ओपीडी से डॉक्टर नदारद, बिना इलाज के ही लौटे कई मरीज …!

अव्यवस्था: दूर दराज से आए मरीज डॉक्टरों का करते रहे इंतजार …

समय पर ओपीडी में नहीं बैठने से लोग होते हैं परेशान …

भिण्ड. जिला अस्पताल की ओपीडी में डॉक्टरों के खाली चेंबर मरीजों की मुसीबत बढ़ा रहे हैं। गुरुवार को सुबह साढे नौ बजे पत्रिका टीम ने ओपीडी का जायजा लिया तो शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सतीश शर्मा और ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ रविंद्र चौधरी अपने चैंबर में बैठे थे, बाकी कक्ष खाली पड़े थे। ऐसे में मरीज चिकित्सकों के कक्ष के बाहर बैठे इंतजार करते रहे और जब डॉक्टर नहीं आए तो कई बिना इलाज के ही लौट गए।

जिला अस्पताल में हड्डी के 3 डॉक्टर हैं, लेकिन गुरुवार को एक भी डॉक्टर ओपीडी में नहीं बैठे। विकलांग बोड में डॉ जेएस यादव परीक्षण के लिए बैठे थे, इधर ओपीडी में चोटिल, फ्रैक्चर वाले मरीज भटकते रहे। ग्रामीण इलाकों से आए मरीजों के पर्चे पर जांच तक नहीं लिखी गई, जिसके कारण वे बिना एक्स-रे कराए इमरजेंसी से दर्द की दवांए लेकर लौट गए।

पीजी डॉक्टरों ने नहीं किया ज्वाइन

जिला अस्पताल में कुल 45 डॉक्टर हैं। इनमें से हाल ही में डॉ यशवंत सिंह और डॉ रंजना चौधरी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। शासन ने 2 डेंटिस्ट डॉक्टर भेजे हैं। वहीं 7 डॉक्टर ऐसे हैं जो विभागीय कार्य में व्यस्त रहते हैं। वर्तमान में 14 क्लास वन और 10 मेडिकल आफिसर डाक्टर हैं। जबकि इसके अतिरिक्त क्लास वन में 27 और क्लास टू में 16 डाक्टरों की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग ने अक्टूबर माह में 15 पीजी डॉक्टर को भेजा था, जिसमें से 10 जिला अस्पताल में नियुक्त होन थे, लेकिन कलेक्टर के पत्र के बावजूद एक भी डॉक्टर ने भिण्ड में ज्वॉइन नहीं किया।

ओपीडी में सुबह 10 बजे तक 2 डॉक्टर

ओपीडी में गुरुवार को डॉ प्रशांत पाठक, डॉ सतीश शर्मा, डॉ हिमांशु बंसल, डॉ प्रतीक मिश्रा, डॉ आरके अग्रवाल, और डॉ रविन्द्र चौधरी की ड्यूटी थी। सुबह साढ़े 9 बजे पत्रिका टीम पहुंची तो ओपीडी में डॉ सतीश शर्मा और डॉ रविन्द्र चौधरी मिले। बाकी चैंबरों के बाहर मरीज बैठे थे। 45 मिनट बाद डॉ प्रशांत पाठक पहुंचे। वहीं जब दोबारा जायजा लिया तो 12 बजे ओपीडी में डॉ हिमांशु बंसल, डॉ प्रशांत पाठक, डॉ सतीश शर्मा, डॉ विनोद वाजयेई बैठे थे, जबकि बाकी चैंबर खाली थे। वहीं सीएस का कहना था कि डॉ हिमांशु बंसल, डॉ प्रतीक मिश्रा ओटी में थे, कुछ डॉक्टर राउंड ले रहे थे।

सुबह 10 बजे तक राउंड रहता है। इसलिए ओपीडी में डॉक्टर देरी से पहुंचते हैं। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ जेएस यादव की ड्यूटी बोर्ड में लगी थी। डॉ आरके अग्रवाल की ड्यूटी लगाई थी, उन्होंने इमरजेंसी में मरीज देखे। डॉक्टरों की कमी से कई बार व्यवस्थाएं बिगड़ जाती हैं।

डॉ अनिल गोयल, सीएस, जिला अस्?पताल भिण्ड

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