ये हैं ‘परेशानी’ के हॉस्टल…! न कोई देखने वाला न सुनने वाला

भंवरकुआं. रहवासी क्षेत्रों में अब व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने लगी हैं। भंवरकुआं व इसके आसपास के क्षेत्र में यह चलन ज्यादा है, जिससे रहवासी परेशान हैं।

किराएदारों के कारण रहवासी होते हैं परेशान, आए दिन हो रही घटनाएं

दरअसल, शहर में हर साल पढ़ने आने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा हो रहा है। ये छात्र भंवरकुआं, भोलाराम उस्ताद मार्ग और विष्णुपुरी जैसे क्षेत्रों में रहना ज्यादा पसंद करते हैं। कई लोगों ने मकान किराए से देने के नाम पर रहवासी इलाकों में ही बड़ी इमारतें तान दी हैं। इसमें किराए से देने और होस्टल खोलने जैसे व्यवसाय चलाए जा रहे हैं, जो पेरशानियों का सबब भी बनते जा रहे हैं। जिन इलाकों में होस्टल और कमरों का चलन बढ़ा है वहां के रहवासियों को आएदिन परेशानियों सामना करना पड़ रहा है। बाहरी लोगों का जमावड़ा, युवकों-युवतियों में विवाद, छेड़छाड़ जैसी घटनाएं यहां होती रहती हैं। रहवासी आपत्ति लेते हैं तो होस्टल में रहने वाले युवक विवाद करने पहुंच जाते हैं।

कलेक्टर की जनसुनवाई से लेकर थानों तक शिकायतें की जाती है लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं होती। जानकारी के अनुसार शहर में करीब चार हजार से ज्यादा होस्टल संचालित हो रहे हैं, लेकिन निगम के रेकॉर्ड में सिर्फ पांच सौ ही हैं। सरकार होस्टल के लिए कोई गाइडलाइन नहीं बना पाई है।

शहर में भंवरकुआं, छोगालाल उस्ताद मार्ग, विष्णुपुरी, इंद्रपुरी, नवलखा जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में होस्टल हैं। यहां ढाई हजार से लेकर चार हजार रुपए तक में कमरा मिल जाता है। एक कमरे में दो से तीन छात्र रहते हैं जिससे होस्टल संचालकों को अच्छी आय हो जाती है। कई होस्टल ऐसे हैं जहां छोटे-छोटे कमरों में कई छात्र रहते हैं। जानकारी के मुताबिक शहर में बड़ी संख्या में गर्ल्स होस्टल भी हैं लेकिन इनके हाल भी ज्यादा अच्छे नहीं हैं। दूसरे छात्र और आपराधिक तत्व इन होस्टलों के आसपास मंडराते रहते हैं। इन्हें रोकने पर ये होस्टल संचालकों और आसपास के लोगों से विवाद करते हैं।

विष्णुपुरी रहवासी संघ के सदस्यों ने पिछले महीने महापौर पुष्यमित्र भार्गव से मुलाकात की थी। संघ ने महापौर को कॉलोनी में हो रहे अवैध निर्माण, अतिक्रमण, ड्रेनेज-पानी की समस्या सहित सभी बिंदुओं से अवगत कराया। महापौर ने संघ को आश्वस्त किया कि विष्णुपुरी में किसी नए होस्टल का निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। संघ ने महापौर से मांग की है कि वे एक अधिकारी नियुक्त कर कॉलोनी में हो रहे नए निर्माण का सर्वे करवाएं। इससे क्षेत्र की वस्तुस्थिति का पता चल जाएगा। महापौर ने आश्वासन दिया है।

बाहर से आए छात्र-छात्राएं आज-कल सार्वजनिक स्थानों पर गलत हरकत करते दिखते हैं। इन लोगों के कारण क्षेत्र में रहने वाले बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ता है। कई बार ये लोग सड़क पर लड़ाई करते दिख जाते हैं। पुलिस भी सिर्फ कहने मात्र को ही गश्त करती है। कोई पकड़ाता है तो उसे वापस छोड़ देते हैं।

-रहवासी

मेरे घर के पास जो होस्टल है वहां मकान मालिक नहीं रहता है। जब बच्चों ने गड़बड़ी की तो मैंने मकान मालिक से शिकायत की। बाद में छात्रों ने मुझसे ही लड़ाई की। कुछ दिन बाद मेरी दुकान के बाहर रोज गंदगी मिलने लगी। गाड़ी पर किसी ने स्क्रेच भी मार दिए। इसके बाद से हमने शिकायत करना ही बंद कर दी।

– रहवासी

मेरे घर के पास में तीन मंजिला भवन बनाकर किराए पर दे दिया है। लड़के मस्ती करते हैं लेकिन मकान मालिक केवल पैसे लेने आता है। मकान मालिक के अलावा बाहर से आए छात्रों पर माता-पिता को भी नजर रखना चाहिए। कई बार उन्हें अचानक ही आकर देखना चाहिए कि उनके बच्चे आखिर यहां वाकई पढ़ाई कर रहे हैं या नहीं।

– रहवासी

होस्टल में रहने वाले कई युवा जमकर शराबखोरी करते हैं। देर रात तक जागना, मस्ती करना इनकी दिनचर्या में शामिल है। बाहर से आए छात्र यहां अकेले ही रहते हैं तो उन पर किसी का नियंत्रण नहीं रहता है। इसलिए वे रहवासियों के लिए परेशानी का कारण बनते हैं। यहां लोग पढ़ाई के अलावा सब करते हैं।

 रहवासी

आपके क्षेत्र में भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं तो पुलिस के हेल्पलाइन नं. 100 पर संपर्क कर सकते हैं।

या हमें व्हाट्सएप नंबर 9057531532 पर फोटो सहित खबर भेजें।

 

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