ग्वालियर – स्कूल 15 जून से पहले किताबों के लिए दबाव नहीं बनाएं ..अन्यथा होगी एफआईआर
आदेश जारी:स्कूल 15 जून से पहले किताबों के लिए दबाव नहीं बनाएं 3 साल से पहले ड्रेस न बदलें, अन्यथा होगी एफआईआर
- निजी स्कूलों के लिए 10 बिंदुओं की गाइड लाइन, कलेक्टर ने धारा 144 के तहत जारी किया आदेश
प्राइवेट स्कूलों द्वारा किताब-कॉपी, टाई, यूनिफॉर्म, जूते निर्धारित दुकानों से ही खरीदने के लिए दबाव बनाया जाता है। इस तरह की शिकायतों के बाद कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत आदेश जारी किया है, इसके तहत स्कूल संचालकों से कहा गया है कि स्कूल में 15 जून से पहले नए सत्र की किताबों के लिए विद्यार्थियों पर दबाव न बनाएं, रिजल्ट से पहले ही किताबों की सूची जारी करें इसके नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने के साथ ही स्कूल की वेबसाइट पर भी प्रकाशित करें।
कलेक्टर ने आदेश में लिखा है कि स्कूल संचालकों व व्यवसाइयों की सांठगांठ से किताब-कॉपी, यूनिफॉर्म, जूते, टाई निर्धारित दुकानों से खरीदने के लिए बाध्य किया जाता है इससे विद्यार्थियों तथा उनके पालकों में रोष व्याप्त हो रहा है, साथ ही गरीब वर्ग के पालकों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। यह तथ्य भी संज्ञान में आया है कि निजी विद्यालयों के संचालक स्टेशनरी, यूनिफार्म, आदि के विक्रेताओं से सांठगांठ कर पालकों का शोषण करते आ रहे हैं । विद्यालय के संचालक विक्रेताओं से छात्र संख्या के आधार कमीशन तय करते हैं, जो व्यापारी अधिक कमीशन देता है, उसके अधिकृत कर उसी दुकान से सामग्री कय करने हेतु बाध्य किया जाता है । इसके दुष्परिणामस्वरूप सामग्री एक तो मंहगी होती है तथा यदि कोई पालक कक्षा के पूरे सेट न खरीदते हुए केवल कुछ कॉपी किताबें खरीदना चाहे तो उसे केवल उतनी कॉपी किताबें न देते हुए पूरा सेट खरीदने हेतु इसलिये बाध्य किया जाता है, क्योंकि विक्रेता द्वारा पूरे सेट के आधार पर ही स्कूल संचालक को कथितरूप से कमीशन तय किया जाता है। कलेक्टर का यह आदेश 1 अप्रैल से जिले में लागू रहेगा। सभी स्कूल इस आदेश को स्कूल के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करेंगे। आदेश का उल्लंघन होने की दशा में आईपीसी की धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी।