शिवपुरी अवैध उत्खनन ?
अवैध उत्खनन:माफिया ने कोपरा के लिए पूरा खेत खोदा, आदिवासी परिवारों को खेती करने लायक नहीं छोड़ा
- थरखेड़ा गांव में दो आदिवासी परिवारों को 5 बीघा जमीन पट्टे पर दी थी
नरवर तहसील से 12 किमी दूर थरखेड़ा गांव में सर्वे नंबर 202 रकवा 1 हेक्टेयर (5 बीघा) और सर्वे नंबर 201 रकवा 0.3400 हेक्टेयर (1.70 बीघा) में सरकार ने जिन दो आदिवासी परिवारों को खेती करने जमीन का पट्टा दिया था, वहां माफिया ने कोपरे (नकली रेत) का बहुत ही ज्यादा मात्रा में अवैध उत्खनन कर दिया है।
दोनों खेत खोद-खोदकर इतने खोखले कर दिए हैं कि आदिवासी परिवारों को खेती करने लायक भी नहीं छोड़ा है। मामले में शिकवे शिकायत भी हुईं, लेकिन आदिवासी परिवारों के खेत खोदने वालों पर कार्रवाई तो दूर अवैध उत्खनन रोकने तक के प्रयास नहीं हो रहे हैं। लापरवाही की वजह से माफिया हावी है और रेत का अवैध उत्खनन बखूबी जारी है।
सर्वे नंबर 202 : शिकायत के बाद भी कुछ नहीं हुआ
नवलू आदिवासी के स्व. पिता श्रीया आदिवासी के नाम से सर्वे नंबर 202 में 5 बीघा का पट्टा था। पिता की मौत के बाद नवलू व मां प्रेमा के नाम दर्ज हैं। नवलू ने बताया कि छोटू ने आकर पहले मशीन से कोपरा खोदना शुरू किया था, फिर मदनसिंह ने कोपरा खुदवाया। हमने शिकायतें भी की थीं, लेकिन कहीं कुछ नहीं हुआ।
सर्वे नंबर 201 : खेत खोदने से रोका ताे केस कराया
स्व. श्यामा के नाम से सर्वे नंबर 201 में पट्टा हुआ। अब पत्नी सगुना, बेटे जगदीश, जयसिंह, गोपाल और बेटियां श्यामा, जमुना व बंशों के नाम दर्ज हैं। सगुना ने बताया कि जेसीबी से उत्खनन करने से रोका ताे मदन और महेंद्र ने बेटों काे पीटा। बेटों पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया। शिकायत पर हमारी सुनवाई नहीं हुई। हम दूसरी जमीन पर खेती करते हैं।