भोपाल। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने आदर्श गृह निर्माण सहकारी संस्था का रिकार्ड जब्त करने के बाद पुलिस को सौंप दिया है। अब इस रिकार्ड को पुलिस खंगालने में जुटी हुई है। इससे पहले पुलिस द्वारा समिति में गड़बड़ी करने वाले अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, संचालकों व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया जा चुका है। दरअसल गृहनिर्माण समिति की जमीन पर कोरल लाइफ नाम कालोनी का निर्माण कर दिया गया है। यहां ईडब्ल्यूएस की जगह पर डुप्लेक्स बना दिए गए हैं। बंधक प्लाट पर भी डुप्लेक्स बने हुए हैं। खुले क्षेत्र पर भी मकान बना दिए गए हैं। समिति के 750 सदस्यों में से एक को भी प्लाट नहीं मिला है। कारण यह है कि समिति के पदाधिकारियों ने जमीन इंदौर के किसी बिल्डर को बेच दी और बिल्डर ने यहां अपनी मर्जी के अनुसार कालोनी विकसित कर दी है।
पहले दिए गए थे नोटिस, फिर दर्ज कराया प्रकरण
जेआर व प्रभारी उपायुक्त सहकारिता विनोद सिंह ने बताया कि आदर्श गृह निर्माण समिति की 12 एकड़ जमीन है। यहां पर पुराने सदस्यों को प्लाट नहीं दिए गए हैं। जबकि नए सदस्यों को ऊंचे दामों पर प्लाट बेच दिए गए हैं। यही नहीं ईडब्ल्यूएस की जगह पर डुप्लेक्स बने हुए मिले हैं। खुले क्षेत्र को खत्म कर दिया गया है। इसके पहले संस्था को कई बार नोटिस जारी किए गए थे। इसके बाद भी न तो संचालक सामने आए और न ही दस्तावेज उपलब्ध कराए गए। इसे देखते हुए पिछले दिनों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व संचालक मंडल के साथ ही अन्य पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। हमने समिति का रिकार्ड जब्त करने की कार्रवाई की है, इसे जांच के लिए पुलिस को सौंप दिया गया है। बता दें कि आदर्श गृह निर्माण समिति में हुई गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद से ही सहकारिता विभाग का अमला लगातार रिकार्ड जब्त करने की कार्रवाई कर रहा था, लेकिन संचालक बताए गए पते पर नहीं मिल रहे थे। जो मिल भी रहे थे तो रिकार्ड देने में आनाकानी कर रहे थे।
जांच में मिली 165 रजिस्ट्रियां, जिनमें पता चली गड़बड़ी
सहकारिता उपायुक्त विनोद सिंह ने विभाग के सेवानिवृत्त संयुक्त आयुक्त अरविंद सिंह सेंगर सहित 45 लोगों के खिलाफ थाना निशातपुरा में एफआईआर दर्ज कराई है। जिसमें कोरल लाइफ कालोनी विकसित करने वाली आदर्श गृह निर्माण समिति में हुईं गड़बड़ियों के लिए समिति के पदाधिकारियों और अनय के साथ सेंगर को भी आरोपित बनाया गया है। सहकारिता विभाग की जांच में 165 रजिस्ट्रियां सामने आई हैं। इसका रजिस्ट्री मूल्य 11.82 करोड़ और बाजार मूल्य 13.54 रुपये हैं, इसमें चेक और नकद से 11.77 करोड़ प्राप्त किए गए हैं। रजिस्ट्री से हुई आय में से 3.37 करोड़ रुपये बैंक खाते की बजाए इधर-उधर करने के साथ ही यहां विकास सहित अन्य कार्य करने वालों को दे दिए गए हैं। इसके अलावा लोगों को भ्रमित करने के लिए नाम भी आदर्श नगर से बदलकर कोरल लाइफ कालोनी कर दिया गया है।