चिकित्सा शिक्षक का नाम केवल कागजों में पाया गया तो तीन वर्ष नहीं कर पाएंगे नौकरी
आशंका है कि प्रदेश समेत देशभर के आयुर्वेद, सिद्धा व यूनानी मेडिकल कालेजों में कुछ टीचिंग फैकल्टी केवल कागजों में हैं …
भोपाल । आयुर्वेद, सिद्धा और यूनानी(आयुष) कालेजों में चिकित्सा शिक्षक (फैकल्टी) की नियमित उपस्थिति की जगह केवल कागजों में नाम दर्ज पाया गया तो तीन वर्ष तक नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा। इस दौरान उनका टीचर कोड भी निलंबित कर दिया जाएगा, ताकि वे कहीं भी नौकरी नहीं कर सकें। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) ने इस व्यवस्था को लेकर सभी कालेजों के प्राचार्य अथवा डीन को पत्र भेजा है। आयोग को आशंका है कि प्रदेश समेत देशभर के आयुर्वेद, सिद्धा व यूनानी मेडिकल कालेजों में कुछ टीचिंग फैकल्टी केवल कागजों में हैं।
वर्ष 2022 में भी एनसीआइएसएम ने इस संबंध में नियम बनाए थे। इसमें यह व्यवस्था थी कि फैकल्टी सिर्फ कागजों में मिला तो एक वर्ष के लिए टीचर कोड निलंबित किया जाएगा। यानी वह इस अवधि में कहीं नौकरी नहीं कर पाएगा। इसके अलावा छह माह का वेतन लौटाना होगा जो एनसीआइएसएम के पास जमा होगा।
चिकित्सा शिक्षा में व्यापक सुधार में एनसीआइएसएम का यह दंडात्मक कदम स्वागत योग्य है। हां, यह भी ध्यान रखना होगा कि योग्य व ईमानदार चिकित्सा शिक्षकों को परेशानी न हो।
डा. राकेश पाण्डेय- राष्ट्रीय प्रवक्ता, आयुष मेडिकल एसोसिएशन