पुल-पुलियों…के निर्माण पर 100 करोड़ ज्यादा खर्च, फिर भी अधूरे

चार साल पिछड़ा कार्य, लागत भी बढ़ी ..

अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान, समय अवधि बढ़ाने के बाद भी नहीं हो पाए निर्माण …

भिण्ड.ऊमरी से फूप मार्ग पर क्वारी नदी के क्षतिग्रस्त पुल के मजबूतीकरण का कार्य 241.46 लाख रुपए से स्वीकृत हुआ था। 16 फरवरी 2018 को कार्यादेश जारी कर दिया गया। यह कार्य जून 2019 में ही पूरा होना था। लेकिन कोविड के नाम पर काम रुका और फिर कार्य के स्वरूप में परिवर्तन के कारण पुनरीक्षित प्राशासकीय स्वीकृति में विलंब हुआ। इसमें लागत बढकऱ 382.59 लाख तक पहुंच गई। यह कार्य भी जून 2023 में पूरा करने का दावा किया गया था, लेकिन इस बरसात चालू होना मुश्किल है। क्योंकि जून के अंत तक इसमें 84 प्रतिशत की ही प्रगति हुई है। जबकि 343 लाख रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं।

इन पुलों की बढ़ी लागतें

207.49 से 461.47 लाख पहुंची कठवां नाले पर पुल की लागत, कार्य पूर्ण।

380.97 से 489.05 लाख पहुंची बरवाहो नाला पुल की लागत, चालू।

781.23 से 1740.84 लाख पहुंची बेसली के गाता घाट पुल की लागत, अधूरा।

349.22 से 628.88 लाख पर पहुंची मौ मार्ग पर झिलमिल नदी पुल की लागत।

603.97 से 1261.85 लाख पहुंची सोनमृगा नदी पुल की लागत, काम अधूरा।

कोट से पढ़ोरा मार्ग निर्माण कार्य भी विलंब

63.75 करोड़ से 115.87 करोड़ हुई लागत

309.12 लाख रुपए की लागत से कोट से पढ़ोरा मार्ग पर पढ़ोरा व रायकोट के बीच वसरिया नाले पर पहुंच मार्ग सहित पुल का निर्माण भी जून तक तय समय सीमा में पूरा नहीं हो पाया। 13 नवंबर 2020 में कार्यादेश के बाद इसे जनवरी 2022 में ही पूरा करना था। लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए ठेकेदार को जिम्मेदार ठहरया है।

हालांकि अप्रेल, मई और अगस्त 2022 में नोटिस देने की बात कही है। लेकिन इसके बावजूद तय समय सीमा जून 2023 तक काम पूरा नहीं हो पाया। अभी 35 प्रतिशत काम शेष है।

अटेर-जैतपुर मार्ग पर वर्ष 2015 में 63.75 लाख रुपए से स्वीकृत पुल के लिए कार्यादेश जुलाई 2016 में जारी हुए थे। निविदा शर्त के अनुसार यह कार्य भी जून 2019 में पूरा होना था। लेकिन पुल की ऊंचाई बढ़ाने, लागत में वृद्धि होने एवं अन्य तकनकी खामियों की वजह से यह कार्य सितंबर 2023 में भी पूरा नहीं हो पा रहा है।

विभाग ने दिसंबर 2023 तक का दावा किया है, लेकिन इसके मार्च 2024 तक ही पूरा होने की उम्मीद है।

जिले में आधा दर्जन से अधिक पुल एवं पुलियों के निर्माण कार्य पहले कोविड के नाम पर और बाद में ठेकेदारों की उदासीनता से तय समय में पूरे नहीं हो पा रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारियों ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। एस्टीमेट पुनरीक्षित करने और समयावधि बढ़ाने के बावजूद इस साल बरसात में इन पुलों से आवागमन की सुविधा उपलब्ध होना संभव नहीं दिख रहा है। जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में अधिकारियों ने झूठे दावे कर दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *