उत्तर प्रदेश के 65 रजिस्टर्ड डॉन ..!
ये हैं उत्तर प्रदेश के 65 रजिस्टर्ड डॉन, बालू-शराब के ठेकों से लेकर जमीन कब्जाने के लिए हैं कुख्यात …
अतीक अहमद का भले ही खात्मा हो गया हो लेकिन अभी यूपी में 65 रजिस्टर्ड माफिया हैं. जिनकी हिस्ट्रीशीट है. इनमें कई सलाखों के पीछे हैं.
यूपी में माफिया के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है ….
वाराणसी कमिश्नरेट में वाराणसी ग्रामीण के 12 थाने शामिल हैं. इस जोन से तीन बड़े अपराधी पुलिस की रडार पर हैं.
अभिषेक सिंह हनी उर्फ जहर – आईडी-23 गिरोह का मुखिया और वाराणसी का कुख्यात अपराधी अभिषेक सिंह हनी को जहर के नाम से भी जाना जाता है. पांडेपुर में रहने वाले इस माफिया के खिलाफ वाराणसी में हत्या, लूट और जबरन वसूली की कम से कम 20 शिकायतें दर्ज की गई हैं.
बृजेश कुमार सिंह – बृजेश कुमार सिंह की दुशमनी मुख्तार के साथ रही है. फिलहाल निर्दलीय यूपी विधान परिषद के सदस्य हैं. जमानत पर बाहर है. इसका भतीजा सुशील सिंह बीजेपी के विधायक हैं. पूर्वांचल में अपराधियों में सबसे बड़ा नाम है.
सुभाष सिंह ठाकुर – मुंबई से अपराध की दुनिया में कदम रखने वाला सुभाष ठाकुर फिलहाल यूपी की जेल में बंद हैं. सुभाष सिंह ठाकुर पर कई मामले चल रहे हैं.
वाराणसी जोन
मुख्तार अंसारी – बांदा जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी भी इन दिनों दहशत में है. ऐसा बताया जा रहा है कि अतीक अहमद के बाद दूसरा निशाना मुख्तार अंसारी ही है. मुख्तार अंसारी के गैंग का एक-दो नहीं बल्कि आठ राज्यों में बड़ा नेटवर्क है. मुख्तार के अपराध का ये नेटवर्क मुंबई, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, दिल्ली और एमपी तक में फैला हुआ है.
रिपोर्ट्स ये बताती हैं कि कई बड़ी वारदात में मुख्तार के खिलाफ सुबूत भी नहीं मिले और वह बरी होता गया. मुख्तार के खिलाफ देशभर में 61 मामले दर्ज हैं, जिनमें 24 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स ये भी बताती हैं कि अतीक के बाद अब मुख्तार दूसरा निशाना हो सकता है.
अखंड प्रताप सिंह- अखंड प्रताप सिंह पर वाराणसी के मशहूर ट्रांसपोर्टर रहे धनराज यादव की हत्या का मामला दर्ज है. मामले में साल 2019 में अखंड प्रताप सिंह ने गैंगेस्टर कोर्ट आजमगढ़ में सरेंडर किया था. एडीजी वाराणसी ने अखंड प्रताप पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.
अखंड प्रताप पर 36 से ज्यादा हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, रंगदारी जैसे संगीन मुकदमे दर्ज हैं. साथ ही वह 2017 में आजमगढ़ के अतरौलिया विधानसभा से बसपा से प्रत्याशी रह चुके हैं.
इसके अलावा वाराणसी जोन से त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन सिंह, विजय मिश्रा, ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह, रमेश सिंह उर्फ काका जैसे अपऱाधी भी रडार पर है.
लखनऊ जोन
खान मुबारक– प्रदेश की टॉप टेन लिस्ट में माफिया खान मुबारक भी शामिल है. खान मुबारक के तार मुंबई का चर्चित गैंगेस्टर जफर सुपारी से जुड़े हैं.
लखनऊ जोन से अजय प्रताप सिंह उर्फ अजय सिपाही, संजय सिंह सिंघाला, अतुल वर्मा, मुहम्मद सहीम उर्फ कासिम जैसे कुख्यात अपराधी भी इस लिस्ट में शामिल हैं.
प्रयागराज जोन- इस जोन से 4 अपराधियों के नाम शामिल हैं.
सुधाकर सिंह– सुधाकर सिंह सुल्तानपुर का रहने वाला है. प्रतापगढ़, सुल्तानपुर और आसपास के इलाकों में सुधाकर सिंह की पहचान सबसे अवैध शराब तस्कर की है. पुलिस ने पिछले साल उसके घर से लाखों रुपए की अवैध शराब जब्त की थी. सुधाकर सिंह अभी जेल में है और पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए एक लाख रुपये के इनाम रखा था.
इसके अलावा डब्बू सिंह उर्फ प्रदीप सिंह, गुड्डू सिंह, अनूप सिंह के नाम शामिल हैं.
मेरठ जोन – इस जोन से कुल 16 अपराधियों के नाम शामिल हैं.
उधम सिंह- यूपी की योगी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान उधम सिंह का नाम पहले से ही टॉप 25 अपराधियों की लिस्ट में था. इस बार भी उधम सिंह का नाम मॉस्ट वॉंटेड लिस्ट में शामिल है. मेरठ के अलावा उधम सिंह पर वेस्ट यूपी के इलाकों में जबरन वसूली, डकैती और लूटपाट कर लोगों को जान से मार डालने का आरोप है. फिलहाल उधम सिंह जेल में बंद है.
योगेश भदोड़ा– मेरठ के भदौरा गांव का रहने वाला योगेश भदौरा मेरठ का जाना माना अपराधी है. योगेश उधम सिंह का मुख्य विरोधी भी है. गैंग डी75 का नेतृत्व भदौरा ही कर रहा है. उसके खिलाफ गैंगस्टर, हत्या, अपहरण और डकैती जैसे खतरनाक 40 मामले दर्ज किए गए हैं. भदौरा फिल्हाल सिद्धार्थ नगर जेल में बंद है.
बदन सिंह उर्फ बद्दो– यूपी समेत कई राज्यों में बद्दो के खिलाफ हत्या, रंगदारी, चोरी और डकैती के 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. अब उस पर 2.5 लाख का इनाम जारी किया गया है. 2019 के बाद से बद्दो को नहीं देखा गया है. राज्य के टॉप 25 माफिया में बद्दो का नाम भी शामिल है.
हाजी याकूब कुरैशी– याकूब कुरैशी ने 1980 के दशक में नींबू बेचना शुरू किया था. इसके साथ ही याकूब पशु कटान के कारोबार से जुड़ गया. 2002 में राजनीति में कदम रखा और बसपा से जुड़ा. विधायक बनने के बाद मंत्री भी बना. साल 2022 में पुलिस ने याकूब की मीट फैक्टरी में छापेमारी की थी. जहां पर अवैध तरीके से मीट की पैकिंग हो रही थी. याकूब के दो बेटे, पत्नी समेत 17 लोगों को नामजद किया गया है. याकूब फिल्हाल जेल में है.
हाजी इकबाल– हाजी इकबाल सहारनपुर का रहने वाला है. खनन माफिया और पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाला लखीमपुर खीरी, गोरखपुर और सीतापुर में तीन चीनी मिलों निदेशक भी हैं. लखनऊ के गोमतीनगर पुलिस स्टेशन में इकबाल के खिलाफ कंपनी अधिनियम और अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इनके अलावा मेरठ जोन से शारिक, सुनील राठी, धर्मेंद्र, यशपाल तोमर, अमर पाल उर्फ कालू,अनुज बारखा, विक्रांत उर्फ विक्की, विनोद शर्मा, सुनील उर्फ मूंछ, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा, विनय त्यागी उर्फ टिंकू के नाम शामिल हैं.
आगरा जोन- आगरा जोन से दो अपराधियों के नाम इस लिस्ट में शामिल किए गए हैं.
अलीगढ़ पुलिस ने शराब माफिया अनिल चौधरी की करीब 5 करोड़ 30 लाख की चल-अचल संपत्तियों को पिछले साल जब्त कर लिया था. अनिल चौधरी एक कुख्यात शराब माफिया है. आगरा जोन से दूसरा अपराधी ऋषि कुमार शर्मा है.
बरेली जोन- बरेली जोन से माफिया एजाज पर शिकंजा कसा गया है. कानपुर जोन से अनुपम दुबे का नाम इस लिस्ट में आया है.
कानपुर कमिश्नरेट जोन- सऊद अख्तर पेशवर अपराधी और भू-माफिया है. चकेरी में 20 जून 2021 को बसप नेता व हिस्ट्रीशीटर पिंटू सेंगर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. चकेरी पुलिसन ने मामले की जांच करने के बाद हत्याकांड का खुलासा किया था. मामले में सऊद अख्तर का नाम आया था.
कमिश्नरेट लखनऊ जोन
लल्लू यादव– लखनऊ के राजाजीपुरम पड़ोस का निवासी लल्लू यादव अपराध की दुनिया का बड़ा नाम है. उसपर 12 हत्या, हत्या का प्रयास, गैरकानूनी कब्जा, गैंगस्टर और हमले के मामलों पर केस दर्ज है. अभी वो जेल में कैद है.
बच्चू यादव– लखनऊ के कृष्णा नगर में बच्चू यादव गांजा बेचता था. उसके खिलाफ जबरन वसूली और लूट सहित 25 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. फिलहाल वह फरार चल रहा है.
जुगनू वालिया उर्फ हरिवंदर सिंह– लखनऊ के चंदन नगर निवासी जुगनू वालिया गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी का करीबी सहयोगी है. आज कल वो फरार चल रहा है उसके खिलाफ बारह मामले हैं.
प्रयागराज कमिश्नरेट जोन
बच्चा पासी उर्फ निहाल पासी- डी-46 गैंग का सरगना प्रयागराज के धूमनगंज निवासी निहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी पर दो दर्जन से मामले दर्ज हैं. उसपर पहले आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. वह 2006 में मुंबई में काला घोड़ा शूटआउट के बाद सुर्खियों में आया था. फिलहाल वह फरार है.
इसके अलावा दिलीप मिश्रा, जावेद उर्फ पप्पू, राजेश यादव, गणेश यादव, कमरुल हसन, जाविर हुसैन और मुजफ्फर जैसे अपराधी इसी जोन से शामिल हैं.
गोरखपुर जोन
राजन तिवारी- राजन तिवारी 90 के दशक का कुख्यात माफिया प्रकाश शुक्ला का सहायक रह चुका है. बिहार विधानमंडल के दो बार सदस्य रहे राजन 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लखनऊ में भाजपा में शामिल हो गए थे. हालांकि, पार्टी के साथ तिवारी के जुड़ाव को लेकर आलोचना के बीच उन्हें हटा दिया गया था. राजन इससे पहले 2016 में बसपा में शामिल हुए थे.
रिजवान जहीर- बलरामपुर पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रिजवान जहीर के खिलाफ हत्या और दंगा जैसे गंभीर आरोपों सहित 14 आरोप दर्ज किए गए हैं.
विनोद उपाध्याय– गोरखपुर के अपराधी विनोद उपाध्याय के खिलाफ कई थानों में जबरन वसूली, हत्या का प्रयास और ब्लैकमेल करने समेत 25 शिकायतें दर्ज हैं. विनोद फिल्हाल फतेहगढ़ जेल में बंद है
सुधीर कुमार सिंह- बसपा के नेता और गोरखपुर जिले के पिपरौली के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष सुधीर सिंह का आपराधिक गतिविधि का लंबा इतिहास रहा है. विधानसभा के लिए हाल ही में हुए चुनावों में सुधीर ने सहजनवां विधानसभा जिले में बसपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. उसके खिलाफ 26 आरोप दर्ज किए गए हैं, जिनमें से एक मामला हत्या के प्रयास का है.
इन अपराधियों के अलावा संजीव द्विवेदी उर्फ रामू द्विवेदी, राकेश यादव, विनोद कुमार उपाध्याय, देवेन्द्र सिंह जैसे अपराधी इस जोन से लिस्ट में शामिल हैं.
गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट
गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट जोन से सुंदर भाटी, सिंहराज भाटी, अमित कसाना, अनिल भाटी, रणदीप भाटी, मनोज उर्फ आसे, अनिल दुजाना जैसे अपराधियों के नाम हैं.
लखनऊ जेल में बंद हैं कई अपराधी
लखनऊ की जेल में एक से बढ़ कर एक खतरनाक अपराधी बंद हैं. अतीक अहमद के बेटे उमर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी संजीव जीवा, अभिषेक सिंह उर्फ बाबू, एहसान गाजी, बिहार के अपराधी फिरदौस, राजू उर्फ तौहीद, आनंद प्रकाश तिवारी, राजेश तोमर, जावेद इकबाल और आसिफ इकबाल सभी को लखनऊ की गोसाईगंज जेल से लिस्टेड किया गया है.
कई अपराधियों की निगरानी भी बढ़ाई गई
लखनऊ जेल के अलावा कई दूसरे जेलों में बंद अपराधियों संजीव जीवा, अभिषेक सिंह उर्फ बाबू, एहशान गाजी, फिरदौस, राजू उर्फ तौहीद, आनंद प्रकाश तिवारी, राजेश तोमर, जावेद इकबाल और आसिफ इकबाल को लिस्टेड किया गया है. इसके अलावा 11 अन्य की भी निगरानी बढ़ा दी गई है.