पुलिस परंपरागत, लुटेरे हाइटेक
पुलिस परंपरागत, लुटेरे हाइटेक:चंबल में बदला लूट-ठगी का तरीका, 3 माह में हथियारों की नोक पर सिर्फ छह लूट, मोबाइल से ठगी के 51 केस
- अब माेबाइल से ज्यादा हाे रहीं घटनाएं, तीन महीनों में ठगों ने 42 लाख रुपए की रकम ठगी
- भिंड पुलिस ने पकड़ा सायबर ठगी का एक आरोपी, झारखंड के जामताड़ा से जुड़े हैं तार
चंबल के बीहड़ों में अब लूट और ठगी का तरीका बदल गया है। बदमाश अब कट्टे और बंदूक की नोंक के बजाए कंप्यूटर और एंड्रायड मोबाइल फोन के जरिए बैंक में जमा लोगों की गाढ़ी कमाई को उड़ा रहे हैं। पिछले तीन महीने में 51 से ज्यादा मामलों में बदमाश 42 लाख रुपए से अधिक रकम उड़ा चुके हैं। हालांकि भिंड पुलिस ने ऐसे ही एक शातिर ठग को पकड़ा है, जो कि जिले के लोगों को अपना शिकार बना चुका है।
यहां बता दें कि जिले में पिछले तीन महीनों (जनवरी, फरवरी और मार्च) में हथियारों की नोंक पर लूट की मात्र 6 वारदातें हुई हैं। लेकिन इसी दरम्यान मोबाइल फोन के जरिए ठगी के 51 मामले अब पुलिस के सामने आ चुके हैं। इसके अलावा कई लोग ऐसे भी हैं जो कि पुलिस के पास हीं नहीं पहुंचे हैं। स्थिति यह है कि अब बदमाश सीधे सामने आकर जेब में रखे पैसों को लूटने के बजाए उनके बैंक खातों में जमा राशि को उड़ाने को ज्यादा आसान मान रहे हैं। वहीं बदमाशों द्वारा ठगी का हर बार पैटर्न बदल लिए जाने से पुलिस भी इन पर रोक नहीं लगा पा रही है।
सांप ज्यादा पाए जाते हैं पड़ा जामताड़ा नाम, अब ठगी के लिए कुख्यात
यहां बता दें कि जामताड़ा, झारखंड राज्य का एक जिला है। यहां बड़ी संख्या में सांप पाए जाते हैं। इन सांपों की वजह से ही इस जिले का नाम जामताड़ा पड़ा है। दरअसल संथाली भाषा में जामा का मतलब होता है सांप और ताड़ का मलतब होता है आवास। यहां बड़ी संख्या में सांप पाए जाते हैं। वहीं जामताड़ा को बॉक्साइट की खदानों के लिए भी जाना जाता है। लेकिन वर्तमान में जामताड़ा की पहचान एक फोन पर लोगों को कंगाल बनाने के रुप में हो गई है। इसके ऊपर एक बेबसीरीज भी बन चुकी है।
- 51 सायबर ठगी पिछले तीन महीने में पुलिस के सामने आईं।
- 06 लूट की वारदातें इन तीन महीनों में हुई।
- 06 लूट इन्हीं तीन महीने में पिछले साल 2020 हुई।
पुलिस ने पकड़ा ठग, पूरा परिवार इसी कारोबार में
जिले में बढ़ रहे सायबर अपराधों के बीच भिंड पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग को पकड़ा है, जिसका पूरा परिवार इसी कारोबार में संलिप्त बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है कि उसने भिंड शहर के अलावा और कहां कहां लोगों को अपना शिकार बनाया है। वहीं पकड़े गए आरोपी के बैंक खाते में भी पुलिस को करीब 1.5 लाख रुपए भी मिले हैं।
बैंकर्स ने पुलिस को बताया कि उक्त आरोपी के चार खाते हैं, जिसमें प्रत्येक खाते का पिछले 7-8 महीनो में उसके बैंक अकाउंट में 10 से 12 लाख रुपए ट्रांजेक्शन हुआ है। बताया जा रहा है कि पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी का दामाद झारखंड राज्य के जामताड़ा जिले में नौकरी की तलाश में गया था। जहां करीब डेढ़ साल तक उसने एक होटल में नौकरी की। इसी दौरान वह फोन के जरिए लोगों के बैंक खाते से पैसे उड़ाना सीख गया, जिसके बाद उसने इस काम में अपने ससुर को भी जोड़ लिया।
ऑनलाइन बैकिंग उपयोग करते हैं तो उसका पासवर्ड बदलते रहें
- किसी भी हाल में ओटीपी, क्रेडिट या डेबिट कार्ड का सीवीवी, एक्सपायरी डेट व जन्म तिथि की जानकारी साझा न करें। बैंक स्टेटमेंट में ई-टीडीआर/ ई-एसटीडीआर (इलेक्ट्रोनिक टर्म डिपोजिट/ इलेक्ट्रोनिक स्पेशल टर्म डिपोजिट) में डेबिट राशि असल में डेबिट नहीं होती। वह एफडी के रुप में अकाउंट में सुरक्षित रहती है।
- बैंक से आने वाला मैसेज समझ न आने पर बैंक जाकर मदद लें। क्योंकि खाते की राशि को फिक्स डिपोजिट (टीडीआर/एसटीडीआर) करने के लिए ओटीपी की आवश्यकता नहीं होती। इसी कारण ठगी करने वाला आपकी इंटरनेट बैंकिंग को एक्सेस कर राशि की एफडी बना देते हैं, जो कि बैंक स्टेटमेंट में भी डेबिट दिखाता है।
- यदि आप ऑनलाइन बैकिंग उपयोग करते हैं तो समय समय पर उसका पासवर्ड बदलते रहें। अपने पासवर्ड को मन में याद रखें। उसे कहीं लिखकर न रखें। साथ ही उसे किसी के साथ साझा न करें। किसी भी प्रकार के अनजान मेल अथवा मैसेज पर प्राप्त लिंक पर विश्वास न करें
- लिंक के माध्यम से खुले बेब पेजों पर अपनी निजी व बैंक अकाउंट संबंधी जानकारी डालें। किसी भी प्रकार के ओटीपी को किसी भी व्यक्ति के साथ साझा न करें। क्योंकि कोई भी बैंक आपसे आपका ओटीपी नहीं पूछता। इन सावधानियाें से आसानी से ठगी से बचा जा सकता है।
ठगी होने पर तुरंत दें सूचना : यदि आपके साथ ऐसा कोई अपराध या ठगी होती है तो तुरंत नजदीकी पुलिस थाने जाकर या फिर ऑनलाइन www.cybercrime.gov.in या टोल फ्री नंबर 155260 पर शिकायत दर्ज कराएं।