ग्वालियर . जिला प्रशासन के निर्देशों के बाद नगर निगम ने यशोदा रेजीडेंसी में नियम विरुद्ध निर्माण सहित अन्य गड़बड़ियों पर कार्रवाई शुरू की है। यह टाउनशिप तैयार करने वाली यशोदा गृह निर्माण सहकारी संस्था के कालोनाइजर लाइसेंस के बदले बंधक रखी पांच लाख रुपये की बैंक गारंटी को जब्त करने के साथ ही खाली पड़े भूखंडों और संपत्तियों को राजसात करने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा विकास कार्यों के बदले में बंधक रखे गए एक भूखंड को भी राजसात किया जाएगा। निगम में यशोदा टावर की मंजूरी की फाइल भी नहीं मिली है। इस मामले में सोमवार को निगमायुक्त ने सात बिंदुओं पर आदेश जारी कर दिए हैं। इस टाउनशिप के लिए टीएंडसीपी द्वारा जारी की गईं तीन विकास अनुज्ञाओं को पूर्व में ही रिवाक किया जा चुका है।

जारी किए गए आदेश में किया है उल्लेख

निगमायुक्त द्वारा जारी किए गए आदेश में उल्लेख किया गया है कि संस्था के डायरेक्टर को गत 28 फरवरी को सुनवाई के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। ऐसे में अब लाइसेंस के बदले बंधक राशि जब्त करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा यशोदा टावर की मंजूरी की फाइल नहीं मिलने के कारण तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों से प्रतिवेदन लेने के आदेश दिए गए हैं। संस्था द्वारा आज तक कमजोर आय वर्ग के भवनों का निर्माण नहीं किया गया था। सिर्फ पिलर बनाकर छोड़ दिए गए हैं, अब उनकी भरपाई के लिए अबिक्रीत ड्यूप्लेक्स, फ्लैट और भूखंडों की जानकारी जुटाई जा रही है।

राजसात करने की प्रक्रिया शुरू

नगर निगम से प्राप्त की गई अनुमतियों में विकास कार्यों के बदले में 325.04 वर्गमीटर क्षेत्रफल का भूखंड क्रमांक एक बंधक रखा गया था, अब इसे राजसात करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उपायुक्त संपत्तिकर को आदेश दिए गए हैं कि अबिक्रीत संपत्ति की जानकारी दी जाए, जिनसे निगम को संपत्तिकर नहीं मिलता है। उन्हें निगम अपने कब्जे में लेगा। इसके साथ ही सहायक सिटी प्लानर बीके त्यागी, भवन अधिकारी वीरेंद्र शाक्य, भवन निरीक्षक अनिल श्रीवास्तव और पटवारी शैलेंद्र श्रीवास्तव को आदेश दिए गए हैं कि वे स्थल निरीक्षण कर अवैध निर्माण की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। वहीं एसडीएम को पत्र लिखा गया है कि टीएंडसीपी द्वारा दी गई विकास अनुज्ञा के अनुसार स्थल का सीमांकन करें, ताकि बाकी खाली जमीन को भी राजसात किया जा सके।