ग्वालियर : सायबर क्राइम क्रैक ..?
सायबर क्राइम क्रैक करने की जिनमें जिद, अब उन्हीं अफसरों को इंवेस्टिगेशन की कमान …
ग्वालियर. । सायबर क्राइम की लगातार बढ़ती घटनाएं, हाईटेक होते अपराधी और सायबर अपराध के नए-नए तरीके… पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती हैं। हर रोज लाखों रुपये तक के फ्राड से लेकर स्टाकिंग की घटनाएं हो रही हैं। इन चुनौती से निपटने के लिए अब ऐसे पुलिस अफसर और पुलिसकर्मियों को सायबर क्राइम से लड़ने के लिए चुना जा रहा है, जो तकनीकि रूप से दक्ष हैं। जिनमें सायबर क्राइम क्रैक करने की जिद है।
यहां बता दें, अक्सर पुलिस महकमे में फील्ड पोस्टिंग, रेत, पत्थर की खदान, हाइवे वाले थानों की चाह अफसरों को होती है। वहीं ग्वालियर पुलिस के कुछ चेहरे ऐसे भी हैं, जो सायबर क्राइम को टास्क के रूप में लेकर हजारों किलोमीटर दूर बैठकर इंटरनेट के जरिये अपराध को अंजाम दे रहे सायबर अपराधियों को ढूंढने में दिन-रात लगे हैं। साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों को पकड़ने के साथ ही पुलिस के सायबर एक्सपर्ट के रूप में पहचाने जाने वाले यह चेहरे ठगी गई रकम वापस दिलाने में भी आगे हैं। अब ग्वालियर पुलिस के अफसर ऐसे ही कुछ और पुलिसकर्मियों की तलाश में हैं, जो तकनीकि रूप से दक्ष हैं।
साइबर क्राइम ट्रैक करने में मिलती है अहम जानकारी
क्राइम ब्रांच की सायबर सेल में करीब चार साल से सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र शर्मा काम कर रहे हैं। उन्होंने बीसीए किया है। धर्मेंद्र बताते हैं- अब सायबर अपराध सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। शुरुआत में यहां पोस्टिंग हुई तो कुछ अटपटा लगा। पुलिस तो फील्ड की नौकरी है, यहां दफ्तर में फंस गए। इसके बाद इसमें रुचि आने लगी। सायबर क्राइम ट्रैक करने के दौरान ही ऐसी जानकारियां मिलीं, जो फील्ड में रहकर कभी नहीं मिल सकती थीं। यह मेरे लिए लर्निंग की तरह है।
यह नए तरीके की पुलिसिंग
मैंने कंप्यूटर साइंस से बीई किया हुआ है। सायबर क्राइम में शुरू से ही मेरी रुचि थी। यहां आकर देखा, किस तरह लोग परेशान होते हैं। यह नया तरीके का अपराध है। हम उनकी मदद कर पाते हैं। अपराधियों को पकड़ने के साथ हम जागरूक भी कर रहे हैं। सायबर क्राइम में काम करना एक नई तरीके की पुलिसिंग है। हमारी पूरी टीम ऐसी ही है, जो उत्साह के साथ काम करती है। कुछ पुलिसकर्मी ऐसे भी हैं, जिनके पास टेक्नीकल डिग्री नहीं है, लेकिन उनका इंट्रेस्ट है, इसलिए वह बेहतर काम कर रहे हैं।
92 लाख रुपये वापस कराए, 100 से ज्यादा मामले किए ट्रैस
क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने ठगी के अलग-अलग मामलों में सक्रियता दिखाते हुए 92 लाख रुपये फ्रीज कराए और रुपये खाते में वापस कराए। साइबर क्राइम की पड़ताल करने वाली टीम ने 100 से ज्यादा मामले ट्रैस किए। इसमें सबसे ज्यादा आरोपित बिहार, झारखंड, दिल्ली और हरियाणा के पकड़े।