किराए की गाड़ियों के भरोसे पुलिस की डायल-100 सेवा

किराए की गाड़ियों के भरोसे पुलिस की डायल-100 सेवा
ग्वालियर. अपराधों पर नियंत्रण करने के लिए प्रदेशभर में चलाई गई डायल-100 की हालत खस्ता है। इन गाड़ियों को चलाने वाली बीबीजी कंपनी धीरे-धीरे हाथ खींच रही है। क्योंकि कंपनी का ठेका खत्म हो चुका है। सिर्फ खानापूर्ति के लिए कंपनी गाड़ियां चला रही है। इसलिए खराब गाड़ियों को बदलने से उसने किनारा कर लिया है। अब डायल-100 किराए की गाड़ियों के भरोसे पर है। जिले में कुल 45 डायल-100 गाड़ियां तैनात हैं, इनमें 24 गाड़ियां किराए की हैं।
8 साल पहले शुरू हुई डायल-100 पुलिस की अहम जरूरत बन गई है। लेकिन योजना को कंपनी और पुलिस दोनों स्तर पर धीरे-धीरे पलीता लग रहा है। असली मसला कंपनी के ठेके को लेकर बताया जा रहा है। डायल-100 के कर्मचारी कहते हैं कि प्रदेश में 8 साल से बीबीजी कंपनी काम संभाल रही है। तीन साल पहले उसका ठेका खत्म हो चुका है, लेकिन कोरोना की वजह से नए टेंडर नहीं हुए। अब टेंडर हुए तो जीबीके और बीबीजी कंपनी के लिए खींचतान हो गई। ऐसा पता चला है कि डायल-100 का ठेका इस बार जीबीके कंपनी के खाते में गया है। लेकिन बीबीजी ने इस पर पेंच लगा दिया है। इसलिए नए स्तर पर डायल-100 की शुरूआत और सुधार का मामला फिर लटक गया है।
यह था योजना का लक्ष्य
पुलिस मौके पर तुरंत पहुंचे इसी उद्देश्य से डायल-100 सेवा शुरू की गई है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली शिकायत के बाद 30 मिनट और शहरी क्षेत्रों से मिलने वाली शिकायतों के बाद 10 मिनट में मौके पर पहुंचना होता है। ज्यादातर मामलों में पुलिस की ये सेवा नियत समय में पहुंच जाती है। बता दें कि 100 लगाओ पुलिस बुलाओ की सेवा शुरू हुए करीब 8 वर्ष से अधिक समय हो चुका है। पुलिस घटना होने पर समय पर पहुंचे इसी उद्देश्य से इसकी शुरुआत प्रदेश में एक साथ की गई थी।

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