महंगे स्कूलों की लालसा के कारण विलुप्त होती जा रही है पाठशाला वाली शिक्षा
भगवान महावीर स्वामी का संदेश मात्र जैन धर्म का पालन करने वालों के लिए ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए हैं।
माताजी ने कहा कि आज पाठशाला वाली शिक्षा विलुप्त होती जा रही है। लोग लौकिक शिक्षा दिलवाने के लिए अपने बच्चों को महंगे से महंगे स्कूल में दाखिला दिलवाते हैं पर एक बात मेरी भी मान लो, तुम खूब शिक्षित करो, लेकिन मात्र लौकिक ज्ञान से जीवन में धन तो आ सकता है, लेकिन धर्म पाने के लिए धर्मज्ञान और संस्कारों का होना भी आवश्यक होता है। अपने बच्चों को बचपन से ही धर्म और संस्कारों का पाठ अवश्य पढ़ाओं। भगवान के जीवन की गाथाएं और संस्कारों की शिक्षा देने के लिए मंदिरों में पाठशाला का संचालन करो। धर्मसभा में भगवान के चित्र का अनावरण निर्मल पाटनी, नरेश रावंका ने किया। दीप प्रज्वलन पार्षद प्रेमलता जैन, धमेन्द्र जैन, विनय कासलीवाल ने किया। संस्था के अध्यक्ष राजेन्द्र जैन एडवोकेट, सचिव डा. मुकेश जैन, रमेशचंद जैन, विजय जैन मामा, विक्रम जैन ने माताजी को श्रीफल अर्पित किया।
जैन समाज के प्रवक्ता ललित जैन ने बताया कि श्री वीर शिक्षा समिति के द्वारा संचालित जैन सेन्ट्रल स्कूल के भवन निर्माण का भूमि पूजन पूज्य माताजी के सानिध्य में एवं पं. चन्द्रप्रकाश चन्द्र के मार्गदर्शन में योगेश जैन, विकास जैन, अनिल च्शाह, पंकज बाकलीवाल, चक्रेश जैन के द्वारा किया गया।