कानपुर में 8 इंस्पेक्टर इधर से उधर …!

MLA इरफान पर सबसे ज्यादा FIR दर्ज करने वाले इंस्पेक्टर को घाटमपुर थाना मिला, चकेरी थान प्रभारी लाइन हाजिर

कानपुर पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड।

कानुपर के चकेरी थाना परिसर में पथराव और बवाल के मामले में पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया। इसके साथ ही इरफान पर सबसे ज्यादा मुकदमें दर्ज करने वाले थाना प्रभारी को इनाम में घाटमपुर थाना दिया गया है। कानपुर कमिश्नरेट में तैनात आठ इंस्पेक्टरों को इधर से उधर किया है।

थाने के भीतर पथराव और बवाल से पुलिस की छवि हुए धूमिल

पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने सोमवार देर शाम आठ थानेदारों को इधर से उधर किया। सपा विधायक इरफान सोलंकी पर सबसे ज्यादा मुकदमें दर्ज करने वाले जाजमऊ थाना प्रभारी अशोक कुमार दुबे को इनाम में घाटमपुर थाने का चार्ज दिया गया है। इसके साथ ही चकेरी थाने के भीतर पथराव, मारपीट और बवाल होने के चलते चकेरी थाना प्रभारी अंजन कुमार सिंह को लाइन हाजिर कर दिया।

कर्नलगंज थाना प्रभारी रत्नेश कुमार सिंह को कर्नलगंज थाने से हटाकर चकेरी थाने का चार्ज दिया गया है। जबकि एक दिन पहले ही कर्नलगंज में पुलिस की लापरवाही के चलते मामूली से झगड़ा हत्याकांड तक पहुंच गया। रंजिश के चलते एक युवक को खींचकर बीच मोहल्ले लोहे की रॉड से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

वहीं, इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह को कर्नलगंज थाना प्रभारी, बीमारी के चलते छुट्‌टी पर चल रहे ग्वालटोली थाना प्रभारी जैनेंद्र तोमर को क्राइमब्रांच, घाटमपुर थाना प्रभारी रामबाबू सिंह को जाजमऊ थाना प्रभारी, जय प्रकाश यादव को अतिरिक्त थाना प्रभारी बजरिया और दरोगा राकेश सिंह को ग्वालटोली थाना प्रभारी बनाया गया है।

पुलिस कमिश्नर की भी नहीं सुनने पर हटाए गए चकेरी इंस्पेक्टर

श्याम नगर के रहने वाले दो गुटों में 24 फरवरी की रात को मारपीट हो गई थी। इसके बाद दोनों पक्ष चकेरी थाने में देर रात तहरीर देने पहुंचे थे। इस दौरान दोनों गुटों में थाने के भीतर ही मारपीट, पथराव और जमकर बवाल हुआ था। चकेरी थाने की पुलिस पूरे बवाल के दौरान मूकदर्शन बनी रही थी। बवाल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने मामले में आरोपियों पर कार्रवाई का आदेश दिया था।

इसके बाद भी चकेरी थाना प्रभारी अंजन कुमार सिंह ने सोमवार को मारपीट के मामले में चार आरोपियों राहुल गुप्ता, अंशुमान गुप्ता, अभिनव सिंह और सुमित सिंह को अरेस्ट कर लिया। लेकिन कठोर कार्रवाई करने की बजाए शांतिभंग जैसी मामूली धारा में जेल भेज दिया। इसके बाद उनके ऊपर गाज गिराते हुए लाइन हाजिर कर दिया गया।

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