सीबीआइ को जिले के छह नर्सिंग कालेज में स्टाफ मिला न ही अस्पताल, लैब भी नहीं थी
ग्वालियर। प्रदेश के नर्सिंग कालेजों में चल रहे फर्जीवाड़े पर अब शिकंजा कसता दिख रहा है। शुक्रवार को सीबीआइ ने कोर्ट को उन 25 कालेजों की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया, जिनकी जांच वह कर चुकी है। ग्वालियर के छह नर्सिंग कालेजों में जांच के दौरान सीबीआइ को न अस्पताल मिला, न स्टाफ था। कालेज में लैब भी नहीं थी। कागजों में ये कालेज चल रहे थे। मेडिकल यूनिवर्सिटी इन कालेजों के विद्यार्थियों की परीक्षा कराने जा रही थी। इन कालेजों की हालत को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट की युगलपीठ ने सीबीआइ के लिए प्रदेश के 364 नर्सिंग कालेज की जांच का फार्मेट तय कर दिया है। इसी फार्मेट में सीबीआइ को दो हफ्ते में जांच कर रिपोर्ट पेश करनी है। अब रिपोर्ट में बताना होगा कि विद्यार्थी ने कालेज में कब फीस जमा की। हाजिरी रजिस्टर भी देखना होगा। किस अस्पताल में प्रशिक्षण लिया और प्रशिक्षण का फार्मेट क्या था, कालेजों के पास इन्फ्रास्ट्रक्चर क्या है। इसके लिए सीबीआइ के अधिकारियों को वाहन, स्टाफ की व्यवस्था राज्य शासन को उपलब्ध करानी होगी। सीबीआइ को जांच के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है, 12 मई को याचिका की फिर सुनवाई होगी।
क्या है मामला
दिलीप कुमार शर्मा ने पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष व बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर ने जुलाई 2022 से जनवरी 2023 के बीच कालेजों को संबद्धता दी। संबद्धता के बाद 11 से 18 फरवरी 2023 के बीच विद्यार्थियों का नामांकन किया गया। 28 फरवरी 2023 से परीक्षाओं की तारीख घोषित कर दी। परीक्षाएं सत्र 2020-21 की कराई जा रही हैं। जिनकी परीक्षा कराई जा रही है, उन्होंने चार साल पहले प्रवेश लिया था। बैक डेट में संबद्धता दी गई है। विद्यार्थी भी सत्यापित नहीं हैं। हाई कोर्ट ने परीक्षा पर रोक लगा दी है। सीबीआइ जांच के बाद ही परीक्षा पर फैसला होगा।
ग्वालियर के ये छह कालेज, जहां नियमों को ताक पर रखा गया
– रामनाथ सिंह नर्सिंग कालेज, आयुष नर्सिंग कालेज, फ्लोरेंस नाइट एंगल नर्सिंग कालेज, जय मां भगवती नर्सिंग कालेज, मां कैलादेवी नर्सिंग कालेज व कालेज आफ नर्सिंग साइंस। इन कालेजों में 2018 के नियमों के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं थे।
– मान्यता नियम 2018 के अनुसार जो सुविधाएं मिलनी चाहिए थी, वह कालेजों में नहीं थी।
ऐसे बनाने होंगे ग्रुप
– प्रदेश में सरकारी कालेज कितने द्य10 साल से पुराने नर्सिंग कालेज
– पांच से 10 साल पुराने कालेज
– शून्य से पांच साल पुराने नर्सिंग कालेज