MP, में BJP पर संकट …? मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान 16 साल CM रह चुके …

MP,में BJP पर संकट:मध्यप्रदेश में 80 सीटें ही पक्की ……

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक, तीन राज्य जहां चुनाव करीब हैं और BJP अपने लिए मुश्किलें देख रही है। यहां सरकार बन ही जाएगी, पार्टी इसका दावा नहीं कर पा रही। वजह भी दिख रही है, लेकिन लीडरशिप के पास कोई उपाय नहीं। मध्यप्रदेश में पार्टी के सर्वे से पता चला है कि सीटें 100 से कम ही रहेंगी। और इतने में सरकार नहीं बन सकती। छत्तीसगढ़ में पार्टी के पास कोई CM फेस ही नहीं है। कर्नाटक में एंटी इनकम्बेंसी का तोड़ नहीं मिल रहा।

मैंने तीनों राज्यों में पार्टी के सीनियर लीडर और एक्सपर्ट से बात की। उनसे पूछा कि कभी गढ़ रहे इन प्रदेशों में पार्टी क्यों फंसा महसूस कर रही है।

मध्यप्रदेश: BJP और कांग्रेस, दोनों के पास 80-80 सीटों का बेस
मध्यप्रदेश में BJP और कांग्रेस दोनों के पास 80-80 सीटों का बेस है। बहुमत 116 सीट पर है। यहां लड़ाई इन्हीं 36 सीटों के लिए है, जो सरकार बनवाएंगी। स्टेट BJP के एक सीनियर लीडर कहते हैं ‘मुख्यमंत्री, प्रदेश संगठन और हाईकमान तक लगातार अपना-अपना सर्वे करवा रहे हैं। इनके आंकड़े तो हमें पता हैं, पर वे ऐसे नहीं हैं कि हम आपसे शेयर कर पाएं। अभी तो सीटें 100 के अंदर ही आते दिख रही हैं, इसलिए इस बार बहुत बड़े पैमाने पर विधायकों की टिकट काटी जाएंगी।’

‘पिछले विधानसभा चुनाव में ही 50 विधायकों की टिकट कटनी थी, लेकिन एक बड़े नेता अड़ गए। उनकी जिद की वजह से किसी की टिकट नहीं काट पाए। इस बार संगठन किसी के दवाब में नहीं आएगा, क्योंकि पिछला चुनाव हार गए थे। इसीलिए मल्टीपल लेवल पर सर्वे करवाए जा रहे हैं। टिकट देने का एक ही पैमाना होगा और वो है जीत। फिर इससे फर्क नहीं पड़ता कि कैंडिडेट किस गुट से है।’

CM शिवराज सिंह को हटाने पर वे कहते हैं, ‘ये कोई नहीं जानता कि कल BJP में क्या हो जाए। आज तक शिवराज सिंह चौहान ही पार्टी का चेहरा हैं, लेकिन दिल्ली में क्या चल रहा है, ये मध्यप्रदेश BJP के नेता भी नहीं जानते।

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान 16 साल CM रह चुके
शिवराज सिंह चौहान 23 मार्च 2020 को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। 30 नवंबर 2005 से 17 दिसंबर 2018 तक लगातार 13 साल 17 दिन तक वे CM रहे। फिर करीब डेढ़ साल कांग्रेस की सरकार रही और कमलनाथ CM बने। 23 मार्च 2020 से एक बार फिर CM की कुर्सी शिवराज के पास आ गई। उन्हें मुख्यमंत्री रहते हुए करीब 16 साल हो चुके हैं। अब तक प्रदेश में कोई भी इतने समय तक मुख्यमंत्री नहीं रहा है।

सीनियर जर्नलिस्ट राकेश दीक्षित बताते हैं- ‘2018 में BJP 107 सीटों पर रुक गई थी। इस बार भी हालात ज्यादा नहीं बदले हैं। कांग्रेस पिछली बार से ज्यादा इस बार संगठित दिख रही है। BJP ने भी ‘लाडली बहना’ जैसी योजना के साथ हिंदुत्व की धार तेज कर दी है। इस बार के बजट में भी धर्म और महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के अलावा ज्यादा कुछ खास नहीं था।’

राकेश दीक्षित कहते हैं ‘चुनाव में 8 महीने ही बचे हैं, इसलिए अब CM भी बदला नहीं जा सकता। पहले भी पार्टी को ऐसा कोई चेहरा नहीं मिला, जो शिवराज की जगह ले सके। BJP मुफ्त की रेवड़ी बांटने के खिलाफ है, लेकिन मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले ‘लाडली बहना’ स्कीम लॉन्च कर दी गई। इसमें महिलाओं के खाते में 1 हजार रुपए डाले जाएंगे। इस तरह की स्कीम्स से पता चल रहा है कि पार्टी हड़बड़ाहट में है।’

हालांकि, पार्टी प्रवक्ता हितेश वाजपेयी का कहना है कि ‘2018 में पार्टी कुछ सीटों से भले ही हार गई थी, लेकिन हमारा वोट पर्सेंट कांग्रेस से ज्यादा था।’

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