी दी। मुझसे तलाक के पेपर पर झूठा लिखवा लिया कि मैं शैली से 2 साल से अलग रह रहा हूं।

शैली के लिए सब बर्दाश्त किया, वो चली गई तो टूट गया
आप अपने आपको (ससुर एमएली गुप्ता) इतना चालाक समझते हैं कि आपने शैली के हाथों तो मेरे फ्लैट से जब मैं घर पर नहीं था पूरा सामान उठवा लिया। इसमें मेरे सारे कपड़े जूते चप्पल ज्वैलरी, शैली का शादी का एल्बम सगाई का एल्बम लैपटॉप, मेरा आधार कार्ड, मेरा फोटो, शैली के ट्रीटमेंट की फाइल, मेरी रिपोर्ट सब उठवा ली। इतना होने पर भी मैं चुप रहा सिर्फ शैली के लिए सब बर्दाश्त किया, क्योंकि मैंने दुनिया में शैली को सबसे ज्यादा चाहा उसकी हर विश पूरी कि हमेशा खुश रखने की कोशिश की पर आपने मेरा सब कुछ छीन लिया और हर समय धमकी देते रहे।

मैं चाहता तो 2 मिनट में साबित कर देता कि मैं और शैली 9 मई 2021 तक साथ रहे इसका प्रूव CCTV फुटेज से हो जाता जो कि मेरे मोबाइल में हैं। इसमें साफ दिख रहा है की शैली कैसे अपना सामान मई 2021 लास्ट में लेकर गई आप के कहने पर।

ससुर, साली ने चैन से नहीं जीने दिया
12 अप्रैल को मैंने क्रोम से शैली को लैपटॉप दिलवाया था, जिस का बिल शैली के नाम से है और एड्रेस 312 टॉरटेनी अपार्टमेंट मेरे फ्लैट का है। लास्ट ईयर में जितनी भी ऑनलाइन शॉपिंग मैंने और शैली ने की वह सब मेरे घर के एड्रेस पर ही आए। सभी शैली के नाम से थे और उन सब का पेमेंट शैली के अकाउंट से ही हुआ है और वह सभी की कॉपी मेरे मोबाइल में है, पर आपने तो कसम खा रखी थी कि मुझे चैन से नहीं जीने दोगे इसलिए आपने लगातार दहेज केस और मारपीट के केस की धमकी दी। मेरे घर वालों का नाम मेरे मामा का नाम से FIR की धमकी देते रहे। आपकी बड़ी बेटी नेहा ने तो हद कर दी।

अब थक चुका हूं, बहुत ज्यादा थक चुका हूं
शैली और मैं मई 2021 तक साथ रहे एमएल गुप्ता और नेहा ने धोखा देकर मुझे टॉर्चर करके तलाक के झूठे पेपर जिसमें लिखा है कि मैं और शैली 2 साल से अलग रह रहे हैं। साइन करा लिए। अब मैं बहुत थक चुका हूं डॉ. एमल गुप्ता, नेहा ने मेरा जीना बहुत मुश्किल कर दिया मैं थक चुका हूं और मुझे बर्दाश्त नहीं होता। डॉक्टर अनिल गुप्ता और नेहा रूसिया लगातार मुझे धमकी दे रहे हैं कि कोर्ट में तलाक के पेपर पर साइन करो वरना दहेज केस लगा देंगे।

मैं मरना नहीं चाहता था मैं तो जीना चाहता था पर इन दोनों ने मुझे मजबूर कर दिया है मरने के लिए, मैं सबसे पुलिस मजिस्ट्रेट पॉलीटिशियन आदि से अपील करता हूं कि इन दोनों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, जिससे किसी मां को अपना बेटा और किसी को अपना भाई ना खोना पड़े। मैं जानता हूं शैली को इससे बहुत दुख होगा और गुस्सा आएगा पर इन्हें सजा मिलना चाहिए।

-आपका गौरव गुप्ता।

सुकोल के हैवी डोज से हुई मौत
मृतक के पास से पुलिस को सुकोल नाम का इंजेक्शन मिला है। सुकोल इन्जेक्शन को एनेस्थेसिया और सर्जिकल प्रोसीजर के दौरान मांसपेशियों को आराम देने के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है। यह दवा मस्तिष्क में कुछ केमिकल मैसेंजर को ब्लॉक करने का काम करती है। इस दवा का हैवी डोज जान भी ले सकती है। यह बात डॉक्टर गुप्ता बहुत अच्छी तरह से जानता था, इसलिए उसने यह कदम उठाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि इससे ही मौत हुई है या नहीं।

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