Delhi Politics – शिक्षा मॉडल की झूठी कहानी गढ़ने का लगा आरोप 

दिल्ली कांग्रेस के निशाने पर आईं आतिशी, शिक्षा मॉडल की झूठी कहानी गढ़ने का लगा आरोप  …

 सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में पार्टी (AAP) के घोषणापत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह 500 नए स्कूल और 20 नए कॉलेज बनाएंगे, लेकिन वह उन्हें पूरा नहीं कर सके. …

Delhi Politics: दिल्ली एजुकेशन मॉडल को लेकर देश की राजधानी में सियासी घमासान जारी है. अब दिल्ली कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार पर नौवीं और 11वीं कक्षा के छात्रों के ‘खाली परीक्षा पत्रों में उत्तर लिखने’ के लिए शिक्षकों को बाध्य करने का आरोप लगाया और आरोपों की जांच की मांग की. दिल्ली कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष अनिल भारद्वाज ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ‘शिक्षा के दिल्ली मॉडल’ के बारे में ‘झूठी कहानी’ गढ़ी है.

दिल्ली कांग्रेस नेता अनिल भारद्वाज ने कहा, ‘सच्चाई यह है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बुरी तरह से गिर गया है. केजरीवाल ने नौ साल पहले विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह 500 नए स्कूल और 20 नए कॉलेज बनाएंगे लेकिन वह उन्हें पूरा नहीं कर सके.’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पिछले नौ वर्षों में ‘पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटन’ करने के बावजूद ‘दिल्ली का विकास करने में विफल’ रहा.

देश को पता है BJP नेता कितने पढ़े-लिखे हैं : आतिशी

इससे पहले दिल्ली बीजेपी नेताओं का आरोप की ​दिल्ली के स्कूलों में 90 फीसदी बच्चे फेल हुए हैं, शिक्षा मंत्री आतिशी सिंह ने पलटवार करते हुए कहा था कि पूरे देश को पता है कि बीजेपी के नेता कितने पढ़े लिखे हैं? यदि उन्होंने आदेश पढ़ा होता तो उनको पता होता कि यह एक साधारण रिचेकिंग की प्रक्रिया है, जो हर साल होती है. परीक्षा की प्रक्रिया में छात्रों के मार्क्स को कॉपी से रजिस्टर में दर्ज किया जाता हैं, उसके बाद रजिस्टर से ऑनलाइन अपलोड किए जाते हैं.

यह केवल दिल्ली की बात नहीं है बल्कि हर स्कूलिंग और यूनिवर्सिटी सिस्टम में यही प्रक्रिया है. एग्जाम और कंपार्टमेंट एग्जाम के मार्क्स एक प्रक्रिया के तहत एक बार चेक किया जाता है कि कहीं गलत मार्क्स तो अपलोड नहीं हो गए, कहीं प्रैक्टिकल के मार्क्स छूट तो नहीं गए हैं, कहीं इंटरनल एसेसमेंट के मार्क्स तो छूट नहीं गए. आतिशी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा था- ‘क्या बच्चों के मार्क्स को दोबारा चेक करना गलत है. यदि अपलोड करने में कोई गलती हो गई तो क्या उसे ठीक करना गलत है. क्या बच्चों का कंपार्टमेंट का एग्जाम लेना गलत है. अगर ये सब चीजें गलत है तो फिर हम दोषी हैं.’

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