ग्वालियर   शहर में नेशनल बिल्डिंग कोड का उल्लंघन कर गली-मोहल्लों में मल्टी व बिल्डिंग के निर्माण कार्य चल रहे हैं। कहीं भी सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। वहीं नगर निगम के जिम्मेदार भी इन पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। खास बात यह है कि नेशनल सेफ्टी काउंसिल जिसे सुरक्षा के मानकों का पालन करवाने के लिए सेफ्टी आडिट करनी चाहिए, वह भी लापरवाह बना हुआ है।

निगम की टीम नहीं जाती जांच के लिए

सुरक्षा के मानकों को लेकर कभी नहीं की जाती जांच

अस्पताल, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, महाराज बाड़ा जैसी जगहों पर सुरक्षा जांचने के लिए माक ड्रिल और जागरूकता कार्यक्रम किए जाते हैं, लेकिन अन्य जगहों पर सुरक्षा के मानकों को लेकर कभी भी जांच नहीं की जाती हैं। फायर विभाग की ओर से पूर्व में अस्पताल की जांच करते हुए खामियां मिलने पर 200 से अधिक अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी किया गया, लेकिन उसके बाद से कोई कार्रवाई नहीं की। लिफ्ट को लेकर दो साल पूर्व हुए हादसे के बाद निगम अमले ने अभियान चलाते हुए घर-घर व संस्थान पर जाकर जांच की और खामियां मिलने पर नोटिस जारी कर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए कहा गया, लेकिन उसके बाद से यह कार्रवाई ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। इसी प्रकार शहर में शार्ट सर्किट से आएदिन मकान, बिल्डिंग में हादसे व आग लगने की घटनाएं होती हैं। शहर में बिल्डिंग-मल्टी का कार्य भवन शाखा पर है, लेकिन जिम्मेदार कभी भी फील्ड में नहीं जाते हैं। नेशनल सेफ्टी काउंसिल सुरक्षा मानकों की समय-समय पर आडिट करती है। नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के अनुसार सुरक्षा उपकरण भवन में होने चाहिए। साथ ही अर्थिंग सिस्टम आदि की भी जांच समय-समय पर निगम की भवन शाखा, विद्युत विभाग व फायर विभाग को करनी चाहिए, इसमें तीनों ही विभाग रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यही वजह है कि शहर में धड़ल्ले से बिल्डिंग व मल्टी का निर्माण किया जा रहा है।