प्रदेश में सबसे अधिक वाहन बेचने वाले इंदौर में एक ओर जहां हर साल करोड़ों के वाहन बिक रहे हैं, वहीं यहां ऐसे लोग भी हैं जो अपने वाहनों पर वीआइपी नंबर लेने के लिए लाखों रुपये तक खर्च कर देते हैं। इसके अलावा ऐसे लोग भी हैं, जो अपने पसंदीदा नंबर के लिए 5100 की फीस भर रहे हैं।
प्रदेशभर में वीआइपी नंबरों को नीलाम करने की प्रक्रिया को परिवहन विभाग ने बीते साल 22 अगस्त से बदल दिया है। अब चार पहिया और दो पहिया वाहनों के लिए एक ही सीरीज चलती है। इसके नंबर हर सप्ताह बिकते हैं। वाहन मालिकों को ये नंबर आसानी से मिल जाते हैं। पहले दो पहिया वाहनों के नंबरों की सीरीज करीब तीन माह में और कारों की सीरीज पांच से छह माह में खत्म होती थी। इससे प्रतिस्पर्धा अधिक होती थी और नंबर ज्यादा कीमत पर बिकते थे, लेकिन अब लोगों को फायदा होता है।
इंदौर में सबसे अधिक डिमांड 0001 नंबर की होती है। हर सीरीज के खुलते ही सबसे पहले उसका 0001 नंबर बिक जाता है। इंदौर में सबसे अधिक 0001 नंबर यहां की कंपनी आशा कन्फेक्शनरी ने लिए हैं। इस कंपनी ने 18 कारों के लिए विभिन्न सीरीज के 0001 नंबर ले लिए हैं। जिसमें सबसे अधिक कीमत 12 लाख 75 हजार रुपये तक की चुकाई है। इसके डायरेक्टर दीपक दरियानी बताते हैं, हम अपनी कारों के लिए लगातार यह नंबर लेते हैं। इस नंबर से हमारा विशेष लगाव है। मैं चाहता हूं कि हमारे काफिले में 51 कारों पर 0001 नंबर हो। हमारे पास विदेशी कंपनियों की कारें हैं, जिनके लिए यह नंबर लिए हैं। चूंकि कार की डिलिवरी लेट हो सकती है, इसलिए हम कई बार नंबर लेकर रख लेते हैं। फिर 60 दिन के भीतर नंबर पर वाहन रजिस्टर्ड करवा लेते हैं।
0009, 0007 की दीवानगी भी कम नहीं
वीआइपी नंबरों की नीलामी में शामिल होने वाले एजेंट सोनू अग्रवाल ने बताया कि ऐसा नहीं है कि इंदौर में 0001 नंबर ही ज्यादा बिकता है। इसके अलावा कुछ नंबर ऐसे हैं जिनके लिए भी लोग नंबर लेना पंसद करते हैं और इस पर लाखों रुपये तक खर्च कर देते हैं। हम मालिकों की तरफ से बोली लगाते हैं। कई बार हमें पार्टी कह देती है कि कितनी भी कीमत में मिले, नंबर हमें ही मिलना चाहिए। इंदौर में 0009 नंबर बाणगंगा का शुक्ला परिवार, 9999 नंबर विधायक आकाश विजयवर्गीय परिवार, 0010 नंबर रतलाम के कटारिया परिवार द्वारा सबसे ज्यादा लिए जाते हैं।
एमपी 09 है लोगों को पसंद
इंदौर में लोगों में वाहनों के नंबरों को लेकर विशेष उत्साह रहता है। नई व्यवस्था में प्रदेश के किसी भी जिले से खरीदी गई गाड़ी को इंदौर में पंजीकृत करवा सकते हैं। इसलिए यहां पर ज्यादा वाहन रजिस्टर्ड हो रहे हैं। हर सप्ताह की नीलामी में हमारे औसतन 40 नंबर तो बिक ही रहे हैं। इसके अलावा 5100 रुपये चार पहिया और 2100 रुपये दो पहिया के लिए देकर लोग पसंदीदा नंबर डीलर से भी ले रहे हैं।
– अर्चना मिश्रा, एआरटीओ
नए वाहनों के लिए यह है नंबरों की व्यवस्था
पहली व्यवस्था- इसमें परिवहन विभाग के साफ्टवेयर से आपको नंबर मिल जाता है। जो कोई भी हो सकता है।
दूसरी व्यवस्था- इसमें आप पसंदीदा नंबर जो वीआइपी नहीं है, उन्हें ले सकते हैं। जैसे नंबर 7124 वीआइपी नहीं है, लेकिन यह आपको लेना है तो चार पहिया वाहन के लिए 5100 और दो पहिया के लिए 2100 रुपये देने होंगे।
तीसरी व्यवस्था- इसमें आपको हर माह वाहन पोर्टल के माध्यम से होने वाली नीलामी में हिस्सा लेना होगा। जिसके बाद कोई दूसरा दावेदार नहीं होने पर आप उस नंबर को आधार कीमत पर ले सकते हैं। दूसरा दावेदार होने पर अधिक बोली लगाने वाले को विजेता घोषित किया जाता है।
इतनी कीमत पर बिके बीते कुछ माह में नंबर
नंबर कीमत
एमपी 09 जेडडी 0001 पांच लाख 49 हजार
एमपी 09 जेडई 0001 तीन लाख 51 हजार
एमपी 09 जेडएफ 0001 4 लाख एक हजार