नर्सिंग घोटाला में नया खुलासा ?
राहुल राज व्यापमं महाघोटाले का भी जांच अधिकारी रहा …
उसके पुराने केस खंगालेगी सीबीआई, रिश्वतखोरी का मास्टरमाइंड भी वही; किसे मान्यता किसे नहीं, पूरी लिस्ट…
MP Nursing College: नर्सिंग कॉलेज घोटाला मामले में नई जानकारी निकलकर आई है। सीबीआई निरीक्षक के पद पर नियुक्त राहुल राज (MP Nursing College) का 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें तुरंत बर्खास्त कर दिया गया। राहुल राज को हटाने के लिए सीबीआई मुख्यालय मे संविधान के अनुच्छेद 311 की शक्तियों का उपयोग किया था।
राहुल राज ने व्यापमं मामले की जांच भी की थी
सीबीआई बर्खास्त अधिकारी राहुल राज आठ साल (MP Nursing College) से भोपाल में पदस्थ था। राहुल ने सीबीआई में बतौर उप निरीक्षक के पद पर भर्ती हुए थे और उसके बाद वह यहीं पर पदोन्नत होकर निरीक्षक बने। अधिकारियों ने बताया कि सबसे व्यापमं फर्जीवाड़े की जांच में भी राहुल राज लिप्त था।
दिल्ली सीबीआई इस बात की भी इंटरनल जांच करेगी कि राहुल ने पहले के केसों में भी क्या किसी को जानबूझकर फायदा पहुंचाया है? वहीं राहुल राज ने हाईकोर्ट में नर्सिंग कॉलेजों को लेकर जो सूटेबल कॉलेजों की लिस्ट सौंपी है क्या उसमें भी कोई घालमेल हुआ है ? इसे लेकर सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि अब गेंद पूरी तरह से हाईकोर्ट के पाले में है।
राहुल राज को लेकर पूरे महकमे में चर्चाओं का दौर है। कहा जा रहा है कि राहुल राज का अधिकारियों पर भी गहरा प्रभाव था। इसलिए उसे गृहमंत्री अवॉर्ड भी मिला था। अधिकारियों को इस बात के भी पक्के सबूत मिल चुके हैं कि राहुल ने ही सीबीआई के दूसरे अधिकारियों को रिश्वत के खेल में शामिल किया था। सीबीआई के डीएसपी आशीष प्रसाद, रिषिकांत असाठे और सुशील मजोका को भी उसने ही प्रलोभन देकर गुमराह किया था। ……….
24 घंटे भी नहीं लगे राहुल की बर्खास्तगी के फैसले में
इंस्पेक्टर राहुल राज ने जिस तरह से नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के लिए पूरी वसूली गैंग बना ली थी। उसका खुलासा होने के बाद सीबीआई की साख पर बट्टा लगा है। सीबीआई की विजिलेंस टीम को जैसे ही उसके खिलाफ पुख्ता सबूत हाथ लगे उसने छापा मारने में देरी नहीं की।
सीबीआई दिल्ली के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि राहुल ने सीबीआई की क्रेडिबिलिटी के साथ धोखा किया है। उसे सीबीआई दिल्ली ने रंगे हाथों रिश्वत के साथ पकड़ा है। दलालों के साथ उसके ऑडियो मिले हैं। उसके खिलाफ पक्के सबूत हैं।
इसी आधार पर 24 घंटे के भीतर उसे बर्खास्त करने का फैसला हुआ है। वे कहते हैं कि डीएसपी आशीष प्रसाद की भूमिका अभी जांच के घेरे में है, इसलिए उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
राहुल राज की वजह से नर्सिंग सिस्टम तीन साल पीछे गया
दिल्ली सीबीआई की एंटी करप्शन यूनिट के अधिकारी मंगलवार सुबह सीबीआई भोपाल के 2 इंस्पेक्टर्स सहित गिरफ्तार 13 आरोपियों को लेकर स्पेशल प्लेन से दिल्ली रवाना हो गए। लेकिन इस घोटाले से एमपी का पूरा नर्सिंग सिस्टम फिर 3 साल पीछे चला गया है।
एमपी में नर्सिंग कॉलेज में हुए घोटाले को उजागर करने वाले लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष और एडवोकेट विशाल बघेल का कहना है कि सीबीआई की रिपोर्ट के बाद ही हाईकोर्ट ने एमपी के नर्सिंग कॉलेजों के 40 हजार बच्चों की परीक्षा कराने के आदेश दिए थे।
चार साल की पढ़ाई के बाद बच्चे पहली बार परीक्षा दे रहे हैं, लेकिन परीक्षा से पहले ही उनके कॉलेजों की मान्यता फिर सवालों में फंस गई है। विशाल बघेल का कहना है कि हाईकोर्ट से हम गुहार लगाएंगे कि जिन कॉलेजों को सीबीआई इंस्पेक्टर्स ने सूटेबल करार दिया है, उनकी मान्यता रद्द कर नए सिरे से जांच कराई जाए।
उधर, सीबीआई के सीनियर अधिकारी नर्सिंग घोटालों की रिपोर्ट पर चुप्पी साधे हुए हैं। उनका कहना है कि अब गेंद हाईकोर्ट के पाले में है। हमने अपना काम किया है। यदि सीबीआई की नाक के नीचे वसूली गैंग पनप रहा था, तो उसे भी सीबीआई ने ही एक्सपोज किया है। सीबीआई 308 कॉलेजों की रिपोर्ट पहले ही हाईकोर्ट को सौंप चुकी है।
बचे हुए 350 कॉलेजों के इंस्पेक्शन का काम चल रहा था। इसी दौरान सीबीआई की एंटी करप्शन विंग को इसमें सीबीआई अधिकारियों व कॉलेज संचालकों के बीच रिश्वत के लेनदेन का सुराग मिला था।
सीबीआई ने किस आधार पर कॉलेजों को बताया सूटेबल और अनसूटेबल
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने नर्सिंग कॉलेजों की जांच के लिए 5 से 7 टीमों का गठन किया था। इस टीम को एक सीबीआई अधिकारी ने लीड किया उनके साथ मप्र नर्सिंग काउंसिल की तरफ से नॉमिनेट नर्सिंग ऑफिसर और पटवारियों को भी शामिल किया गया।
नर्सिंग ऑफिसर ने नॉर्म्स के मुताबिक कॉलेजों की जांच की, तो पटवारियों ने नर्सिंग कॉलेज की जमीन की नप्ती की। नर्सिंग कॉलेज के लिए साल 2018 में सरकार ने जो नॉर्म्स तय किए हैं उसके मुताबिक
- कॉलेज का न्यूनतम 18 हजार वर्ग फुट पर निर्माण होना चाहिए।
- 30 छात्रों पर 90 बेड का अस्पताल होना जरूरी है।
- छात्रों की संख्या बढ़ती है तो प्रति छात्र 3 बेड बढ़ाने होंगे।
- 10 छात्रों पर एक फैकल्टी अनिवार्य है।
- फैकल्टी में प्रिंसिपल को 15 साल, वाइस प्रिंसिपल को 12 साल का अनुभव जरूरी।
- एसोसिएट प्रोफेसर को 8 साल और असिस्टेंट प्रोफेसर को 3 साल का अनुभव जरूरी है।
नर्सिंग अधिकारी और पटवारियों की रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने 169 कॉलेजों को सूटेबल, 74 कॉलेजों को डिफिशिएंट और 65 कॉलेजों को अनसूटेबल की कैटेगरी में रखा था। पढ़िए सूटेबल कॉलेजों की पूरी लिस्ट
जिन्हें सूटेबल कैटेगरी में रखा उनमें भी नॉर्म्स पूरे नहीं
अब ये भी जांच का विषय है कि सीबीआई ने जिन कॉलेजों को सूटेबल का सर्टिफिकेट दिया उनमें कितने कॉलेज संचालकों ने सीबीआई को रिश्वत देकर अपने कॉलेज को सूटेबल बनवाया। ये सवाल इसलिए भी खड़ा हो रहा है क्योंकि जिन कॉलेजों को सूटेबल बताया वो नॉर्म्स पूरे ही नहीं करते।
ग्वालियर में एक ही परिसर में नंदकिशोर हेल्थकेयर अस्पताल और राजनंदम मैरिज गार्डन चल रहा है। अस्पताल परिसर में मौजूद स्टाफ के मुताबिक अस्पताल तो 5 माह से ज्यादा समय से बंद है, क्योंकि 2020-21 से नर्सिंग परीक्षा की अनुमति नहीं मिली। कॉलेज में कोई टीचिंग स्टाफ भी नहीं मिला। जिन दो दर्जन डॉक्टरों के नाम बोर्ड पर लिखे थे, वो भी यहां काम नहीं करते।
ऐसे में सूत्रों का ये कहना है कि रिश्वत का ये मामला सिर्फ 169 कॉलेजों का नहीं है। इसका लिंक नर्सिंग के डिप्लोमा कोर्स करवाने वाले 300 से ज्यादा कॉलेजों से जुड़ा है। इनकी मान्यता के लिए सीबीआई के अधिकारी कॉलेज का वैरिफिकेशन कर रहे थे। सीबीआई के अधिकारियों ने जो वसूली गैंग तैयार की थी, वो इन्हीं कॉलेजों को लेकर थी।
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नर्सिंग घोटाला में नया खुलासा ?
व्यापमं महाघोटाले से जुड़े हैं राहुल के तार, पुराने केस खंगालेगी CBI
MP Nursing College: नर्सिंग कॉलेज घोटाला मामले में नई जानकारी निकलकर आई है। सीबीआई निरीक्षक के पद पर नियुक्त राहुल राज (MP Nursing College) का 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें तुरंत बर्खास्त कर दिया गया। राहुल राज को हटाने के लिए सीबीआई मुख्यालय मे संविधान के अनुच्छेद 311 की शक्तियों का उपयोग किया था।
राहुल राज को निलंबन (MP Nursing College) की जगह सीधे बर्खास्त कर दिया गया है। अब उसके तार व्यापम से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं। दरअसल, नर्सिंग घोटाला मामले का मास्टरमाइंड राहुल की भूमिका सिर्फ यहां तक सीमित नहीं है बल्कि सीबीआई के सीनियर अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि राहुल राज को व्यापमं महाघोटाले से जुड़े कई अहम केस की जांच भी सौंपी गई थी।
राहुल राज ने व्यापमं मामले की जांच भी की थी
सीबीआई बर्खास्त अधिकारी राहुल राज आठ साल (MP Nursing College) से भोपाल में पदस्थ था। राहुल ने सीबीआई में बतौर उप निरीक्षक के पद पर भर्ती हुए थे और उसके बाद वह यहीं पर पदोन्नत होकर निरीक्षक बने। अधिकारियों ने बताया कि सबसे व्यापमं फर्जीवाड़े की जांच में भी राहुल राज लिप्त था।
वहीं, नर्सिंग कॉलेज रिश्वतकांड में उनका मुख्य किरदार था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दो मुख्य दलालों के जरिए पूरे प्रदेश के नर्सिंग कालेजों का रिश्वत लेने-देने के लिए नेटवर्क बन गया था।
मई में सीबीआई को 15 से 16 लाख रुपये लेन-देन के कई मामलों की सुचना मिली थी, इससे साफ कि रिश्वत कांड का खेल कम से कम 3 महीने से चलाया जा रहा था।
बुधवार को नर्सिंग घोटाला मामले में गिरफ्तार सीबीआई से अटैच मध्यप्रदेश पुलिस के निरीक्षक सुशील कुमार मजोका को भी निलंबित कर दिया गया था। सीबीआई के सहयोग के लिए नवंबर 2023 में मजोका को अटैच किया गया था।
वहीं, एमपी पुलिस से सीबीआई (MP Nursing College) में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ निरीक्षक ऋषीकांत असाटी की सेवाएं भी वापस राज्य सरकार को कर दी है। लगभग 7 वर्ष से वह सीबीआई में अपनी सेवाएंदे रहे थे।
असाटी को विशेष सशस्त्र बल से सीबीआई (MP Nursing College) में प्रतिनियुक्त किया गया था। राहुल राज के साथ ही असाटी भी नर्सिंग कॉलेजों की जांच में शामिल थे। सीबीआई की ओर से दायर की गई एफआईआर में असाटी चौथे नंबर के आरोपी हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में उनको हिरासत में नहीं लिया गया है।
जबकि एफआईआर में पहले नंबर के आरोपी बनाए गए सीबीआई के डीएसपी आशीष प्रसाद का भी इस मामले के बाद तुरंत तबादला कर दिया गया है, हालांकि इस मामले में उनकी गिरफ्तारी नहीं होने के कारण उन्हें निलंबित नहीं किया गया है।
राहुल राज ने किया गुमराह
सीबीआई निरीक्षक के पद पर नियुक्त राहुल राज (MP Nursing College) की गिरफ्तारी के बाद पूरे महकमे में चर्चाओं का दौर गरम है। यह तक कहा जा रहा है कि राहुल राज का अधिकारियों पर काफी गहरा प्रभाव था। यहीं कारण है कि उन्हें आसानी से गृहमंत्री अवॉर्ड मिल गया।
वहीं, अधिकारियों को इस बात के भी साक्ष भी मिल चुके हैं कि राहुल राज ने ही दूसरे अधिकारियों को रिश्वत लेने में शामिल किया था। सीबीआई के डीएसपी आशीष प्रसाद, रिषिकांत असाठे और सुशील मजोका को भी प्रलोभन देकर गुमराह करने का श्रेय राहुल राज को ही जाता है।