इंदौर : जमीनों की बंदरबांट: सहकारी संस्थाओं की एफआइआर तलब

ईडी की कार्रवाई: चंपू-चिराग और खत्री से जुड़े मामलों की होगी जांच …

कौड़ियों के दाम हुए कीमती जमीनों के सौदे …

इंदौर. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन के जालसाज दीपक मद्दा उर्फ दीपक जैन से जुड़े मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग का केस करने के बाद अब सहकारी संस्थाओं की जमीनों की बंदरबाद से जुड़े मामलों को जांच में लिया है। दस्तावेजों की जांच में सभी संदेहियों के बीच लेन-देन के सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर ईडी जल्द ही अन्य से भी पूछताछ करेगी। ईडी ने सबसे पहले मद्दा व अन्य से जुड़े मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर सुरेंद्र संघवी, प्रतीक संघवी, केशव नाचानी, नितेश शाहरा और दीपेश जैन से पूछताछ की है। इसके पूर्व छह स्थानों पर सर्चिंग कर करोड़ों की प्रॉपर्टी के दस्तावेज जब्त किए थे।

ईडी सुरेंद संघवी और प्रतीक संघवी के साथ दिलीप सिसौदिया उर्फ दीपक जैन उर्फ दीपक मद्दा के जमीनों के खेल की जांच कर रहा है। संघवी पिता-पुत्र और मद्दा के परिवार के लोग उन जमीनों को कौड़ियों के दाम खरीद लेते थे, जिनके भाव बढ़ने वाले होते थे। इसका उदाहरण कल्पतरु गृह निर्माण संस्था की जमीनों की खरीदी-बि₹ी है। ईडी को कई संस्थाओं के दस्तावेज मिले हैं। इसमें कल्पतरु गृह निर्माण संस्था के दस्तावेज भी हैं। इस संस्था के 2011-12 के रिकॉर्ड में संस्था की जमीनों की बंदरबांट सामने आ रही है। संस्था से कई एकड़ जमीन संघवी पिता-पुत्रों ने खरीदी है, लेकिन उनके दाम बेहद मामूली चुकाए गए हैं। संघवी और मद्दा के परिवार के अलावा कई और लोगों को म दाम में संस्था ने जमीन दे दी। सहकारिता विभाग जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहा है।

बॉबी की जमीन की तरह अन्य प्रॉपर्टी होंगीं अटैच

ईडी का मानना है कि संस्था सदस्यों के आवास के सपने को पूरा करने के लिए जमीनें खरीदी गईं, लेकिन बिल्डर, डेवलपर्स के बीच बंदरबांट हो गई। सदस्य अब भी संघर्ष कर रहे हैं। ईडी पहले भूमाफिया बॉबी छाबड़ा की जमीन को अटैच कर चुकी है। जमीनों का अन्य दुरुपयोग रोकने के लिए इन संस्थाओं की खाली पड़ी जमीनों को भी अटैच करने की तैयारी है।

सभी के बीच लेन-देन के सबूत

ईडी अफसरों के अनुसार शुरुआती जांच मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था, त्रिशला संस्था व सिम्प्लेक्स कंपनी से जुड़ी प्रॉपर्टी को लेकर थी, लेकिन सर्चिंग के बाद श्रीराम नगर संस्था, देवी अहिल्या संस्था के साथ ही अन्य सहकारी संस्थाओं से जुड़े मामले भी हाथ में लिए हैं। सहकारी संस्थाओं की जमीनों से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले में पहले बॉबी छाबड़ा, मुकेश खत्री, रणबीरसिंह सूदन पर एफआइआर हुई थी। अन्य जमीनों की धोखाधड़ी में चंपू अजमेरा, चिराग शाह, कैलाश गर्ग, अरुण डागरिया, नीलू पंजवानी आदि पर भी केस दर्ज हुए थे। सभी एफआइआर की जानकारी ईडी ने बुला ली है। दस्तावेजों से पता चला है कि संस्थाओं व अन्य जमीनों की खरीदी-बि₹ी में अधिकतर यही आरोपी शामिल रहे हैं, इनके बीच काफी लेन-देन भी हुआ है।

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