ग्रेजुएशन के तुरंत बाद कमाई के 6 टिप्स ..!

ग्रेजुएशन के तुरंत बाद कमाई के 6 टिप्स:युवाओं के लिए जरूरी…पढ़ाई के साथ ही साथ करें बेहतर करिअर की तैयारी

वर्तमान भारतीय समाज के मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग में बच्चों के – खासतौर पर लड़कों के – ग्रेजुएशन करने के बाद परिवार को फाइनेंशियली भी सपोर्ट करने की उम्मीद की जाती है। और ये प्रेशर कम नहीं हो रहा।

आज हम देखेंगे कोई युवा कैसे अपने आपको ग्रेजुएशन के तुरंत बाद अच्छी कमाई योग्य बना सकता है। एक बात सबसे पहले समझ लें कि डिग्री जरूरी तो है, किन्तु सिर्फ डिग्री से कुछ भी नहीं होगा। हर कॉलेज में प्लेसमेंट भी नहीं होता। तो ये लड़ाई आपकी खुद की है, और अच्छे से लड़ना आपकी जिम्मेदारी भी।

बेहतर कमाई के लिए 6 पावरफुल टिप्स

समय रहते जाग जाएं, और स्मूथ लैंडिंग हेतु तैयार हो जाएं।

1 अपनी स्थिति का जायजा लेकर विषयों का चयन करें (Choose subjects compatible with your situation)

ग्रेजुएशन में पढ़े जाने वाले सब्जेक्ट्स का चुनाव ध्यान से, सोच-समझकर करें। कक्षा 12वीं के बाद से ही अपनी स्थिति का जायजा लें। देखें आपका परिवार एजुकेशन में कब तक सपोर्ट कर पाएगा। उस अनुसार अपने इंटरेस्ट और क्षमता का ध्यान रखते हुए विषयों का चुनाव करें।

उदाहरण के लिए यदि 11वी और 12वीं में आपके विषय फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स रहे हैं, लेकिन आगे जीवन में आप मैथ्स पढ़ना चाहते हैं या आपका इंटरेस्ट केमिस्ट्री में नहीं है तो आप ग्रेजुएशन में फिजिक्स, मैथ्स और स्टेटिस्टिक्स ले सकते हैं। या फिर मैथ्स, स्टेटिस्टिक्स और इकोनॉमिक्स भी एक अच्छा चयन हो सकता है।

इस माइक्रो प्लानिंग से बहुत फर्क पड़ेगा।

2 एम्प्लॉयमेंट मौकों के प्रति अवेयर रहें (Stay aware of changing employment scenario)

12वीं करने के बाद, हर एम्प्लॉयमेंट आकांक्षी को रोजगार समाचार, विभिन्न एम्प्लॉयमेंट और करिअर ब्लॉग्स पर नजर रखनी चाहिए, नियमित रूप से पढ़ना चाहिए। उन्हें यह समझना चाहिए उनके विषयों से सम्बंधित कौनसी वेकेंसीज किन-किन क्षेत्रो में आती है, इत्यादि।

उदाहरण के लिए स्टैटिस्टिक्स, मैथ्स और फिजिक्स विषय के साथ व्यक्ति यह देख सकता है कि सरकार में किस प्रकार स्टैटिसटिशियन के पदों को भरा जाता है, एक्चुरियल साइंस में क्या अवसर उपलब्ध हैं, इकोनॉमिक्स और स्टेटिस्टिक्स का कॉम्बिनेशन कैसे बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के लिए उपयोगी है, इत्यादि।

ये सब लगातार बदलता रहता है, इसलिए खुद पेपर्स पढ़ कर लेटेस्ट पता करते रहें।

3 स्किल एवं नॉलेज बिल्डिंग (Skill and knowledge building)

एक बार ग्रेजुएशन में सही विषयों का चयन कर लेने और एम्प्लॉयमेंट के अवसरों को अपने इंटरेस्ट, कैलिबर और परिस्थिति के अनुसार समझ लेने के बाद बारी आती है उसे प्राप्त करने के लिए की जाने वाली आवश्यक तैयारियों की।

आप ग्रेजुएशन के साथ अपने ग्रेजुएशन के विषयों को कॉम्पलिमेंट (complement) करने वाले छोटे-छोटे कोर्सेस की तरफ जाएं। उदाहरण के लिए स्टैटिस्टिक्स विषय के साथ यदि डाटा माइनिंग या डाटा साइंस का कोर्स किया जाए तो यह आपकी USP (यूनीक सेलिंग प्रोपोजिशन) बन जाएगा।

आज कई ऑनलाइन एडटेक प्लेटफॉर्म्स फ्री में या फिर बहुत वाजिब दामों में इस तरह के वर्ल्ड क्लास कोर्सेस करवाते हैं। जैसे कि edX, Coursera, XuetangX, SWAYAM, FutureLearn, Canvas Network, FUN, Miríada X और ThaiMOOC इत्यादि।

4 प्रोजेक्ट बनाएं (Build projects)

जो भी स्किल आपके प्रोफेशन के लिए आपको आवश्यक लगती है फिर वह चाहे स्पोकन इंग्लिश हो या प्रोग्रामिंग उसमें महारत हासिल करें। अपने कार्य को दिखाने के लिए आप निजी स्तर अपने काम से जुड़े प्रोजेक्ट्स भी तैयार कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए स्टैटिस्टिक्स विषय के साथ व्यक्ति अपने मोहल्ले स्तर ‘एग्जिट पोल’ का प्रोजेक्ट स्वयं कर सकता है, इत्यादि। इस तरह का प्रोजेक्ट वर्क आपको इम्पॉर्टेन्ट इंटरव्यूज में मदद कर सकता है।

प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस बनाते चलें।

5 मल्टी-टास्किंग वर्सेज स्पेशलिस्ट (Multi-tasking versus Specialist)

जमीनी सच्चाई बताऊं तो भारतीय इंडस्ट्रीज को जूनियर लेवल पर मल्टी-टास्किंग लोग ही चाहिए होते हैं। इसलिए एम्प्लॉयमेंट में जाने से पहले अपना माइंडसेट इस तरह बनाएं, और सभी कार्य करने का एटीट्यूड रखें। नहीं तो आपको अकड़ू समझा जाएगा, और शायद मौके न मिल सकें।

आजकल फिल्म स्टार्स को एक्टिंग करने के साथ-साथ अपनी फिल्म की मार्केटिंग का जिम्मा भी उठाना पड़ता है, कइयों के तो एग्रीमेंट ही इस प्रकार बने होते हैं।

फ्लेक्सिबल रहें।

6 गवर्नमेंट जॉब वर्सेज प्राइवेट जॉब (Government versus private jobs)

मैं गवर्नमेंट जॉब के फायदों और सुरक्षा को समझता हूं. लेकिन यदि आपको उसे प्राप्त करने में ग्रेजुएशन के बाद 7-8 साल लगने वाले हैं, और आपके परिवार की आर्थिक स्थिति उस अनुसार नहीं हैं तो इससे अच्छा तुरंत प्राइवेट जॉब जॉइन करना है। उससे आपको तुरंत इनकम मिलेगी। जो आपको मनचाहे क्षेत्र में कार्य करने और पढ़ने की स्वतंत्रता ही देगी।

प्राइवेट क्षेत्र में कार्य करते वक्त आपको दो वस्तुओं का खास ख्याल रखना चाहिए – (i) पहला, शोषण से बचने का और (ii) दूसरा, कमाए हुए धन के सही निवेश का।

आप प्राइवेट कम्पनी में कितने भी बड़े ओहदे तक पहुंच जाए आपकी वैल्यू तभी तक है, जब तक आप कम्पनी के काम के हैं। ध्यान रखिए जब आपका बुद्धि-बल कम हो जाएगा तो कोई कम्पनी या कॉर्पोरेट हाउस आपकी खबर नहीं लेने आने वाला। अपने काम से प्यार कीजिए, कंपनी से नहीं और अर्जित धन को सोच-समझ कर निवेश करें।

उम्मीद करता हूं, मेरे सुझाव पसंद आए होंगे।

सारांश

1. Choose subjects compatible with your situation

2. Stay aware of changing employment scenario

3. Skill and knowledge building on a steady basis

4. Build projects to augment practical experience

5. Multi-tasking is crucial

6. Government versus private jobs analysis for self

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