‘मेरे पास बंगला, गाड़ी, मंत्री का दर्जा, आपको क्या मिला?

इमरती देवी बोलीं- चुनाव मैं नहीं, जनता हारी, मैं तो सेल्फ स्टार्ट हूं …

विधानसभा उपचुनाव में हार को लेकर पूर्व मंत्री और कट्‌टर सिंधिया समर्थक इमरती देवी का ​​​​​​दर्द ​एकबार फिर छलका है। उनका कहना है, ‘चुनाव मैं नहीं, बल्कि जनता हारी है। मेरे पास आज भी ग्वालियर और भोपाल में सरकारी बंगला और गाड़ी है। मंत्री का दर्जा भी है, लेकिन डबरा का विकास रुक गया है। मैं तो सेल्फ स्टार्ट हूं।’

लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष और पूर्व मंत्री इमरती देवी ने ये बात गुरुवार शाम को ग्वालियर के डबरा में आयोजित विकास यात्रा में कही। जो कि डबरा के कमेटी हॉल से प्रारंभ हुई और पिछोर रोड होती हुई चीनोर रोड पर पहुंची। विकास यात्रा के दौरान हितग्राहियों को राशन पात्रता पर्ची, लाडली लक्ष्मी योजना प्रमाण पत्र व आवास के प्रमाण पत्र भी बांटे गए।

पढ़िए, पूर्व मंत्री का कैसे दर्द छलका?

कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री इमरती देवी ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्रीजी से कह दिया कि जब तक इमरती देवी जिंदा है, तब तक मंडी यहीं रहेगी। मैंने अपनी लड़ाई खुद लड़ी है। ना मुझे हार से मतलब और न मुझे जीत से मतलब। मैं चुनाव हारी नहीं, बल्कि मैं जीती हूं। आप ही बताइए अगर मैं हार गई होती, तो ये गाड़ी हमारे लिए होती? ये पुलिस हमारे लिए होती? ग्वालियर और भोपाल में सरकारी बंगला होता? नहीं होता। मैं तो जीती हूं। हारे तो आप लोग हो। इसलिए हारे हो, क्योंकि हम जीत जाते, तो डबरा का कितना विकास होता। लेकिन आज डबरा का विकास रुका हुआ है, इसलिए मैं खुद को हारा हुआ नहीं मानती। हारी तो डबरा की जनता है। ये तो मुख्यमंत्रीजी और सिंधिया जी का आशीर्वाद है कि मुझे तो आज भी तनख्वाह मिल रही है। मंत्री का दर्जा भी है। लघु उद्याेग विकास निगम में सरकारी गाड़ी भी है, बंगला भी है, सब सरकारी है मेरे पास। अफसर मेरे आगे-पीछे घूमते हैं। प्रशासन भी मेरे साथ है। आपको क्या मिला? 3 करोड़ रुपए में आपको न डीपी मिला, न हैंडपंप मिले। मैं कुछ करने के लिए हमेशा आगे देखती हूं, पीछे नहीं देखती कि होगा क्या। जो करती हूं, अपने मन से कर देती हूं। आपकी इमरती न कभी किसी के बंधन में रही और न रहेगी। इमरती सेल्फ स्टार्ट है और सेल्फ स्टार्ट रहेगी।

पहले भी छलकता रहा है हार का दर्द

डबरा सीट पर उपचुनाव में हार को लेकर सिंधिया समर्थक इमरती देवी का दर्द छलकता रहता है। कई बार उन्होंने खुद इसे मंच से बयां किया है। पहले भी कई मौकों पर वह अपनी हार के लिए पार्टी में भीतरघात को जिम्मेदार बता चुकी हैं। वे तो इसकी शिकायत हाईकमान तक से कर चुकी हैं।

उपचुनाव में अपने समधी से हार गई थीं इमरती

इमरती देवी 2018 का विधानसभा चुनाव ग्वालियर की डबरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीती थीं। साल 2020 में वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गई थीं। सिंधिया के साथ बीजेपी में गए 22 विधायकों ने एक साथ इस्तीफे दिए थे। इसके बाद इसी साल एक साथ 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हुए थे। इस बार इमरती देवी बीजेपी के टिकट पर डबरा से दोबारा चुनाव लड़ने उतरीं। कांग्रेस ने उनके समधी सुरेश राजे को अपना प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में कांग्रेस के सुरेश राजे ने इमरती देवी को 7568 वोटों से हरा दिया था।

लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष हैं इमरती देवी

चुनाव में हार के बाद भी बीजेपी ने इमरती देवी को तवज्जों दी। ज्योतिरादित्य सिंधिया की कट्टर समर्थक होने का फायदा देते हुए उन्हें निगम मंडल में अध्यक्ष पद दिया गया। इमरती देवी को मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष बनाया गया।

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