ग्वालियर.  स्वास्थ्य विभाग की टीम बुधवार को जब बीआईएमआर हास्पिटल पहुंची। तो वहां पर आयुष्मान योजना के तहत उपचार दिया जाता है इस तरह का कोई बोर्ड नहीं मिला। अस्पताल प्रबंधन ने आयुष्मान मित्र भी नहीं बैठा रखा था जिससे मरीज के अटेंडेंट को सही जानकारी दे सके। इसी के साथ कितनी बीमारियों का इलाज आयुष्मान योजना के तहत उपलब्ध है इसकी जानकारी भी डिसप्ले नहीं हो रही थी। आयुष्मान योजना में इलाज केवल सरकारी अस्पतालों में मिल रहा है।

निजी अस्पताल संचालक तो आयुष्मान के नाम पर मरीजों को सरकारी अस्पताल का रास्ता दिखा रहे हैं। इस तरह की शिकायत सीएमएचओ कार्यालय में ढेरों पड़ी हुई हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग आंख बंद कर बैठा हुआ है। आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी मरीज को निजी अस्पताल में पैसा अदा करना पड़ता है या फिर उसे सरकारी अस्पताल में इलाज लेना पड़ रहा है। हालत यह हैं कि बड़े निजी अस्पतालों में न तो आयुष्मान मित्र मौजूद हैं और न हीं किन बीमारियों में पंजीकृत है उसका डिसप्ले लगा रखा है।

यदि मरीज या उसका अटेंडेंट शिकायत करना चाहे तो शिकायती नंबर भी उपलब्ध नहीं होता। इस कारण से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सीएमएचओ का कहना है कि आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों में मरीजों केा उपचार नहीं दिया जा रहा है। इस तरह की शिकायतें लगातार मिल रही है। इसकी जांच की जाएगी ,जिन अस्पतालों में नियमों का पालन नहीं पाया जाता उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को टीम ने कुछ अस्पतालों का निरीक्षण किया जिसमें कुछ खामियां मिली है , जांच रिपोर्ट के आधार पर नोटिस जारी किया जाएगा।