हम पर्यावरण संरक्षण पर गंभीर हैं, हमने वन क्षेत्र को 8 लाख हेक्‍टेयर बढ़ाया: PM मोदी

नोएडा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) ने आज ग्रेटर नोएडा में चल रही कॉन्‍फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप) के 14वें सम्‍मेलन को संबोधित किया. पीएम मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद रहे. पीएम मोदी ने सम्‍मेलन में मौजूद 196 देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम अपनी धरती को मां मानते हैं. पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के नकारात्‍मक असर को झेल रही है. उन्‍होंने कहा कि भारत दुनिया को मरूस्‍थलीयकरण से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसीलिए भारत ने दो साल तक इस सम्‍मेलन का होस्‍ट बनने फैसला लिया है.

पीएम मोदी ने क‍हा कि हम बायो फर्टिलाइजर को बढ़ावा दे रहे हैं. केमिकल फर्टिलाइजर के इस्‍तेमाल को कम कर रहे हैं. भारत ने जल संरक्षण के लिए जल शक्ति मंत्रालय बनाया है. उन्‍होंने कहा कि भारत ने सिंगल यूज प्‍लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि दुनिया को सिंगल यूज प्‍लास्टिक को गुड बाय कह देना चाहिए. हमारा लक्ष्‍य किसानों की आमदनी दो गुना करने का है.

पीएम मोदी ने कहा कि आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत अपना वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. 2015 से 2017 के बीच भारत ने अपने वन क्षेत्र और पेड़ क्षेत्र 8 लाख हेक्‍टेयर तक बढ़ाया है. पीएम मोदी ने कहा कि जल संकट का वैश्विक संकट घोषित किया जाए. ‘मैं’ और ‘हम’ के रिश्‍ते को शांति मंत्र बयां करता है.

पीएम मोदी ने इस सम्‍मेलन में कहा, ‘मैं आज यह घोषणा करना चाहता हूं कि भारत बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के प्रति अपने प्रयासों को बढ़ाने की ओर काम कर रहा है. अब और 2030 के बीच भारत बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के स्‍तर को 2.1 करोड़ हेक्‍टेयर से बढ़ाकर 2.6 करोड़ करने के लिए प्रयासरत रहेगा.

ग्रेटर नोएडा के एक्‍स्‍पो मार्ट में चल रहे कॉप-14 कार्यक्रम में करीब 196 देश हिस्‍सा ले रहे हैं. 2 सिंतबर को कॉप-14 सम्मेलन की शुरुआत हुई थी. इसका उद्घाटन पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया था. कॉप 14 सम्मेलन का मकसद दुनिया को बढ़ते मरूस्थलीकरण से बचाना है. यह कार्यक्रम संयुक्‍त राष्‍ट्र के तत्‍वावधान में हो रहा है.

इस सम्मेलन के माध्यम से भारत पूरी दुनिया को मरूस्थलीकरण से निपटने का संदेश देगा. इस सम्मेलन की अध्यक्षता फिलहाल चीन करते हुए आया है. साल 2017 में भी चीन ने ही इसका आयोजन किया था. अगले दो साल यानी 2020 तक इस सम्मेलन की अध्यक्षता भारत कर रहा है. ये कार्यक्रम 13 सितंबर तक चलेगा. भारत में पहली बार बड़े स्तर पर ये कार्यक्रम हो रहा है.

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